कार्बनिक यौगिक का वर्गीकरण

कार्बनिक यौगिक का वर्गीकरण

कार्बनिक यौगिक को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता हैं :
  1. एलिफैटिक या विवृत श्रृंखला
  2. कार्बोसाइक्लिक या समचक्रिय
  3. विषम चक्रिय
1. एलिफैटिक या विवृत श्रृंखला - इस वर्ग के अन्र्तगत यौगिकों में खुली संरचना पायी जाती है जिनमें कार्बन परमाणु परस्पर सीधी श्रृंखला में जुडे रहते है। एलिपैटिक हाइड्रोकार्बन के अन्र्तगत संतृप्त, असंतृप्त और उनके व्युत्पन्न आते है। संतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन होते है। dl जिसमें सभी कार्बन परमाणुओं के मध्य एकल बंध होते है।

जैसे -
CH3-CH2-CH3
   CH3-CH2-CH2-Ch2OH    
CH3-CH2OOH
n- प्रोपेन
1-ब्यूटेनाल
प्रोपेनोइक अम्ल


दूसरी तरफ असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन होते है। जिसमे किन्ही दो काबर्न परमाणुओं के मध्य द्वि-आबन्ध (-C=C-) या त्रि-आवन्ध (-C=C-) होता है।

उदाहरण के लिए -
CH3-CH2-CH = CH2    
CH3-CH = CH-CH2OH
1-ब्यूटीन
2-ब्यूटीनाल

1-CH3-CH-C= CH
1-ब्यूटाइन

2. कार्बोसाइक्लिक या समचक्रिय - वे यौगिक जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य कम से कम एक dl वलय (चक्रिय निकाय) होता है। कार्बोसाइक्लिक यौगिक कहलाते है। कार्बोसाइक्लिक यौगिको को दो वर्गो में उप-विभाजित किया जाता है।

1. एलिसाइक्लिक यौगिक :- जिन संवृत्त वाले कार्बोसाइक्लिक यौगिकों के गुणधर्म एलिफैटिक हाइड्रोकार्बनों के समान होते है dl उन्हे एलिसाइक्लिक यौगिक कहते है। इनमें संतृप्त और असंतृप्त एलिफैटिक यौगिक भी सम्मिलित है।

एलिसाइक्लिक यौगिक


2. एरोमैटिक यौगिक :-
वे यौगिक जिनमे कांर्बन परमाणुओं के सवंत् वलयों में बहु आबन्ध होते है। इन यौगिकों में विषेष प्रकार की गंध होती है। इसलिए उन्हे एरोमैटिक यौगिक कहा जाता है इन यौगिकों के कुछ उदाहरण निम्न है। :-
एरोमैटिक यौगिक


3. विषमचक्रिय यौगिक- इस श्रेणी में वे चक्रिय यौगिक आते है। जिनमें कार्बन परमाणु के अतिरिक्त एक अथवा अधिक अन्य बहुसंयोजक परमाणु (जैसे N, S, O आदि) होते है। इस वर्ग के प्रमुख उदाहरण निम्न है। :-

विषमचक्रिय यौगिक-

Bandey

मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता (MSW Passout 2014 MGCGVV University) चित्रकूट, भारत से ब्लॉगर हूं।

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