वैज्ञानिक शोध का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ

वैज्ञानिक शोध का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ

जब किसी समस्या या प्रष्न को क्रमबद्ध एवं वस्तुनिष्ठ (Objective) ढ़ंग से सुलझाने का प्रयास किया जाता है तो इस क्रिया केा ही वैज्ञानिक शोध कहते हैं। करलिंगर ने शोध के अर्थ को स्पष्ट करते हुये कहा कि - ‘‘स्वभाविक घटनाओं का क्रमबद्ध, नियंत्रित आनुभाविक एवं आलोचनात्मक अनुसन्धान जो घटनाओं के बीच कल्पिन संबंधों के सिद्धान्तों एवं परिकल्पनाओं द्वारा निदेशित होता है, केा वैज्ञानिक शोध कहा जाता है।’’

इसी प्रकार बेस्ट एवं काहन ने वैज्ञानिक शोध को इस प्रकार से परिभाषित किया है - ‘‘वैज्ञानिक शोध किसी नियंत्रित प्रेक्षण का क्रमबद्ध एवं वस्तुनिष्ठ अभिलेख एवं विष्लेशण है जिनके आधार पर सामान्यीकरण, नियम या सिद्धान्त विकसित किया जाता है तथा जिससे बहुत सारी घटनाओं, जो किसी खास क्रिया का परिणाम या कारण हो सकती है, को नियंत्रित कर उनके बारे में पूर्वकथन किया जाता है।’’
  1. अत: कहा जा सकता है कि (वैज्ञानिक) शोध से तात्पर्य उस क्रिया या क्रियाओं से है जिनके माध्यम से व्यवस्थित रूप से किसी समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया जाता है तथा प्राप्त निराकरण किसी नये सिद्धान्त का प्रतिपादन या पुश्टि करता है। वैज्ञानिक अनुसंधान की उपरोक्त परिभाषाओं के अतिरिक्त इसकी विशेषतायें है - अनुसन्धान का उद्देश्य किसी समस्या का समाधान ढँढ़ना अथवा दो या दो से अधिक चरों के आपसी सम्बन्धों को ज्ञात करना है। 
  2. अनुसन्धान केवल सूचनाओं की पुन: प्राप्ति या संग्रहण नहीं है अपितु अनुसन्धान में व्यापीकरण, नियमों या सिद्धान्तों के विकास पर बल दिया जाता है। 
  3. अनुसन्धान किसी दैव वाणी या मत को ज्ञान प्राप्ति की विधि नहीं मानता है बल्कि ये उन बातों को स्वीकार करता है जिन्हें प्रेक्षण द्वारा परखा जा सके। 
  4. अनुसन्धान में आँकड़ो के संग्रहण के लिए वैध उपकरणेां एवं विधियों का प्रयोग किया जाता है तत्पष्चात् इन आँकड़ो का शोधन, संलेखन, अभिकलन व विश्लेषण किया जाता है। 
  5. अनुसंधान, प्राथमिक सूत्रों से प्राप्त न सूचनायें प्राप्त करना या विद्यमान सूचनाओं से नया प्रयोजन प्रस्तंुत करता है। 
  6. अनुसंधान में निपुणता की आवश्यकता होती है। अनुसंधानकर्ता केा यह ज्ञान होना चाहिये कि समस्या के बारे में पहले से कौन-कौन सा ज्ञान या सूचनायें मौजूद है। वह संबंधित साहित्य का अध्ययन करता है। उसे सभी पारिभाशिक शब्दों, धारणाओं और तकनीकी कुषलता का पूर्णज्ञान होता है ताकि वह संकलित सूचनाओं एवं आँकड़ों का विश्लेषण कर सके। 
  7. वैज्ञानिक अनुसंधान वस्तुनिष्ठ एवं तर्कसंगत हेाता है। परिकल्पना को सिद्ध करने के स्थान पर उसके परीक्षण पर बल दिया जाता है।
  8. इससे पुनरावृत्ति की संभावना होती है। उपरोक्त विशेषताओं के अवलेाकन से यह स्पष्ट है कि वैज्ञानिक अनुसंधान द्वारा प्राप्त ज्ञान अति उच्च स्तर का होता है। यह कल्पनाओं, विश्वास एवं अप्रमाणित बातों पर आधारित नहीं होता है। ऐसे ज्ञान अर्जन के लिये अनुसंधानकर्ता को अपनी विद्धता का विकास करना व सही प्रेक्षण व कर्मठता का परिचय देना चाहिये। साक्ष्यों को एकत्रित कर उनका अध्ययन करने, तार्किक विश्लेषण कर सम्बन्धों को पहचानने, विचारों में मौलिकता और स्पष्ट उद्देश्य के साथ अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उसे प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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