अधिकतर शारीरिक स्थितियों को हेतुकी एवं संरचात्मक विकृति के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ सामान्य चिकित्सकीय स्थितियों जैसे माइग्रेन,ट्राईजेमिनल न्यूरालजिया को अभी तक इस प्रकार से वर्गीकृत नहीं किया जा सका है, जिसके कारण उनका वर्गीकरण केवल ल…
संसार में पंच महा भूतो में आकाश तत्व प्रधान होता है। यह सबसे अधिक उपयोगी एवं प्रथम तत्व है। जिस प्रकार परमात्मा असीम एंव निराकार है उसी प्रकार आकाश तत्व का असीम एवं निराकार है। आकाश तत्व का उसी प्रकार नाश नही हो सकता जिस प्रकार ईश्वर को कभी नश्ट नह…
प्राकृतिक तत्वों जैसे- धूप, मिट्टी, जल, हवा आदि द्वारा रोग पर तुरन्त नियंत्रण प्राप्त करने की पद्धति को प्राकृतिक चिकित्सा कहते है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति रोगों को जड़ से समाप्त करने में सक्षम है। प्राकृतिक चिकित्सा सभी चिकित्सा प्रणालियों में सर्व…
पैरा थायराइड ग्रंथि (Parathyroid gland) मसूर के दाने के आकार की चार छोटी-छोटी ग्रंथियों का समूह है, जिनमें से प्राय: दो-दो थाइरॉइड ग्रंथि के प्रत्येक खण्ड की पोस्टीरियर (पिछली सतह) में स्थित रहती है। ये लगभग 3-4 मि0मी0 व्यास की होती है और पीले भूरे र…
थायराइड ग्रंथि ग्रीवा में श्वास प्रणाल (Trachea) के सामने निचले सर्वाइकल और प्रथम थोरेसिक वर्टिब्रा के स्तर पर स्थित रहती है। यह दो खण्डों में विभक्त रहती है जो लेरिक्स (स्वर यंत्र) और ट्रेकिया (श्वास प्रणाल) के मध्य जोड़ के दोनों तरफ स्थित रहती है। …
हमारे शरीर में दो अधिवृक्क ग्रंथियाँ Adrenal gland होती हैं तथा दोनों गुर्दों की चोटी पर स्थित होती है। यह connective tissue capsule से घिरी होती हैं और आंशिक रूप से वसा के एक द्वीप में दबी रहती हैं। अधिवृक्क ग्रंथि को Suprarenal Glands भी कहा जाता है…
पीयूष ग्रंथि क्या है? मानव शरीर रचना में पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland या Hypophysis एक मटर के आकार की अंत:स्रावी ग्रंथि है। मनुष्यों में इसका वजन 0.5 ग्राम (0.02 ओस) होता है। यह Sella Turnica या Hypophysial Fosa में Hypothalamus के नीचे स्थित होती …