चारों वेदों में सामवेद यद्यपि आकार की दृष्टि से सबसे छोटा है, फिर भी इसकी प्रतिष्ठा सर्वाधिक है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में कहा है कि ‘‘वेदानां सामवेदोऽस्मि’’। ऐसा सुनकर मन में यह भाव उदित होता है कि सामवेद में ऐसी कौन सी श्रेष्ठता और विशेषता ह…
अथर्ववेद के अनेक स्थलों पर साम की विशिष्ट स्तुति ही नहीं की गई है, प्रत्युत परमात्मभूत ‘उच्छिष्ट’ (परब्रह्म) तथा ‘स्कम्भ’ से इसके आविर्भाव का भी उल्लेख किया गया मिलता है। एक ऋषि पूछ रहा है जिस स्कम्भ के साम लोभ हैं वह स्कम्भ कौन सा है? दूसरे मन्त्र म…