कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ

कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948  कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ  समुचित सरकार- केन्द्रीय सरकार या रेलवे-प्रशासन के नियंत्रण में प्रतिष्ठानों, महापत्तनों, खानों या तेलक्षेत्रों के संबंध में समुचित सरकार केन्द्रीय सरकार तथा सभी प्रतिष्ठानों के संबंध में …

कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 क्या है?

कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 क्या है? i. अस्थायी आंशिक अशक्तता- अस्थायी आंशिक अशक्तता वह अशक्तता है, जिससे कर्मकार की उस नियोजन में उपार्जन क्षमता अस्थायी अवधि के लिए कम हो जाती है, जिसमें वह दुर्घटना के समय लगा हुआ था। ii. स्थायी आंशिक अशक्…

मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936 क्या है?

मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 प्रारंभ में यह अधिनियम कारखानों और रेलवे-प्रशासन में काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों के साथ लागू था, जिनकी मजदूरी 200 रुपये प्रतिमाह से अधिक नहीं थी। बाद में इसे कई अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा नियोजनों में लागू किया गया। इ…

श्रम विधान का अर्थ, उद्देश्य, महत्त्वपूर्ण सिद्धांत

श्रम विधान सामाजिक विधान का ही एक अंग है। श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान सामाजिक विधान की एक अलग श्रेणी में आते हैं।  औद्योगिक के प्रसार, मजदूरी अर्जकों के स्थायी वर्ग में वृद्धि, विभिन्न देशों के आर्थिक…

सामाजिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं भारत में सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता ?

‘सामाजिक सुरक्षा’ शब्द का उद्गम औपचारिक रूप से सन् 1935 से माना जाता है, जबकि प्रथम बार अमरीका में सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पारित किया गया। इसी वर्ष बेरोजगारी, बीमारी तथा वृद्धावस्था बीमा की समस्या का समाधान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किय…

मजदूरी एवं वेतन का अर्थ, परिभाषा, लक्षण अथवा विशेषताएं

मजदूरी - मजदूरी से आशय उस भुगतान से है जो कर्मचारियों को कार्य के पारिश्रमिक के रूप में दिया जाता है। जो साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक होता है। मजदूरी की राशि में अन्तर कार्य के घण्टों में परिवर्तन के अनुरूप होता है। मजदूरी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों …

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