गाय के सींग के खोल गोबर का असर
बढ़ाने के लिए उत्तम पात्र होते हैं। जीवाणुओं की जांच के अनुसार सींग में
उपस्थित गोबर बनाने वाले जीवाणु कम होकर ह्यमस बनाने वाले जीवाणुओं
की संख्या अधिक हो जाती है जबकि गोबर को किसी अन्य पात्र में रखकर
गाड़ा जाए तो उसका वह प्रभाव नहीं होता।
सींग खाद बनाने की विधि
सींग खाद बनाने की विधि - सींग खाद बनाने के लिए मुख्यतया दो वस्तुओं की आवश्यकता होती है- मृत गाय के सींग का खोल तथा दूध देती गाय का गोबर।
सीग खाद बनाने के लिए प्रमुख आवश्यकताएं -
सींग खाद बनाने के लिए प्रमुख आवश्यकता होगी-
- ऐसी मृत गाय के सींग जो कम से कम एक-दो बार ब्याही हुई हो;
- सीग पर रंग न हो तथा इसमें दरारें न हों; तथा
- दुधारू गाय का गोबर। यह गोबर ऐसी गाय का ही होना चाहिए जो स्वस्थ हों तथा गोबर प्राप्त करने से 15 दिन पूर्व तक इस गाय को कोई औषधि न दी गई हो। सींग के खोल में भरने के लिए सदा ताजा गोबर ही प्रयुक्त किया जाना चाहिए।
सींग खोल गाड़ने के लिए गड्ढा -
सींग खोल गाड़ने के लिए अच्छी उपजाऊ जमीन में गड्ढा बना लिया
जाना चाहिए। सींग गाड़ने के लिए एक से सवा फीट गहरा गड्ढा किसी ऐसी
जगह पर खोद लिया जाना चाहिए जहां जल भराव न होता हो। गड्ढे की
लंबाई-चौड़ाई उतनी होनी चाहिए जितनी मात्रा में इसमें सींग रखे जाने
प्रस्तावित हों।
सींग खाद बनाने का समय
सींग खाद बनाने का सर्वाधिक उपयुक्त समय अक्टूबर का महीना होगा। भारतीय पंचांग के अनुसार कुंवार महीने की नवरात्रि में या शरदपूर्णिमा तक का समय सींग खाद बनाने के लिए सर्वाधिक उत्तम होता है। इस समय सींग खाद में चन्द्रमा की शक्तियों को काम करने का समय मिलता है। ठण्ड के दिनों में दिन छोटे होते हैं तथा सूर्य की गरमी भी कम होती है अत: चन्द्रमा की शक्तियों को अपना असर बढ़ाने के लिए काफी समय मिलता है। बायोडायनामिक पंचांग के अनुसार अक्टूबर माह में जब चन्द्रमा दक्षिणायन हो तो सींग खाद बनाया जाना चाहिए। अत: इस समय दूध दे रही गाय का गोबर नर्म करके सींग में अच्छी प्रकार से भरकर गड्ढे में गाड़ दिया जाना चाहिए। सींग इस प्रकार गाड़े जाने चाहिए कि उनका नुकीला सिरा ऊपर रहे।गोबर से भरे सींग के खोलों को सामान्यतया छ: माह तक गड्ढे में रखा जाता है। चैत्र नवरात्रि में या मार्च-अप्रैल महीने में जब चन्द्रमा दक्षिणायन हो तो सींगों को जमीन से निकाल करके उनके ऊपर लगी मिट्टी को साफ कर लिया जाता है। तदुपरान्त एक पौलीथीन की शीट अथवा अखबार पर इन सींगों को झाड़ करके इनमें से पका हुआ गोबर (खाद) एकत्रित कर लिया जाता है।