अस्तित्ववाद के प्रमुख विचारक कौन हैं

अस्तित्ववाद बीसवीं सदी का दर्शन है हालांकि यह संज्ञान में काफी पहले आ गया था। अस्तित्ववाद से हमारा परिचय साहित्यिक आंदोलन के रूप में होता है। अस्तित्ववाद में सिद्धांत व विचार की अपेक्षा व्यक्ति के अस्तित्व को महत्व दिया गया। वह उन सभी मान्यताओं, सिद्ध…

ग्राम पंचायत किसे कहते हैं तथा उसके क्या क्या कार्य हैं?

ग्राम सभा एक ऐसी अवधारणा है जो सामान्य जन की आवश्यकताओं एवं इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है और जाति, धर्म, लिंग, वर्ग, राजनीतिक प्रतिबद्धता पर विचार किए बिना ग्रामीण समुदाय को सन्दर्भित करती है। यह आमजन की सर्वोच्चता को स्थापित करती है। ग्राम सभा स्था…

संगीत का अर्थ, परिभाषा, उत्पत्ति एवं मुख्य तत्व

संगीत की व्युत्पति “सम् गै (गाना) + कत” है अर्थात् ‘गै’ धातु में ‘सम’ उपसर्ग लगाने से यह शब्द बनता है। ‘गै’ का अर्थ है – ‘गाना’ और सम (सं) एक अव्यय, है, जिसका व्यवहार समानता, संगति, उत्कृष्टता, निरन्तरता, औचित्य आदि को सूचित करने के लिये किया जाता है।…

अर्थव्यवस्था के प्रकार और अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं

अर्थव्यवस्था मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि करने के लिये एक मानव निर्मित संगठन है। प्राचीनकाल में, ‘जीविका प्राप्त करना’ सरल था परन्तु सभ्यता के विकास के साथ यह अत्यंत जटिल हो गया है। यहां यह ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिस विधि से व्यक्ति जीविक…

भारतीय दर्शन क्या है? भारतीय दर्शन की प्रमुख विशेषताएं

भारतीय दर्शन अध्यात्म विद्या है। भारत में दर्शनशास्त्र मूल रूप से आध्यात्मिक है। ‘दर्शन’ शब्द दर्शनार्थक दृश् धातु से बनता है जिसका अर्थ है देखना या अवलोकन करना। अत: इसका व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ किया जाता है ‘दृश्यते अनेन इति दर्शनम्’ अर्थात् जिसके द्वार…

चार्वाक दर्शन क्या है ?

चार्वाक दर्शन क्या है ?  लोक में अन्यन्त प्रिय लोकायत- दर्शन ही चार्वाक दर्शन कहलाता है। देवताओं के गुरू बृहस्पति द्वारा प्रणीत होने के कारण इसका नाम बार्हस्पत्य-दर्शन है। ईश्वर और वेद के प्रामाण्य का सर्वथा खण्डन करने के कारण यह ‘नास्तिक दर्शन’ है। भ…

जैन धर्म के सिद्धांत और जैन धर्म की उत्पत्ति कब और कैसे हुई

भारतीय दार्शनिक चिंतन के मुख्य श्रोत वेद हैं। कुछ दर्शन वेद बाह्य भी हैं। उनमें आजीवक, चार्वाक, जैन एवं बौद्ध दर्शन मुख्य हैं। प्रारंभ में जैन मत धर्म के रूप में विकसित हुआ था, परंतु आगे चलकर विद्वानों ने उसके दर्शन को विकसित किया। जैन धर्म के प्रवर्…

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