पंचायती राज का इतिहास

प्राचीन भारत के आदिम समाज से ही पंचायतें शासन की रीढ रही हैं, जो काल के प्रभाव से प्रभावित हुए बिना ही अब तक की अपनी विकास यात्रा निर्वाध रूप से पूरी करते हुए अपने वर्तमान स्वरूप तक आयीं । यद्यपि प्राचीन भारत का प्रशासनिक इतिहास निर्विवाद रूप से राजतं…

विदेशी सहायता क्या है विदेशी सहायता के मुख्य स्रोत

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में विदेशी सहायता एक अवधारणा के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का विकास है किन्तु तब से अब तक विदेशी सहायता, विदेश नीति का एक प्रभावी उपकरण रही है, विशेषकर महाशक्तियों की विदेश नीति के संदर्भ में विशेषकर सम्पूर्ण शीत युद्ध क…

पाकिस्तान का सामान्य परिचय

पाकिस्तान (Pakistan) भारत का ही एक अंग था। इसकी राजधानी इस्लामाबाद है । क्षेत्रफल की दृष्टि से पाकिस्तान का विस्तार 8.87,811 वर्ग किमी0 में है, जहाँ लगभग 12,93,00,900 व्यक्तियों की जनसंख्या निवास करती है। यहाँ की मुद्रा "रूपया" है । इस्लामाब…

नेपाल का सामान्य परिचय

विश्व का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल की राजधानी काठमांडू है, इस राष्ट्र का क्षेत्रफल 1,47,181 वर्ग किमी0 है, जहाँ 2,35,01,000 जनसंख्या निवास करती है, यहाँ नेपाली भाषा बोली जाती है। यहाँ बहने वाली प्रमुख नदियाँ कर्नाली, गंडक, कोसी आदि (मंची, सागरमाथा,…

नाड़ी शोधन प्राणायाम की विधि और लाभ

इस प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से इसलिये जाना जाता है, क्योंकि इसके निरंतर अभ्यास से हमारे शरीर की सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण भलि प्रकार से हो जाता है। यानि हमारे शरीर के अंदर जो 72.864 नाड़ियाँ है वे सभी नाड़ी शोधन के अभ्यास से शुद्ध हो ज…

धनुरासन करने की विधि और लाभ

इस आसन की अंतिम अवस्था में हाथ एवं पैरों को कमान की तरह ताना जाता है जिससे इसकी आकृति धनुष की भांति दिखाई पडती है इसलिये इसे धनुरासन कहते है । यह आसन शरीर संवर्धनात्मक आसनों के अंतर्गत आता है। धनुरासन की विधि (पेट के बल लेटकर) दोनों हाथ साईड में, हाथ …

गुरु नानक देव जी का जीवन परिचय

गुरु नानक देव जी जन्म से हिंदू थे । गुरु नानक देव जी जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गाँव में संवत् 1527 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक खत्रीकुल में हुआ था । गुरु नानक देव जी के पिताजी कल्याणचंद तथा माताजी तृप्ता देवी थीं । इनकी एक बड़ी बहन …

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