जनमत किसे कहते हैं? जनमत निर्माण के लिए क्या आवश्यक है?

किसी भी राष्ट्र या राज्य की सरकार शासन जब भी कोई कार्यक्रम बनाती है उसका उद्देश्य जन-जन का कल्याण होता है। उस कार्यक्रम का प्रभाव जन पर क्या पड़ेगा, कैसा पडे़गा इसकी जानकारी भी लेना योजना बनाने वालों के लिए आवश्यक होता है जनता पर हुए प्रभावों और प्रतिक्रियाओं को जानना ही ‘जनमत’ एकत्रित करना कहलाता है। जनमत एक प्रकार से भावनाओं की एकीकृत सहमति है जो व्यक्ति समूह तथा विशेष समूह द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत की जाती है। यह सामान्य जनता का मत होता है, किसी विशिष्ट व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों का नहीं। जनमत अथवा लोकमत जनता यानी व्यक्तियों के बडे़ समूहों की सामूहिक भावना या सामूहिक प्रतिक्रिया है। जनसम्पर्क के लिहाज से जनमत किसी संस्था या राज्य द्वारा चलाए गए किसी कार्यक्रम पर समाज की राय का प्रतीक है।

जनमत किसे कहते हैं

जनमत किसे कहते हैं, इसके बारे में कोई स्थिर परिभाषा नहीं दी जा सकती। फिर भी जनमत या लोकमत किसी राष्ट्र की समस्त संस्कृति अथवा जीवन के प्रति दृष्टिकोण को कहते हैं। किसी भी निश्चित समस्या पर राष्ट्र का एक प्रबल बहुमत किस प्रकार विचार करता है, इसे जनमत या लोकमत कहते हैं। किसी भी समस्या पर व्यक्तिगत सम्मतियों के संकलन से जनमत का निर्माण होता है।

जनमत या लोकमत की परिभाषा 

जनमत या लोकमत की परिभाषा पर अनेक विद्धानों और मनीषियों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये हैं, जो इस प्रकार है -

1. जाॅन स्टुअर्ट मिल के अनुसार - ’’जनमत के नाम पर या कानून द्वारा स्थापित व्यवस्था के आधार पर, जनसाधारण से एक विशेष स्तर के व्यवहार और आचरण की अपेक्षा की जाती है। व्यवहार के यह मापदंड या तो स्वयं जनसाधारण तय करता है या समाज का सत्ताधारी वर्ग अपने प्रभाव से काम लेता है और यह फैसला सम्बद्ध वर्गों की पसन्द और नापसन्द पर ही होता है, जिसे जनमत या लोकमत की संज्ञा दी जाती है।’’

2. मार्क्सवादियों के अनुसार - ‘‘लोकमत’’ की व्याख्या मार्क्सवादी अपने ढंग से करते हैं। उनके तर्क के अनुसार वे राजसत्ता यानी स्टेट को शासक वर्ग के हाथ की कठपुतली मानते हैं। उनका यह सिद्धान्त है कि किसी भी राजनीतिक सामाजिक ढांचे की बुनियाद वर्ग संघर्ष पर टिकी होती है और राजसत्ता अर्थात् हुकूमत तो शासक या शोषक वर्ग की ओर से व्यवस्था चलाने वाली कार्यकारिणी सीमित होती है।

जनमत निर्माण के लिए क्या आवश्यक है ?

लोकसम्पर्क की दृष्टि से जनमत निर्माण का उद्देश्य मानव के वैयक्तिक एवं सामूहिक आचरण और व्यवहार को नियमित करके उसे किसी पूर्व निर्दिष्ट लक्ष्य की पूर्ति में संलग्न करना है। अतः जनमत निर्माण के लिए आवश्यक है कि मानव व्यवहार के प्रेरक और आधारभूत तत्वों का अध्ययन किया जाए।

जनता से जनमत हासिल करने के लिए क्या आवश्यक है ?

जनता से जनमत हासिल करने के लिए जनता से लोकसम्पर्क बड़ी स्पष्टता, से किया जाए। लोकसम्पर्क उद्देश्यपरक होना चाहिए और सहनशीलता सरलता से किया जाना चाहिए।

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