इतिहास का अर्थ, परिभाषा एवं वर्गीकरण

इतिहास (History) की व्युत्पत्ति जर्मन शब्द ‘गेस्चिचटे’ से मानी जाती है, जिसका अर्थ है विगत घटनाओं का विशेष एवं बोधगम्य विवरण। इति-ह-आस में अंतिम शब्द अधिक महत्व रखता है, क्योंकि इसका उल्लेख प्राचीन वाडग़्मय में बहुत स्थानों पर हुआ है। ‘इतिहास’ शब्द त…

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क्या है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आवश्यकता क्यों है?

भारत का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष, सहिष्णु और उदार समाज की गारंटी देता है। संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मनुष्य का एक सार्वभौमिक और प्राकृतिक अधिकार है। …

जयप्रकाश नारायण के राजनीतिक विचार

लोकनायक जयप्रकाश नारायण एक राजनीतिक दार्शनिक की अपेक्षा एक सामाजिक दार्शनिक अधिक थे। उन्होंने जीवन भर साधारण जनता के कल्याण के लिए अपना संघर्ष किया। उन्होंने राजनीतिक भ्रष्टाचार को सभी सामाजिक समस्याओं की जड़ माना और समय-समय पर राजनीति में सुधारों क…

सहसंबंध गुणांक क्या है ? - What is correlation coefficient?

सहसम्बंध गुणांक एक ऐसी अनुपातिक संख्या होती है जो दो चरों के बीच सहसम्बंध की प्रकृति (धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य) और उसकी मात्रा दोनों का स्पष्ट बोध कराती है।  गिलफोर्ड के शब्दों में - ‘सहसम्बंध गुणांक वह संख्या है जो हमें यह बताती है कि दो चीजें (च…

पर्यावरण शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, प्रकृति, महत्व

पर्यावरण शिक्षा उस विशिष्ट शिक्षा को कहते है जो जन-समुदाय को पर्यावरण जानकारियों से परिचित कराकर पर्यावरण बोध को पुष्ट करती है, पर्यावरण कठिनाइयों के कारण और निवारण का मार्ग ढूँढती है तथा भविष्य की कठिनाइयों से आगाह कर जीवन को निरापद बनाने का मार्ग प्…

पर्यावरण का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं तत्व

पर्यावरण (Environment) शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है - परि आवरण। ‘परि’ का अर्थ है- चारों तरफ से और ‘आवरण’ का अर्थ है- ढँके हुए। इस प्रकार पर्यावरण या वातावरण शब्द का अर्थ हुआ व्यक्ति के आस-पास और चारों ओर जो कुछ भी है, वही उसका पर्यावरण कह…

अनुसूचित जाति किसे कहते हैं अनुसूचित जाति या दलितों की समस्याएं?

अनुसूचित जातियाँ (Scheduled caste) भारतीय समाज की वे जातियाँ है, जिन्हें परंपरागत रुप में अस्पृश्य समझा जाता रहा है और अस्पृश्यता के आधार पर ये जातियाँ अनेक सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक अयोग्यताओं की शिकार या पीड़ित रहीं है और इसलिए अनेक समस्य…

More posts
That is All