मुंह के छालो को मुुखकोथ भी कहा जाता है। मुंह के छालो मुंह की म्यूकस झिल्ली में प्रदाह उत्पन्न हो जाता है और व्रण या छाले उत्पन्न हो जाते है। मुंह के छाले एक सामान्य रोग है,जो किसी ना किसी को कभी ना कभी हो ही जाता है। आँकड़ो के अनुसार हर 5 में से 1 को यह पुन: हो जाते है।
सामान्यत: ये छाले कुछ समय तक रहते है और फिर स्वयं ही समाप्त हो जाते है। कईयो में मुंह में 1-2 छालें और कईयों में तो मुंह, जीभ एवं मसूड़े भी छालों से भर जाता है। मुंह के छालों का मुख्य कारण पाचन की गड़बड़ी माना गया है। इसके साथ ही कई अन्य कारण महत्वपूर्ण है।
मुंह के छालों के कारण को जानकर यदि उसकी चिकित्सा की जाए तो बार-बार आने वाले मुंह के छालों से निजात पाया जा सकता है।
विशेष-
मुंह के छाले के कारण
- मुंह के छालों का वास्तविक कारण अज्ञात है। ऊत्तकों की हानि एक प्रमुख कारण है, कई जानकारो के अनुसार मुंह के छालों का एक कारण पाचन सम्बन्धी गड़बड़ी है। मुंह के छालों के होने के कारण है-
- उदर की गर्मी के बढ़ने से मुंह में छालों हो जाते है।
- भोजन सम्बन्धी गलत आदतो जैसे- अत्यधिक गर्म भोजन को मुंह में रखकर जल्दी-जल्दी खा लेना, गर्म भोज्य पदार्थो का अधिक सेवन करना और भोजन का कोई निश्चित समय ना होना।
- दाँतो से सम्बन्धित रोग अथवा दाँतो को भली-भाँति साफ ना करने से भी मुंह में छाले हो जाते है।
- तनाव चिंता आदि के कारण भी मुंह में छाले होते है।
- कई व्यक्तियो में मुंह के छालों का कारण हरपीज वायरस है। ऐसे में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, अन्यथा संक्रमण बढ़ जाता है।
- विटामिन की कमी जैसे- विटामिन बीकी कमी एक सामान्य कारण है। विटामिन बी9 (फोलिक एसिड़) और विटामिन बी1 (थायमिन) प्रमुख है। विटामिन सी की कमी से भी यह रोग हो जाता है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी भी रोग से ग्रस्त हो तो रोग के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण भी मुंह के छाले हो जाते है।
- खनिज लवणों की कमी भी एक कारण है। आयरन और जिंक हमारे शरीर के लिए अवश्यक खनिज लवण है। मुँह के छाले इनकी कमी से भी होते है।
- कुछ दवाइयों के दुष्प्रभाव से भी मुंह के छाले हो जाते है इन दवाइयों जैसे- सामान्य दर्द निवारक गोलियाँ, बीटा बौलकर्स और कुछ सीने के दर्द की दवाइयो से भी यह रोग हो जाता है।
- कब्ज के कारण आँतों में मल पड़े पड़े सड़ता रहता है। जिस कारण गैस और गर्मी उत्पन्न होती है।जो ऊपर की ओर आकर मुंह में छाले बना देता है।
- तम्बाकू और पान को अधिक मात्रा में चूना लगाकर खाने से भी मुंह के छालों की समस्या से जुझना पड़ता है।
- रक्त में विकार होने से भी मुंह के छाले हो जाते है।
- अधिक मिर्च-मसाले युक्त और तले-भुने भोजन का अधिक सेवन करने से भी मुंह के छाले हो जाते है।
- कई व्यक्तियों में भोजन की एलर्जी से यह होता है। सामान्यत: ग्लूटिन (यह गेहूँ, राई, ओट्स, बारली आदि में पाया जाता है।) फ्लोराइड और अन्य तत्वो से एलर्जी के कारण भी मुंह के छाले हो जाते है।
- हार्मोन्स असन्तुलन भी मुंह के छाले के कारण है। विशेषकर कुछ महिलाओं में मुंह के छाले मासिक धर्म के दौरान हो जाते है। शरीर में अम्ल की अधिकता भी रोग का एक प्रमुख कारण है।
- पेट और शरीर के अन्य भागो में जल एकत्रित हो जाना भी इस रोग का एक कारण है।
मुंह के छाले के लक्षण
- मुँह के छालें मुँह के अन्दर, जीभ में, कोमल तालू में और गालो के अन्दर भी हो सकते है।
- मुँह के छालें सामान्यतया: लाल, सफेद एवं ग्रे रंग के हाते है, जो चारो ओर से या कोनो से लाल रेग का होता है।
- कई व्यक्तियो में ये छाले अत्यधिक पीड़ादायक होते है, तो कईयों में तो ये कम पीड़ादायी होते है।
- सामान्य रूप से छाले 1 सेंमी. तक तथा पीलापन लिए हुए हो सकते है।
- जब छाले तीव्र अवस्था में कईयो व्यक्तियो में बुखार और शारीरिक थकान भी देखने में मिलती है।
- कई व्यक्तियो के लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है।
मुंह के छालों का घरेलू उपाय
- मुँह के छालो में जायफल के टुकड़े पानी में उबालकर ठण्डा कर तथा इस पानी से कुल्ला करना चाहिए,
- जायफल घिसकर आधा चम्मच लेप एक गिलास पानी में घोल बना ले, इससे गरारे व कुल्ला करने से छाले ठीक हो जायेंगें,
- रात को सोने से पहले एक गिलास मीठे दूध में आधा चम्मच पिसी हल्दी व एक चम्मच देषी घी डाल लें, इसे 8-10 दिन तक प्रयोग करे अवष्य लाभ होगा,
- कच्चे नारियल का टुकडा़ व चिरौंजी मुँह में डाल कर धीरे धीरे चबाने से छाले ठीक हो जाते है, ऐसा दिन मे 2-3 बार करे,
- हरे धनियाँ की पत्तियो को अच्छी तरह धो ले, इन्हे चबाएँ अवष्य ही लाभ होगा,
- टमाटर के रस मे पानी मिलाकर इससे कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते है,
- चमेली के पत्ते, गिलोय, दारू हल्दी, और त्रिफला इनके काढ़े में शहद मिला ले, इस काढ़े से कुल्ला करने से मुँह के छाले व घाव ठीक हो जाते है,
- चमेली के पत्ते चबाने से भी छाले ठीक हो जाते है,
- मुंह के छाले के रोगी को विभिन्न प्रकार के फलो का सेवन करना चाहिए जैसे- सेब, शरीफा, खरबूजा, तरबूजा, जामुन मौसम्मी तथा संतरा फांके निकालकर रेशे सहित आदि मौसमानुसार मिलने वाले फल खाने से मुंह के छालो मे अत्यन्त लाभ मिलता है।
- मुंह के छालो में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का सेवन करना चाहिए , पालक, चौलाई बथुआ आदि पत्ते वाली सब्जी, लौकी, टिण्डा, चुकन्दर, तोराई गाजर, खीरा आदि,
- पपीते का सेवन विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होता है।
विशेष-
- मुंह के छालो में बासी भोजन का सेवन नही करना चाहिए।
- तले भुने, चटपटे, नमकीन, मिर्च-मसाले, फास्ट फूड, जंक फूड़, कृत्रिम पेय, चाय, कॉफी, बिस्किट, ब्रेड नही खाना चाहिए।
- दर्द कम करने के लिए जामुन का फल का सेवन भी विशेष लाभकारी होता है।
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