सामान्यतया कहा जा सकता है कि सामाजिक तथ्य एक अत्यंत जटिल विचार है, जिसमें बाह्यता, बाध्यता और अपरिहार्यता के गुण विद्यमान होते हैं। दुर्खीम ने समाजशास्त्र की अपनी वैज्ञानिक दृष्टि को जिस मूलभूत सिद्धांत पर आधारित रख वह सामाजिक तथ्यों की वस्तुपरक वास्त…