हड़प्पा सभ्यता

हड़प्पा सभ्यता का उद्भव और विस्तार

हड़प्पा की सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी की सभ्यता भी कहते हैं। हड़प्पा की सभ्यता की खोज 1920.22 में की गई थी, जब इसके दो बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थलों पर खुदाई की गई थी। ये स्थान थे, रावी नदी के किनारे बसा हड़प्पा और सिंधु नदी के किनारे बसा मोहनजोदड़ो। पहले …

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि की उत्पत्ति

भारत में लिखने की कला का ज्ञान लोगों को अत्यन्त प्राचीन काल से है। इसके प्राचीनतम नमूने सिंधु घाटी (पंजाब के मांटगोमरी जिले के हड़प्पा तथा सिंध के लरकाना जिले के मोहन-जो-दड़ो में प्राप्त सीलों पर) में मिले हैं। हेरास, लैंग्डन, स्मिथ, गैड तथा हंटर ने इ…

हड़प्पा सभ्यता #सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल

हड़प्पा सभ्यता के कुछ स्थलों को लेते है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, इस चरण की मुख्य विशेषताओं में से एक इस संस्कृति में इसकी पूर्ण एकरूपता है। सिंधु, पंजाब या राजस्थान में स्थित भवन 1ः2ः4 के अनुपात वाली ईंटों का उपयोग करके बनाए गए थे। घर की ईंटो…

सिन्धु घाटी सभ्यता की लिपि की उत्पत्ति के विषय में मत

हड़प्पावासी शिक्षित थे। हड़प्पा की मुद्राओं पर अनेक प्रकार के चिह्न या आकृतियां बनी हैं। हाल ही में किए गए अध्ययनों से यह संकेत मिले हैं कि हड़प्पा की लिपि में लगभग 400 चिह्न हैं और इसे दाई से बाई ओर को लिखा जाता है। परन्तु अभी तक इस लिपि को पढ़ा नहीं…

हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना की विशेषताओं की विवेचना

हड़प्पा की सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी की सभ्यता भी कहते हैं। हड़प्पा की सभ्यता की खोज 1920.22 में की गई थी, जब इसके दो बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थलों पर खुदाई की गई थी। ये स्थान थे, रावी नदी के किनारे बसा हड़प्पा और सिंधु नदी के किनारे बसा मोहनजोदड़ो। पहले…

हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारणों का वर्णन \\ हड़प्पा सभ्यता का अंत कैसे हुआ?

भारत में कांस्य युगीन सभ्यता सिंधु घाटी और इसके अगल-बगल के क्षेत्रों में विकसित हुई। इसे इसके सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शहरों में से एक शहर हड़प्पा के नाम से हड़प्पा सभ्यता कहते हैं; इसे विस्तृत सिन्धु घाटी सभ्यता भी कहा जा सकता है। इस सभ्यता के नगर 1920…

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