करारोपण का अर्थ, परिभाषा, सिद्धांत एवं वर्गीकरण

करारोपण एक अत्यन्त प्राचीन अवधारणा है। सरकारों को अपने सार्वजनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए करारोपण द्वारा अनिवार्य रूप से कुछ धनराशि बसूली जाती है जिसे जनता द्वारा अदा किया जाता है। करारोपण का निर्धारण सरकारों द्वारा मनमाने ढंग से नहीं किया जा सक…

कार्यात्मक वित्त का अर्थ, परिभाषा एवं उद्देश्य

कार्यात्मक वित्त शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिकी अर्थशास्त्री प्रो0 लर्नर ने किया था। परन्तु वित्त को कार्यात्मक बनाने का श्रेय कीन्स को जाता है। कीन्स द्वारा वित्त का उपयोग मन्दी एवं बेरोजगारी को दूर करने के लिये किया गया। जिन सामान्य उपकरणों की की…

लोक व्यय अर्थव्यवस्था के किन-किन क्षेत्रों को प्रभावित करता है?

इसमें आप लोक व्यय के अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों से परिचित हो सकेंगे। जिससे उत्पादन, बृद्धि, वितरण और स्थिरीकरण पर पड़ने वाले प्रभावों को शामिल किया गया है। लोक व्यय का उत्पादन पर अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। प्रत्…

लोक व्यय के उद्देश्यों का निर्धारण किस प्रकार किया जाता है ?

लोक व्यय के आवंटन उद्देश्यों से हमारा तात्पर्य लोक व्यय की विभिन्न मदों पर व्यय की जाने वाली राशि से है जिसके द्वारा व्यक्तिगत कल्याण के स्थान पर सामाजिक कल्याण को अधिकतम किये जाने का प्रयास किया जाता है। जबकि वितरण के अन्तर्गत लोक व्यय से प्राप्त कल्…

लोक वित्त का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र - Public Finance: Meaning, Definition

लोक वित्त की अवधारणा के अन्तर्गत लोक वित्त की परिभाषा, विचारधारा एवं सिद्धान्त आदि आते हैं । लोक वित्त की अवधारणा को और स्पष्ट करने हेतु सर्वप्रथम हमें इसके अर्थ के बारे में जानना होगा । परम्परागत् तौर पर लोक वित्त को राजस्व भी कहते हैं ,जिसका अर्थ है…

लोक वित्त का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, प्रकृति एवं महत्व

लोकवित्त अथवा राजस्व अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो सरकार के आय-व्यय का अध्ययन करती है। राजस्व को लोकवित्त के पर्यायवाची शब्द के रूप में किया जाता है। राजस्व, संस्कृत भाषा का शब्द है जो दो अक्षरों-’राजन + स्व’ से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है।- ‘राजा …

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