उपभोक्ता शिक्षा सामान्य शिक्षा की वह शाखा है, जो किसी वस्तु, माल या सेवा
का उपभोग करने वाले व्यक्ति को ऐसी वस्तु, माल या सेवा के संबंध में दी जाती है। दूसरे
शब्दों में, उपभोक्ता वर्ग को उसके अधिकारों एवं कर्तव्यों से अवगत कराना ही उपभोक्ता
शिक्षा है। उपभोक्ता शिक्षा में निम्नलिखित के बारे में जानकारी या ज्ञान सम्मिलित किया
जाता है-
- बाजार में उपलब्ध वस्तुओं के गुण
- मोल-भाव की शक्ति या अनुबन्ध शक्ति।
- आय के अनुसार उपभोक्ता वस्तुओं का चयन।
- हानिकारक वस्तुओं के बारे में चेतावनी।
- उपभोक्ताओं के संगठन।
- उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रावधान जैसे माल के क्रय-विक्रय में धोखाधड़ी, बेईमानी, उपभोग से हुई हानि की पूर्ति के संबंध में कानूनी कार्यवाही आदि।
उपभोक्ता शिक्षा के लाभ
उपभोक्ता शिक्षा के क्या लाभ हैं? जो कुछ भी आपने अब तक सीखा है उसका उपयोग आप किस प्रकार कर सकते हैं? हाॅं, संभवतः आप कह सकते हैं कि यह शिक्षा हमें निम्नलिखित में सहायता कर सकती है-
- वस्तुओं के विवेकपूर्ण चुनाव की योग्यता विकसित करने में,
- सुरक्षित, विश्वसनीय और उच्च गुणतत्ता वाले उत्पादों के सही मूल्य की मांग करने में,
- बाजार में व्याप्त भ्रष्ट तरीकों से सावधान और खबरदार रहने में,
- जब भी समस्या आये तो उसका उचित समाधान ढूंढने में।
ऊपर दिये गये सभी बिंदु उपभोक्ता शिक्षा के लाभ हैं।
उपभोक्ता शिक्षा की आवश्यकता या महत्व
उपभोक्ता शिक्षा की आवश्यकता या महत्व निम्नलिखित बातों द्वारा स्पष्ट हो जाता है-- सही वस्तु खरीदने की क्षमता का विकास होना - उपभोक्ता शिक्षा से सही वस्तुओं या सेवाओं को खरीदने की क्षमता का विकास होता है।
- हानिकारक वस्तुओं के उपभोग पर रोक - उपभोक्ता शिक्षा से उपभोक्ताओं को यह ज्ञात हो जाता है कि कौनसी वस्तु स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और कौन सी वस्तु जीवन-स्तर में सुधार करने मे भी सहायक होती है। कौन सी वस्तु किस उद्देश्य के लिए और किस उपयोग के लिए सर्वाधिक उपयोगी होगी, यह जानकारी उपभोक्ता शिक्षा के माध्यम से हो जाती है।
उपभोक्ताओं के अधिकार
क्या आप जानते हैं कि उपभोक्ता होने के नाते आपके कुछ अधिकार हैं? ये अधिकार
हमें सरकार द्वारा ‘उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम’ के अंतर्गत यथाविधि दिये गये हैं। आइये
उनके विषय मे जानकारी लें।
- सुरक्षा का अधिकारः इस अधिकार से हमें उन उत्पादों व सेवाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है जो हमारे स्वास्थ्य व संपति के लिये हानिकारक होते हैं जैसे मिलावटी खाद्य पदार्थ और असुरक्षित बिजली के उपकरण आदि।
- सूचना का अधिकारः यह हमें वस्तुओं व सेवाओं की गुणवत्ता, परिमाण और मूल्यों के विषय में सूचना का अधिकार देती है। अतः सभी उत्पादों पर लेबल लगे होने चाहिये जिनपर यह सूचना लिखी हुई हो।
- चयन का अधिकारः इस अधिकार से हमें भिन्न प्रकार की उचित गुणवत्ता व मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं के चयन का अधिकार प्राप्त होता है।
- सुनवाई का अधिकारः इस अधिकार से हमें व्यापारियों द्वारा किसी भी प्रकार की धांधली और सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का और उसपर सुनवाई का अधिकार है।
- क्षतिपूर्ति का अधिकारः इसका अर्थ है कि हमें दोष पूर्ण वस्तुओं और सेवाओं की उचित शिकायतों पर क्षतिपूर्ति और निपटारे का अधिकार है।
- उपभोक्ता शिक्षा का अधिकारः इस अधिकार से हम विवेकपूर्ण चयन करने की योग्यता प्राप्त करते हैं।
उपभोक्ताओं के उत्तरदायित्व
यदि हम कुछ विशिष्ट अधिकार प्राप्त करते हैं तो हमें कुछ उत्तरदायित्व का निर्वहन भी
करना पड़ता है। हमारे कुछ उत्तरदायित्व निम्न हैं -
- बिल, रसीदें व गारंटी कार्ड आदि लेकर उन्हें सुरक्षित रखें और उनका रिकाॅर्ड बनायें। ये आपकी खरीदारी का प्रमाण हैं और वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करने में आपकी सहायता करते हैं।
- हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले तथा मानक चिह्न वाले उत्पाद खरीदने पर जोर दें। भले ही वे प्रसिद्ध नाम वाले उत्पाद न हांे। इससे बाजार में कम गुणवत्ता वाले उत्पादों में कमी आयेगी।
- सेल्समैन की वाक्पटुता, आकर्षक लेबल और पैकिंग की चकाचैंध में धोखा न खाएं। विज्ञापन और मुफ्त उपहार सामान बेचने की चालें होती हैं।
- हमेशा उत्पाद के विषय में उत्पादक द्वारा दिये गये प्रयोग व रखरखाव संबंधी निर्देशों का पालन करें।
- उत्पादक व विक्रेता द्वारा दी गयी उपभोक्ता सेवाओं जैसे घर पर सामान पहुँचाना, निश्चित अवधि के अंदर उत्पाद को बदलने व किस्तों पर सामान उपलब्ध करवाने की सुविधाओं का दुरुपयोग न करें।
- धोखाधड़ी आदि की घटनाओं की जानकारी दें और अन्य उपभोक्ताओं को भी ऐसा करने की प्रेरणा दें। कानून नियन्ताओं के साथ सहयोग करें ताकि दोषी व्यापारी को सजा दिलाई जा सके।
- किसी भी उत्पाद की बरबादी न करें। संसाधनों के संरक्षण का प्रयास करें ताकि वे लम्बे समय तक बचे रहें।