आहार के स्रोत से हमारा क्या तात्पर्य है। मानव आहार के मुख्य रूप से दो स्रोत माने गये हैं-

मानव आहार प्राणी आहार माँस,मछली, अण्डा, दूध वनस्पति आहार अनाज, दाल, शर्करा, सब्जियाँ, फल, सूखेफल, मसाले आपके मन में यह जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हो रही होगी कि आहार के स्रोत से हमारा क्या आशय है? वस्तुत: आहार के स्रोत से हमारा आशय यह है कि हमें आहार कहाँ-कहाँ से प्राप्त होता है। जिन भी पदार्थों या प्राणियों से हम भोजन प्राप्त करते है, उन सभी को आहार के स्रोत के अन्तर्गत रखा जायेगा। अब आप समझ गये होंगे कि आहार के स्रोत से हमारा क्या तात्पर्य है। मानव आहार के मुख्य रूप से दो स्रोत माने गये हैं-प्राणी एवं वनस्पति।

आहार के स्रोत 

1. प्रोटीन- प्रोटीन शरीर की सभी कोशिकाओं और द्रव्यों का अनिवार्य अंश है। खाद्य प्रोटीन का प्राथमिक कार्य शरीर को नाइट्रोजन और एमिनो एसिड देना है। जिससे कि शारीरिक प्रोटीन का संश्लेषण हो सके। ऐसे पदार्थों में कुछ हार्मोन एपिनेफ्रीन, थायरॉक्सिन, कुछ ऑक्सीकारक एन्जाइम के समूह और हीमोग्लोबिन है। स्रोत- यह दालों, काजू, बादाम, मटर, नारियल, मँगफली, मांस, मछली, अण्डा, पनीर चने की भाजी, लहसुन, कैथा, राजगिरा तथा इमली आदि में पाया जाता है।

2. कार्बोहाइड्रेट- ये कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के यौगिक होते हैं जिनमें सैकेरोस समूह होता है अथवा इसका प्रथम क्रियात्मक पदार्थ जिसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन जल के अनुपात में रहता है। पौधों में पाये जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स मानव की 50 प्रतिशत ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। स्रोत- अनाज, अण्डा, मांस, दालें, शक्कर, गुड़ प्रमुख स्रोत है। फलों में केला, काजू, नारियल बेल, खजूर, सीताफल तथा सब्जियों में आलू, घुइयां, जिमीकंद, शकरकंद, टैपिओका आदि में अधिकता से पाया जाता है।

3. फैट- शरीर को सघन रूप से ऊर्जा प्रदान करता है। गुर्दे, हृदय तथा नाजुक अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है। शरीर में चिकनाहट बनाये रखना, त्वचा में सर्दी के प्रति सहनशीलता प्रदान करना प्रमुख कार्य है। स्रोत- घी, दूध, मक्खन, तेल, अण्डा, मछली प्रमुख है। फलों में काजू, नारियल, बादाम, एवेकेडो में भी पाया जाता है। यह सब्जियों में कम ही पाया जाता है।

4. फॉस्फोरस- यह महत्वपूर्ण खनिज है जिसकी मात्रा शरीर में 400 से 700 ग्राम तक पायी जाती है। यह मात्रा हड्डियों और दाँतों में पायी जाती है। स्रोत- काजू, बादाम, इमली, अनार, कैथा, नारियल, नीम की पत्ती हरी मटर, लहसुन, हरी मिर्च, दूध, पनीर, अण्डे, मांस-मछली में पाया जाता है।

5. ऑयरन- यह हीमोग्लोबिन, माइकोग्लोबिन, साइटोक्रोम, कैटालेस, पेराक्सीडेस का महत्वपूर्ण अंश है। शरीर में इसकी मात्रा 3-4 ग्राम होती है। इसका 75 प्रतिशत रक्त में वितरित रहता है। स्रोत- फलों में आम, करौंदा, खजूर सीताफल तथा सब्जियों में चने की भाजी, नीम की पत्ती, राजगिरा, धनिया की पत्ती आदि में विपुल रूप से पाया जाता है। यह लीवर और अण्डे में भी पाया जाता है।

6. आयोडीन- यह 0.14 मि.ग्रा. प्रतिदिन मनुष्यों के लिये तथा 0.10 ग्राम प्रतिदिन महिलाओं के लिये आवश्यक है। यह आयोडीनयुक्त नमक तथा समुद्री जीवों में पाया जाता है।

7. विटामिन-  विटामिन ऐसे जैविक-रासायनिक पदार्थ है जो सूक्ष्म या अल्प रूप में शरीर की सामान्य जैविक क्रियाओं के लिये अनिवार्य होते हैं। ये शरीर को ऊर्जा प्रदान न करके उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं। इन्हें जीवन सत्य भी कहते हैं।
  1. विटामिन ए - हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे- राजगिरा, अमरनाथ, पोई, घुइयां की पत्तियाँ, चौलाई, पालक आदि।
  2. विटामिन बी- कैथा, सीताफल, बेल, अनार, बादाम, काजू, दूध, पनीर, अण्डे, मांस-मछली आदि।
  3. विटामिन सी- आँवला, अमरूद, अन्ननास, सन्तरा, नींबू, मौसम्बी, पपीता, बेर, टमाटर, स्ट्रावेरी, करेला, हरी मिर्च, पालक तथा अंकुरित अनाज आदि।
  4. विटामिन डी- फल तथा सब्जियों में कम पाया जाता है। सूर्य ऊर्जा द्वारा शरीर में निर्मित होता है। सामिष खाद्य पदार्थों, जैसे- मछली आदि में पाया जाता है, दध में भी पाया जाता है। 
शरीर के लिये आवश्यक तत्वों की पूर्ति विभिन्न प्रकार के खाद्य-पदार्थों द्वारा ही सम्भव हो पाती है। इन्हें 14 भागों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक समूह पोषक तत्वों की आपूर्ति करता हैं
  1. अनाज- कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत तथा प्रोटीन के मध्यम स्रोत माने जाते हैं। कुछ अनाज विटामिन ‘ई’ तथा अंकुरित अनाज विटामिन ‘बी’ समूह की भी पूर्ति करते हैं। खनिज पदार्थों की पूर्ति करते हैं। पदार्थ शरीर को प्रमुख रूप से र्जा प्रदान करते हैं। इनमें चावल, गेहूँ, बाजरा, कोदो, कुटकी, जई, मक्का, ज्वार आदि प्रमुख है। 
  2. दाल- प्रोटीन के प्रमुख स्रोत (18-25 प्रतिशत) है। विटामिन ‘बी’ समूह तथा कुछ खनिज पदार्थों की पूर्ति इनसे होती है। इससे शरीर को ऊर्जा तथा पोषण प्राप्त होता है। अरहर, चना, मटर, मँग उड़द, मसूर, सोयाबीन, सेम, बरबटी, ग्वार, राजमा आदि। 
  3. शर्करा, गुड़, खांड़ आदि- ये पदार्थ मिठास उत्पन्न करते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। कुछ मिठाइयां जो खोये से बनी होती है वसा भी प्रदान करती है। जैसे-बरफी आदि। 
  4. तिलहन- वसा के प्रमुख स्रोत माने जाते हैं। ये पदार्थ शरीर को सहज ऊर्जा प्रदान करते हैं। कुछ तिलहनों में प्रोटीन भी होता है। जैसे-सोयाबीन, मँगफली आदि। 
  5. दूध, घी- दूध पूर्ण आहार माना जाता है। शरीर के लिये आावश्यक तत्व इससे प्राप्त हो जाते हैं। मानव के लिये ये प्रथम आहार है। जैसे- गाय, भैंस, बकरी का दूध अधिक उपयोग किया जाता है। 
  6. मांसाहार- मांस, मछली, मुर्गा अण्डा प्रोटीन के प्रमुख स्रोत है। ये शरीर को सघन ऊर्जा प्रदान करते हैं और चर्बी की मात्रा को बढ़ाते हैं। विटामिन ‘बी’ और फॉस्फोरस के मध्यम स्रोत माने जाते हैं। 
  7. मसाले- इनका उपयोग प्रमुख आहार को स्वादिष्ट बनाया जाता है। कुछ मसालों में पोषक तत्व भी होते हैं। लौंग, जीरा, धनिया, काली मिर्च, जायपत्री, दालचीनी, स्याह जीरा इलायची, लेडी पिपर, जायफल, मेथी इत्यादि। 
  8. खाद्य फल- ऐसे फल जो ताजे रूप में ही उपयोग किये जाते हैं। जैसे- केला, आम, पपीता, अमरूद, सेब, सीताफल, बेर आदि। 
  9. रसदार फल- ऐसे फल जिनमें रस होता है जिसका उपयोग किया जाता है। जैसे- संतरा, मौसम्बी, नींबू, ग्रेपफूट, अंगूर आम, अन्ननास आदि। ये खनिज तथा विटामिन से भरपूर तथा सुपाच्य होते हैं। 
  10. गिरीदार या सूखे फल- काजू, बादाम, नारियल, किशमिश, खजूर, अखरोट, चिरौंजी आदि सूखे फल है जो शरीर को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा फैटक साथ ही साथ खनिजों की भी आपूर्ति करते हैं। ये फल शीघ्र ही खराब नहीं होते हैं।
  11. औषधीय फल- कुछ फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। जैसे- बेल, आंवला, जामुन, अनार, नींबू आदि। इनमें कुछ विशेष रासायनिक पदार्थ होते हैं जो शरीर के लिये उपयोगी है। 
  12. सब्जियाँ पत्तेदार-खनिज तथा विटामिन के स्रोत है। अपचनशील रेशे के कारण कब्ज दूर करने में सहायक होती है। जैसे- चौलाई, राजगिरा, पालक, पोई, मेथी, सलाद, पत्तागोभी आदि। 
  13. सब्जियाँ फलदार- कच्ची एवं पकाकर खायी जाने वाली पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियाँ हैं। टमाटर, बैंगन, भिण्डी, कद्दू, मिर्च आदि। 
  14. सब्जियाँ-औषधीय मसालेवाली- ऐसी सब्जियों का उपयोग मसालों के लिये किया जाता है। इनमें प्याज, लहसुन, अदरक, हल्दी, मिर्च आदि प्रमुख है

आहार के कार्य

1. उर्जा प्रदान करना-आहार का सर्वप्रमुख कार्य शरीर को उर्जा प्रदान करना। भोजन के रूप में हम जिन पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं, वे सभी तत्व हमें शारीरिक, मानसिक रूप से तथा प्रत्येक प्रकार के कार्य करने के लिये आवश्यक उर्जा प्रदान करते हैं। जिस प्रकार किसी गाड़ी को चलाने के लिये डीजन या पेट्रोल की जरूरत होती है, उसी प्रकार हमें भी किसी भी प्रकार का काम करने के लिये उर्जा की आवश्यक्ता होती है, जिसकी पूर्ति आहार से होती है।जब हमारे शरीर में उर्जा की कमी हो जाती है तो हमें थकान का अनुभव होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप हमें भूख लगती है और हम भोजन ग्रहण करते है। इसके परिणामस्वरूप उर्जा प्राप्त होने से पहले की तरह पुन: क्रियाशील हो जाते है।]

2. शरीर संवर्धन- उम्र के अनुसार शरीर का समुचित विकास होना भी आवश्यक है। शरीर की यह बृद्धि एवं विकास आहार के कारण ही होता है।

3. शारीरिक क्रियाओं का सुचारू संचालन- जैसा कि आप समझ ही चुके है, शरीर का उर्जा स्रोत आहार है। अत: शरीर के उर्जा के कारण ही अपने-अपने कार्यों का ठीक ढंग से समावित कर पाते है। इस प्रकार स्पष्ट है कि शारीरिक क्रियाओं का सुचारू संचालन भी आहार का एक प्रमुख कार्य है।

4. सप्तधातुओं का पोषण- आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में सात धातुयें पायी जाती है, जो निम्न है- (1) रस (2) रक्त (3) माँस (4) मेद (5) अस्थि (6) मज्जा (7) शुक्र इन सात धातुओं का समुचित पोषण तभी होता है, जब हम संतुलित और आदर्श आहार लेते हैं। अत: धातुओं को पुष्ट करना आहार का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है।

5. रोगों से सुरक्षा- शरीर के स्वस्थ रहने के लिये यह आवश्यक है कि वह रोग ग्रस्त न हो और रोगों से बचने एवं लड़ने के लिये शरीर में पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिये। यदि हम ठीक समय पर, उचित मात्रा में पर्याप्त पोषक तत्वों से युक्त भोजन लेते हैं तो हमारा शरीर रोगों को जन्म देने वाले कारकों से सुरक्षित रहता है। कहने का आशय यह है कि जिस व्यक्ति के शरीर में जितनी अधिक मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, वह उतनी ही अधिक मात्रा में निरोगी रहता है और हमारी यह रोगों से लड़ने की क्षमता हमारे आहार पर भी निर्भर करती हैं

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