यदि किसी गॉव में रहने वाले 80 प्रतिशत भू-स्वामी अपनी भूमि का स्वामित्व
भूमिहीनों को प्रदान कर दें तथा प्रदान की गयी यह भूमि सम्पूर्ण भूमि के 51 प्रतिशत से
अधिक हो तो गॉव का ग्रामदान में मिली हुयी भूमि का स्वामित्व सम्पूर्ण समुदाय का
होता है, किसी एक व्यक्ति का नहीं । ग्रामदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुये विनोबा
जी ने इसके 7 लाभ बतायें हैं:-
- निर्धनता उन्मूलन।
- भू-स्वामी के हृदय के प्रेम एवं श्रद्धा की उत्पत्ति तथा उसका नैतिक उत्थान ।
- मित्रता की भावना एवं पारस्परिक सहयोग की वृद्धि, वर्ग संद्यर्ष में कमीं, द्यृणा की भावना की समाप्ति।
- धार्मिक उत्थान तथा सत्य एवं धर्म में विश्वास।
- नवीन सामाजिक व्यवस्था का अभ्युदाय।
- रचनात्मक कार्यों में वृद्धि तथा समाज का उत्थान।
- विश्व शान्ति में सहयोग।
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