महिला सशक्तिकरण क्या है? महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य क्या है?

महिला सशक्तिकरण का विस्तृत तात्पर्य है - महिलाओं को पुरुष के बराबर वैधानिक, राजनीतिक, शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में उनके परिवार, समुदाय, समाज एवं राष्ट्र की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में निर्णय लेने की स्वत्व अधिकार से है। महिला-सशक्तिक…

महिला समाख्या के उद्देश्य और मुद्दे क्या है?

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत महिला समाख्या कार्यक्रम निहित है। यह कार्यक्रम ग्राम स्तर पर महिलाओं के समूह निर्माण पर केन्द्रित है। महिला समाख्या के मुद्दे महिला समाख्या महिला सशक्तिकरण के मूलभूत पाँच मुद्दों पर कार्य करती है :- शि…

फतेहपुर का नामकरण और राजनीतिक इतिहास

फतेहपुर जनपद का वर्तमान स्वरूप, जैसा आज है सन् 1801 ई. के पहले नहीं था। ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने इस जनपद के विभिन्न भू-भागों को तत्कालीन अधिपतियों से छद्म समझौते के आधार पर छीनकर 1801 से लेकर 1825 ई0 तक बन्दोबस्त व्यवस्था निष्पादित कर आज का वर्तमान स्वर…

मेघालय राज्य की जानकारी – Information about Meghalaya in Hindi

मेघालय का शाब्दिक अर्थ है - मेघों का आलय यानि बादलों का घर, यह मूलत: एक पहाड़ी राज्य है। इस राज्य के प्राचीन इतिहास के सन्दर्भ में बहुत अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है। अंग्रेजों से इस क्षेत्र का सम्पर्क सबसे पहले 1765 में हुआ उस समय खासी जनजातियों के 2…

मिजोरम की सम्पूर्ण जानकारी | Information About Mizoram In Hindi

मिजो शब्द का अर्थ है पहाड़ी आदमी या पहाड़ का रहने वाला। यहॉं के निवासी मुख्यत: मंगोलाइड नस्ल के हैं। 1891 में यह क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अधीन आया तो इसके उत्तर का लुसाई पर्वतीय क्षेत्र असम के और दक्षिणी भाग बंगाल के अधीन रहा। 1898 में इन दोनों जिलों क…

मणिपुर का इतिहास

मणिपुर का इतिहास  मणिपुर ब्रिटिश शासन काल में एक रियासती राज्य था। मणिपुर का प्राचीन इतिहास काफी परिवर्तनशील तथा गौरवपूर्ण रहा है। यद्यपि इसका लिखित इतिहास उपलब्ध नहीं है। इतिहासकारों के अनुसार सन् 33 ई0 में पखंगबा (Pakhangba) ने यहॉं एक बड़े राजवंश क…

समेकित बाल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य, समेकित बाल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत दी जाने वाली सेवाएं

समेकित बाल विकास सेवाएं, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, किशोर बालिकाओं व 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण सम्बन्धी देखभाल, 0-6 वर्ष के बच्चों के शारीरिक संज्ञानात्मक, भावनात्मक एवं सामाजिक विकास तथा उनकी जरूरतों व अधिकारों के हेतु प्रारम…

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