सामाजिक नियंत्रण क्या है सामाजशास्त्रियों ने सामाजिक नियंत्रण के अलग-अलग साधन बताये है

बचपन से व्यक्ति माता-पिता और परिवार के बड़े-बूड़ों के नियंत्रण में रहता है, और शिक्षक या शिक्षण संस्था के नियंत्रण में रहता है। राज्य के सदस्य होने के कारण उस पर कानून एवं विधि का नियंत्रण होता है। अपने जीवन में उसे धर्म के नियंत्रण को स्वीकार करना पड…

धर्म का अर्थ, परिभाषा, धार्मिक व्यवहार

धर्म शब्द का अर्थ बाँधना है। अर्थात मनुष्य और ईश्वर के बीच संबंध स्थापित करने को धर्म कहते है। धर्म एक आस्था है। जो प्रत्येक मनुष्य के हृदय में होती है किसी में कम तो किसी में ज्यादा। धर्म मनुष्य को मनुष्य होने का बोध कराता है। वह सही गलत में फर्क बता…

संस्कृति का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएँ

संस्कृति जीवन की विधि है। जो भोजन आप खाते हैं, जो कपड़े आप पहनते हैं, जो भाषा आप बोलते हैं और जिस भगवान की आप पूजा करते हैं, ये सभी संस्कृति के पक्ष हैं। सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि संस्कृति उस विधि का प्रतीक है जिसमें हम सोचते हैं और कार्य करते …

समिति का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं

समिति व्यक्तियों का एक समूह है जो कि किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति हेतु बनाया जाता है। उस उद्देश्य की पूर्ति हेतु समाज द्वारा मान्यता प्राप्त नियमों की व्यवस्था को संस्था कहते हैं। बहुत से लोग इन दोनों को समान अर्थों में प्रयोग करते हैं जो कि उचित न…

समुदाय का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएं

समुदाय व्यक्तियों का एक विशिष्ट समूह है जोकि निश्चित भौगोलिक सीमाओं में निवास करता है। इसके सदस्य सामुदायिक भावना द्वारा परस्पर संगठित रहते हैं। समुदाय में व्यक्ति किसी विशिष्ट उद्देश्य की अपेक्षा अपनी सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयास करते रहत…

सामाजिक मूल्य का अर्थ, परिभाषा प्रकार एवं महत्व

मूल्य समाज के प्रमुख तत्त्व हैं तथा इन्हीं मूल्यों के आधार पर हम किसी समाज की प्रगति, उन्नति, अवनति अथवा परिवर्तन की दिशा निर्धारित करते हैं। इन्हीं मूल्यों द्वारा व्यक्तियों की क्रियाएँ निर्धारित की जाती हैं तथा इससे समाज का प्रत्येक पक्ष प्रभावित हो…

समाजशास्त्र का अर्थ, परिभाषा, उत्पत्ति, प्रमुख विशेषताएं

समाजशास्त्र एक महत्वपूर्ण सामाजिक विज्ञान है क्योंकि यह लोगों के जीवन से सीधा सरोकार रखता है। सभी मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं. सामाजिक संबंधों के बिना न बच्चों का ठीक से विकास हो पाता, न वयस्कों को दिशा मिल पाती। मानव अस्तित्व के लिए समाज का होना जरूरी…

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