गुरु अंगद देव जी का जीवन परिचय

गुरु नानक देव के बाद गुरु अंगद देव ने उनकी जगह ली । गुरु अंगद देव जी का जन्म 1561 विक्रमी संवत् में एक क्षत्रिय कुल में हुआ था । उनका पहला नाम लहना था । इनका विवाह खीवी नामक कन्या से हुआ था । इनके दो पुत्र दातू और दासू तथा दो पुत्रियाँ अमर कौर और अनोख…

धौति क्रिया के प्रकार

धौति का अर्थ है धोना या साफ करना । हठयोग में षट् क्रियाओं में धौति का महत्वपूर्ण स्थान है। धौति क्रिया से शरीर की आंतरिक सफाई होती है ।  धौति क्रिया के प्रकार मुख गुहा, आमाशय, छाटी आंत, बड़ी आंत की सफाई हेतु स्वामी घेरण्डनाथ जी ने विभिन्न धौतियां बताई…

लघु एवं कुटीर उद्योगों का अर्थव्यवस्था में महत्व

सामान्यतः उद्योग तीन प्रकार के होते हैं -लघु, मध्यम और वृहत । परन्तु कुटीर एवं सूक्ष्म उद्योगों को भी समय-समय पर सरकार द्वारा परिभाषित किया जाता है जिनको शामिल करके उद्योग पाँच प्रकार के हो जाते हैं- कुटीर उद्योग - प्रायः मोटे तौर पर लघु एवं कुटीर उद…

अनुसूचित जाति का इतिहास

भारतीय सामाजिक व्यवस्था में निचली ईकाई के रूप में मान्यता प्राप्त अस्पृश्य समझी जाने वाली अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के साथ सदियों से घोर अन्याय शोषण अपमान तथा गैर सामाजिक बराबरी का बर्ताव किया जा रहा है जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि यह वर्ग…

गुरु अर्जुन देव जी का इतिहास

पाँचवें गुरु के रूप में प्रतिष्ठित गुरु अर्जुन देव जी का जन्म अमृतसर में सन् 1563 को हुआ था । अपनी योग्यता, आध्यात्मिक विवेक और गुरु में अखण्ड विश्वास के कारण अठारह वर्ष की आयु में, उन्हें गुरु-गद्दी का उत्तराधिकारी बनाया गया । गुरु अर्जुन देव जी का, …

गजल क्या है

गजल उर्दू साहित्य की ऐसी विधा है जिसमें प्रेम और श्रृंगार का वर्णन अधिकता से होता आ रहा है यह बात गज़ल की शब्दिक परिभाषा में ही कही जाती है। वर्तमान में काव्य जगत और संगीत जगत में सबसे अधिक प्रभावित करने वाली रचना ‘गज़ल' है । गज़ल मूलतः फारसी भाषा…

गुरु गोविंद सिंह जी का इतिहास

गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद दसवें गुरु के रूप में उनके पुत्र गुरु गोविंद सिंह जी नौ वर्ष की अल्पायु में ही गुरु-गद्दी पर आसीन हो गए । गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म सन् 1666 में हुआ था । उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं । वे चारों ओर न्य…

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