अनुक्रम
किशोरावस्था विकास की अत्यंत महत्वपूर्ण सीढ़ी है। किशोरावस्था का
महत्व कई दृष्टियों से दिखाई देता है प्रथम यह युवावस्था की ड्योढी है जिसके
ऊपर जीवन का समस्त भविष्य पाया जाता है। द्वितीय यह विकास की चरमावस्था
है। तृतीय यह संवेगात्मक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
किशोरावस्था के लिए अंग्रेजी का शब्द Adolescence है यह लैटिन भाषा
को Adolecere शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है- “परिपक्वता की ओर
बढ़ना अत: स्पष्ट है कि किशोरावस्था वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति बाल्यावस्था
के बाद पदार्पण करता है, किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक विकास से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन निम्नलिखित है।
किशोरावस्था में भार में काफी वृद्धि होती है। बालको का भार बालिकाओं के भार से अधिक बढ़ता है। इस अवस्था के अंत में बालकों का भार बालिकाओं के भार से अधिक बढ़ता है। किशोरावस्था के विभिन्न वर्षो में बालक तथा बालिकाओं का औसत भार (किग्रा0) निम्नांकित तालिका में दर्शाया गया है।
किशोरावस्था में शारीरिक विकास
लम्बाई तथा भार-
किशोरावस्था मे बालक तथा बालिकाओ की लम्बाई बहुत तीव्र गति से बढ़ती है। बालिकाएं प्राय: 16 वर्ष की आयु तक तथा बालक लगभग 18 वर्ष की आयु तक अपनी अधिकतम लम्बाई प्राप्त कर लेते है। किशोरावस्था में बालक- बालिकाओं की औसत लम्बाई (सेमी0) निम्नांकित तालिका में दर्शाई गयी है।
किशोरावस्था में बालक तथा बालिकाओं की औसत लम्बाई (सेमी0)
आयु | 12 वर्ष | 13 वर्ष | 14 वर्ष | 15 वर्ष | 16 वर्ष | 17 वर्ष | 18 वर्ष |
बालक | 138-3 | 144-6 | 150-1 | 155-5 | 159-5 | 161-4 | 161-8 |
बालिका | 139-2 | 143-9 | 147-6 | 149-6 | 151-0 | 151-5 | 151-6 |
किशोरावस्था में भार में काफी वृद्धि होती है। बालको का भार बालिकाओं के भार से अधिक बढ़ता है। इस अवस्था के अंत में बालकों का भार बालिकाओं के भार से अधिक बढ़ता है। किशोरावस्था के विभिन्न वर्षो में बालक तथा बालिकाओं का औसत भार (किग्रा0) निम्नांकित तालिका में दर्शाया गया है।
किशोरेरावस्था मेंं बालक तथा बालिकाओंं की औैसत भार (कि.ग्रा.)
आयु | 12 वर्ष | 13 वर्ष | 14 वर्ष | 15 वर्ष | 16 वर्ष | 17 वर्ष | 18 वर्ष |
बालक | 28-5 | 32-1 | 35-7 | 39-6 | 43-2 | 45-7 | 47-3 |
बालिका | 29-8 | 33-3 | 36-8 | 39-8 | 41-1 | 42-2 | 43-12 |
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