स्वामी दयानंद सरस्वती

स्वामी दयानंद सरस्वती के धार्मिक विचार एवं सामाजिक विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती  आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 1824-1883 ई. में गुजरात के काठि़यावाड़ के टंकारा गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम मूलशंकर था। 1874 ई. में इलाहाबाद में उन्होंने अपनी पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश‘ को पूरा किया। उन्…

स्वामी दयानंद सरस्वती का शिक्षा दर्शन / शैक्षिक विचार

स्वामी दयानंद सरस्वती शिक्षा को एक प्रक्रिया मानते हैं। उनके अनुसार यह प्रक्रिया गर्भावस्था से प्रारम्भ होती है और जीवन-पर्यन्त चलती रहती है। उन्होंने शिक्षा को आन्तरिक शुद्धि के रूप में माना है। यह शुद्धि आचरण, विचार तथा कर्म में प्रदर्शित होती है। ए…

स्वामी दयानन्द सरस्वती का जीवन परिचय

दयानंद सरस्वती ब्रह्म को निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान एवं सर्वज्ञ मानते हैं। साथ ही वे जीवात्माओं एवं पदार्थों के स्वतंत्र अस्तित्व को भी स्वीकार करते है। उनके अनुसार ब्रह्म या ईश्वर इस ब्रह्माण्ड का कर्ता है, पदार्थ जन्य इसके उपादान का कारण है औ…

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