अनुक्रम
अर्थव्यवस्था एक मानव निर्मित संगठन है जिसके माध्यम से लोग समाज की
बेहतरी और विकास के लिये परस्पर सहयोग करते है। सभी आर्थिक गतिविधियों का
लक्ष्य मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि से होता है। अर्थव्यवस्था में एक उत्पादन एक
महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें उत्पादक को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इन समस्याओं का सामना प्रत्येक अर्थव्यवस्था से सभी उत्पादकों को करना पड़ता है।
आर्थिक समस्याएं मूलत: ससाधनों की दुर्लभता के कारण जन्म लतेी है जबकि आवश्यकताए
असीमित होती है।
प्रो. सेम्युलसन के अनुसार:-‘‘किसी भी अर्थव्यवस्था की तीन आधारभूत समस्याएं परस्पर निर्भर होती है । किन वस्तुओं का उत्पादन हो’’ कैसे उत्पादित की जाए ? किन के लिये उत्पादित की जाए ? विभिन्न व्यक्तियों और परिवारों में सकल राश्ट्रीय उत्पादन का विभाजन किस प्रकार हों ?’’
संसाधनों की दुर्लभता -
- असीमित आवश्यकताएं- मानवीय आवश्यकताएं असीमित होती है तथा समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है । यह वृद्धि ज्ञान में परिवर्तन में आय में परिवर्तन आदि के कारण होती है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि करने का प्रयत्न करता है।
- सीमित साधन- हमारे साधन सीमित है। कितना क्रय खरीदना है, यह हमारी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। आय व्यक्ति के लिये वह संसाधन है, जिससे वह अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि करता है। किसी भी व्यक्ति की आय असीमित नही हो सकती। इस प्रकार आय व्यक्ति के लिये दुर्लभ संसाधन है।
संसाधनो की दुर्लभता
अर्थशास्त्र के सदं र्भ में ससाधनों की दुर्लभता का अर्थ सीमित साधन है। हम अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिये जो वस्तु व सेवाएं खरीदते है, वे अर्थव्यवस्था में उत्पादित होती है। इनका उत्पादन करने के लिये विभिन्न प्रकार के संसाधनों की आवश्यकता होती है, जैसे मानवीय संसाधन, प्राकृतिक संसाधन और मनुष्य द्वारा निर्मित संसाधन अर्थात् पूंजी । इन संसाधनों को भूमि, श्रम, पूंजी एवं उद्यम के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। किसी भी अर्थव्यवस्था में ये संसाधन असीमित मात्रा में उपलब्ध नही होते। ये संसाधन असीमित मात्रा में उपलब्ध नहीं होते है। ये सीमित संसाधन है। इन संसाधनों की पूर्ति इनकी मांग की तुलना में कम होती है अर्थात् ये संसाधन दुर्लभ होते है। जब किसी संसाधन की मांग उसकी पूर्ति से अधिक हो तो उसे दुर्लभ संसाधन कहते है। अर्थव्यवस्था में संसाधनों की दुर्लभता होती है ।संसाधनो का वैकल्पिक प्रयोग
जब किसी संसाधन का उपयोग विभिन्न वस्तुओं और सेवाओ के उत्पादन के लिये किया जाता है तो उसे संसाधनो के वैकल्पिक उपयोग कहते है । जब किसी संसाधन का उपयोग किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन के लिये किया जाता है, तो वह अन्य वस्तु या सेवा उत्पादन के लिये उपलब्ध नही रहता है । इससे संसाधनों के उपयोग में चयन की समस्या उत्पन्न होती है । जैसे कोई श्रमिक खेत मे काम कर रहा है, तो वह कारखाने में कार्य नहीं कर सकता। यदि किसी भूमि पर उद्योग है तो वह कृषि कार्य संभव नही होता है ।आर्थिक समस्या
अर्थव्यवस्था अपने सीमित संसाधनों से वस्तु एवं सेवाओं के विभिन्न समूहों का उत्पादन कर सकती है। लेकिन संसाधनों की दुर्लभता के कारण उसको चयन करना होता है कि वह विभिन्न समहूों में किस समहू का उत्पादन कर।ें इसे आथिर्क समस्या कहा जाता है आर्थिक समस्या अर्थात चयन की समस्या का सामना उपभोक्ता और उत्पादकों को ही करना पडत़ा है चयन की समस्या का संबध उत्पादन की तकनीक से भी हातेा है जसे किसी वस्तु का उत्पादन करने अधिक श्रम का उपयोग किया जाय या अधिक पूंजी का। श्रम व पूंजी का अनुपात क्या होना चाहिये। श्रम तकनीक का उपयोग या पूंजी तकनीक का उपयोग करना चाहिये ये भी समस्या है। संसाधन दुर्लभ होते है। अत: प्रत्येक अर्थव्यवस्था इनका सर्वोतम उपयोग करने का प्रयत्न करती है। इसे संसाधनों की किफायत करना भी कहते है। संसाधनों को उनके अनुकूलतम उपभोग अर्थात् संभव उपयोग से है। संसाधनों को संयोग भी अनूकूल होना चाहिये।अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएं
उत्पादन के सीमित साधनो के कारण सभी अर्थव्यवस्थाओं में चयन की समस्या उत्पन्न होती है। सभी प्रकार की अर्थव्यवस्था के सामने यह समस्या उत्पन्न होती है चाहे उसका आकार, स्वरूप विकास का स्तर कुछ भी हो। अर्थव्यवस्था अमीर हो गरीब हो विकसित, अल्प हो, समाजवादी हो, पूंजीवादी हो या अन्य प्रकार की इन समस्याओं का समाधान खोजना पड़ता है। अर्थव्यवस्था की तीन मुख्य केन्द्रीय समस्याएं- क्या और कितनी मात्रा में उत्पादन करे ?
- उत्पादन कैसे करे ?
- उत्पादन किसके लिये करें ?
प्रो. सेम्युलसन के अनुसार:-‘‘किसी भी अर्थव्यवस्था की तीन आधारभूत समस्याएं परस्पर निर्भर होती है । किन वस्तुओं का उत्पादन हो’’ कैसे उत्पादित की जाए ? किन के लिये उत्पादित की जाए ? विभिन्न व्यक्तियों और परिवारों में सकल राश्ट्रीय उत्पादन का विभाजन किस प्रकार हों ?’’
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