जब दो वस्तुओं के आपस में टकराने से वायु में कंपन हो और कर्ण-पटह तक पहुँचने से इसका अनुभव हो, तो उसे ध्वनि कहते हैं। प्रत्येक ध्वनि में कंपन होती है और प्रत्येक कंपन में ध्वनि होती है। कभी-कभी हाथ, पैर, डाली या पत्ती हिलने पर ध्वनि का आभास नहीं होता है…