अनुक्रम
भू-पृष्ठ के हिलने या कांपने को भूकम्प कहते है। ये हल्के से कम्पन से लेकर
भवनों को तेज हिलाकर रख देने वाले होते है। भूकम्प लहरों की गति की ऊर्जा का एक
रूप है जो पृथ्वी की धरातलीय परत से संप्रेषित होती है।
सभी भूकम्प समान तीव्रता वाले नहीं होते इनमें से कुछ भूकम्प बहुत भयंकर होते
है। कुछ हल्के होते है। तथा शेष कुछ का तो पता ही नहीं चल पाता। भयंकर या
अधिक तीव्रता वाले भूकम्प गिने चुने होते है। यद्यपि हमारी पृथ्वी पर प्रतिदिन भूकम्प आते
रहते हैं लेकिन उनकी बारम्बारता में स्थान-स्थान पर बहुत अन्तर पाया जाता है सारे
संसार में फैला भूकम्पमापी केंद्रों का जाल प्रतिदिन दर्जनों भूकम्पों को आलेखित करता है,
लेकिन भयंकर भूकम्प कुछ ही क्षेत्रों में आते है। भूकम्प मापने वाले यंत्र को भूकम्प मापी (सीस्मोग्राफ) यंत्र कहते है।
‘सीस्मोस’ ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है भूकम्प। भूपृष्ठ में स्थित वह बिंदु जहां से भूकम्प प्रारंभ होता है उसे भूकम्प केंद्र कहते है। सामान्यता यह केंद्र भूपृष्ठ में 60 किलोमीटर की गहरार्इ के आसपास स्थित होता है। भूकम्प केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी के धरातल पर जो स्थान होता है, उसे अधिकेंद्र कहते है। भूकम्प का प्रभाव उसके उद्गम बिंदु से तरंगों द्वारा ले जाया जाता है। ये भूकम्पीय तरंगें भूकम्प केंद्र से पैदा होकर सभी दिशाओं की ओर चलती है। लेकिन उनकी तीव्रता अधिकेंन्द्र पर सबसे अधिक होती है। यही कारण है कि अधिकेन्द्र के चारों ओर फैले क्षेत्र पर विनाश सर्वाधिक होता है। कम्पन की तीव्रता अधिकेंद्र के चारों ओर दूर जाने पर क्रमश: कम होती जाती है।
‘सीस्मोस’ ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है भूकम्प। भूपृष्ठ में स्थित वह बिंदु जहां से भूकम्प प्रारंभ होता है उसे भूकम्प केंद्र कहते है। सामान्यता यह केंद्र भूपृष्ठ में 60 किलोमीटर की गहरार्इ के आसपास स्थित होता है। भूकम्प केंद्र के ठीक ऊपर पृथ्वी के धरातल पर जो स्थान होता है, उसे अधिकेंद्र कहते है। भूकम्प का प्रभाव उसके उद्गम बिंदु से तरंगों द्वारा ले जाया जाता है। ये भूकम्पीय तरंगें भूकम्प केंद्र से पैदा होकर सभी दिशाओं की ओर चलती है। लेकिन उनकी तीव्रता अधिकेंन्द्र पर सबसे अधिक होती है। यही कारण है कि अधिकेन्द्र के चारों ओर फैले क्षेत्र पर विनाश सर्वाधिक होता है। कम्पन की तीव्रता अधिकेंद्र के चारों ओर दूर जाने पर क्रमश: कम होती जाती है।
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