गृह विज्ञान शिक्षा की वह विधा है जिसमें पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण का अध्ययन किया जाता है।
दोनों शब्दों को मिलाकर इस प्रकार परिभाषित
कर सकते है।
‘‘गृह विज्ञान का अर्थ घर व पारिवारिक जीवन को बेहतर बनाने के लिये
वैज्ञानिक ज्ञान को सुव्यवस्थित तरीके से लागू करना है।’’
गृह विज्ञान कला भी है और विज्ञान भी।
जब हम भोजन में पाये जाने वाले
पोषक तत्वों के बारे में बढ़ते है तो यह विज्ञान है किन्तु जब हम इन पोषक तत्वों का
सही उपयोग करते हुये व्यंजन बनाते है। तब यह कला के रूप में रहता है।
गृह विज्ञान का उद्देश्य घर, सामाजिक तथा पारिवारिक जीवन के कल्याण और स्वास्थ्य को बनाए रखना है। गृह विज्ञान की नींव 1945 में रखी गई थी। इसका उद्देश्य भारतीय महिलाओं को शिक्षित करना था।
गृह विज्ञान की परिभाषा
लेडी इरविन ”गृह विज्ञान वह व्यावहारिक विज्ञान है जो अपने को सफल पारिवारिक जीवन व्यतीत करने, सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं को हल करने और सुखमय जीवन-यापन करने की दशाओं का ज्ञान कराता है।”गृह विज्ञान का महत्व
घर परिवार व संसाधनों का उचित उपयोग करने लिये, आर्थिक सम्बलता आदि के लिये गृह विज्ञान का ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है। जीवन में इसका महत्व इस प्रकार है।1. व्यक्तिगत जीवन में महत्व-
इसमें पढ़ाये जाने वाले सभी विषय व्यक्ति विशेष के जीवन के लिए
महत्वपूर्ण है जिससे उसे जीवन निर्वहन में आसानी होगी।
2. पारिवारिक जीवन के लिये महत्व-
यह विषय व्यक्तिगत जीवन के लिये ही उपयोगी नहीं हैं बल्कि इसमें
पढ़ाये जाने वाले विषय मातृकला, गृहप्रबन्ध, वस्त्रविज्ञान, शरीर विज्ञान, सम्पूर्ण
परिवार के लिये महत्वपूर्ण है।
3. आर्थिक महत्व-
इस विषय के द्वारा कोई भी व्यक्ति वैतनिक या स्वरोजगार स्थापित
करके अपना जीवनयापन करके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता
है।
4. बदलती स्थितियोंं के अनुकूलूल पारिवारिक जीवन को बनाना-
यह एक ऐसा विषय है जो हम को साहस के साथ बदलते वक्त की
चुनौतियों का सामना करने के लिये भी प्रशिक्षित करता है।
गृह विज्ञान से सम्बन्धित भ्रान्तियाँ
एक आम व्यक्ति के लिये गृह विज्ञान का अर्थ खाना पकाना, सिलाई करना व सज्जा मात्र है। जबकि गृह विज्ञान गृह कायोर्ं को पूर्ण करने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। इससे संबंधित भ्रान्तियाँ है।1. गृह विज्ञान मात्र भोजन पकाना सिलाई कढ़ाई एवं शिशु की
देखभाल सिखाता है- यह सत्य है कि इस विषय में उपर्युक्त सभी का समावेश रहता है। किन्तु
इनके क्रियान्वयन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण गृह विज्ञान प्रस्तुत करता है। उदा-
भोजन हर महिला अपने परिवार के लिये पकाती है, किन्तु भोजन में कौन से
पोषक तत्व होने चाहिए जिससे उत्तम स्वास्थ बनाया जा सके यह केवल गृह
विज्ञान विषय से ज्ञात होता है।
2. गृह विज्ञान केवल लड़़िकियोंं के लिये है- वर्तमान को बदलती परिस्थितियों में परिवार में पति और पत्नी दोनों
कार्यरत है। ऐसे समय में पुरूषों को भी दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से
परिचित होना आवश्यक हो जाता है। इसलिए यह विषय लड़कों के लिये भी
महत्वपूर्ण है। यह भ्रान्ति धीरे-धीरे दूर भी हो रही है वर्तमान में रायपुर मुक्त
बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में लड़के और लड़कियों का प्रतिशत गृह विज्ञान
विषय में बराबर-बराबर ही पाया गया।
3. लड़कियाँ गृहविज्ञान माँ से सीख सकती है फिर यह विषय
क्यों- यह सत्य है कि गृह कार्य सम्बन्धी सारी जानकारी लड़कियाँ माँ से प्राप्त
कर सकती है किन्तु क्या, क्यों, कैसे यह उत्तर गृह विज्ञान विषय पढ़ने के बाद
ही दे सकती है। जैसे पका भोजन अधिक समय तक रखने पर खराब हो जाता
है? गृह विज्ञान विषय पढ़ने के बाद लड़कियाँ इस प्रश्न का उत्तर दे सकती है
कि भोजन किन-किन कारणों से खराब होता है। खराब होने पर इसमें क्या
परिवर्तन आता है और इसे खराब होने से कैसे बचा सकते है।
4. गृह विज्ञान रोजगार मूलक नहीं है- गृह विज्ञान विषय की पूर्ण जानकारी न होने से यह भ्रान्ति बढ़ रही है
कि बडे़ शहरों में यह विषय 10वीं से ही रोजगारमूलक बन जाता है। यह विषय
रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार मूलक अधिक है। आँगन बाड़ी कार्यकर्ताओं
के लिये यह विषय अत्यधिक उपयोगी है।
गृह विज्ञान शिक्षा के लाभ
गृह विज्ञान का ज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के लिए उपयोगी है। पारिवारिक परिस्थितियों में गृह-व्यवस्था, गृह-सज्जा तथा परिवार की सुख-सुविधाओं में वृद्धि के लिए परिवार के सभी सदस्यों का समुचित योगदान आवश्यक होता है।
गृह विज्ञान में रोजगार के अवसर
स्कूल स्तर पर गृह विज्ञान विषय का अध्ययन करने के बाद आप वेतनभोगी कर्मी स्वरोजगार या उद्यमी बनने के कई अवसर प्राप्त कर सकते है।- आहार विशेषज्ञ के रूप में।
- उपभोक्ता संगठन के कर्मचारी के रूप में।
- उपभोक्ता सामग्री व सेवाओं के विक्रय प्रतिनिधियों के रूप में।
- बचत व निवेश योजनाओं के प्रतिनिधियों के रूप में।
- हस्तकला केन्द्र, घरेलू उद्योगों से निर्मित वस्तुओं के शोरूम में कर्मचारी के रूप में।
- नर्सरी स्कूल के केयर सेन्टर, क्रेच व बालवाड़ी के कर्मचारी के रूप में।
- गृह विज्ञान महाविद्यालयों व गृह विज्ञान विषय पढ़ाने वाले विद्यालयों के प्रयोगशाला सहायक के रूप में।
- ड्राइक्लीनिंग की दुकान के कर्मचारी के रूप में।
- खानपान केन्द्र, अस्पताल के पथ्य विभाग, जल पान गृह, केन्टीन से सम्बन्धित स्टोर के कर्मचारी के रूप में।
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गृह विज्ञान
Mere bhi Gary vigyan h me bhi eski bahut umid rkhta hu😂😇😇😇😇😇😇
ReplyDeleteOh😆😆😆😆😆
DeleteMera favorite subject hai♥️
DeleteHi
DeleteChapter 1 All solutions
ReplyDeleteगृह विज्ञान का जनक कौन थे
ReplyDeleteGreek darshanik arastu
DeleteGrh vigyaan achha tarika h garh ko sambhalne ka ye har ladki ke liye jruri h
ReplyDeleteplz muje grahvigyan ke sidhant btao
DeleteLadki ko hi kyoun ane chahiye ladke nahin seekh skte apni soch badlo
DeleteAesa kuch nhi hai ladke bhi pdh skte hai but mostly ladkiya hoti hai to koi ldka leta hi nhi akele 😂
DeleteOhhhh
ReplyDeleteGrah vigyan ka ek kshetra kya hai
ReplyDelete𝐻 𝑠𝑐𝑖 𝑎𝑐ℎ𝑖 ℎ 𝑝𝑎𝑟 𝑢𝑠𝑒 𝑎𝑐ℎ𝑖 𝑚𝑎𝑡ℎ𝑠 ℎ
ReplyDeleteSocha to home science le lu padhna nhi padega 🤣🤣
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