मानव शरीर का आधारभूत ढाँचा अस्थियों से बना है। शरीर की स्थिरता, आकार, आदि का मूल कारण अस्थियाँ ही है। मूल रूप से अस्थियाँ नियमित रूप से बढ़ने वाली, अपने आकार को नियमिति करने वाली अपने अन्दर होने वाली किसी भी प्रकार की टूट - फूट को ठीक करने में सक्षम है। मनुष्य का अस्थि संस्थान विभिन्न प्रकार के ऊतकों का समूह है।
- अस्थि ऊतक (Bone or Osseous tissue)
- उपास्थि (Cartilage)
- घन संयोजी ऊतक (Dense Connective tissue)
- उपकला ऊतक (Epithelium)
- मेदवह ऊतक (Adipose tissue)
- नाड़ी वह ऊतक (Nervous tissue)
मांसपेशी, पेशीबन्धन, बन्धनी आदि अस्थियों से लिपटे रहते हैं। मानव शरीर का बाºय स्वरूप इसी ढाँचे के अनुरूप होता है। विभिन्न अस्थियाँ जिस स्थान पर आपस में जुड़ी होती है। उस स्थान को संधि कहते है।
हड्डियों के बीच में रिक्त स्थान होते है। जिनमें मज्जा भरी होती है। मज्जा एक प्रकार का द्रव है। यह दो प्रकार का होता है लाल एवं पीली। लाल मज्जा में रक्त की लाल एवं सफेद कोशिकाओं का निर्माण होता है। पीली मज्जा में मेद वाही कोशिका (Fat Cells) होते है।
कंकाल के कार्य
- यह शरीर के कोमल अंगों, मांसपेशियों के लिए आधार का कार्य करती है।
- शरीर के कोमल एवं प्रमुख अंगों की सुरक्षा इनका प्रमुख कार्य हैै। यह मस्तिष्क, हृदय आदि को बाहरी आघात से सुरक्षा प्रदान करते है।
- शरीर को कार्य करने, चलने - फिरने आदि के योग्य बनाना।
- यह शरीर के लिए उपयोगी खनिज कैल्शियम, फास्फोरस आदि का संग्रह करते है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें रक्त में पुन: लौटा देते हैं।
- लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण बड़ी अस्थियों के मध्य में स्थित लाल मज्जा (Red bone marrow) में होता है।
- पीली मज्जा में मेद (Fat) जमा होती है।
अस्थियों का आकार - प्रकार
अस्थियों के आकार और संरचना के आधार पर अस्थियों के पाँच प्रकार कहे गए हैं -- लम्बी अस्थियाँ (Long Bones) - यह अस्थियाँ लम्बी होती है। इनके बीच के भाग को दण्ड (Shaft) कहते है। इसके दो सिर (Head) होते है। यह लम्बाई में बढ़ती है। जैसे उरू अस्थि (Femur) , प्रगण्डास्थि (Humorous) आदि।
- छोटी अस्थियाँ (Short Bones) - यह हड्डियाँ लम्बाई, चौड़ाई और मोटाई में लगभग बराबर होती है। यह कलाई में (Carpals) एवं टकनों में पायी जाती है।
- चपटी अस्थियाँ (Short Bones) - यह चपटे आकार की होती है। जैसे सिर की अस्थियाँ असफलक आदि।
- असमाकृति अस्थियाँ (Irregular Bones) - यह विशमाकार अस्थियाँ है और किसी भी प्रकार में नहीं रखी जा सकती ह। जैसे कशेरूका (Vertebrae) नितम्बास्थि (Hip bonr ) आदि।
- कण्डरास्थि (Sea-maid Bones) - यह कण्डराओं (Tendons), या जोड़ों में विकसित होने वाली हड्डियाँ है। जैसे जन्वास्थि (Patella),
अस्थियों का संगठन एवं रचना
अस्थियाँ भले ही अन्य अंगों की तरह कोमल न दिखें पर इनमें बढ़ने, किसी भी प्रकार की टूट - फूट को ठीक करने की क्षमता होती है और इसका कारण इनमें मौजूद चार प्रकार की कोशिकाऐं है -- आस्टिओजैनिक कोशिका (Osteogenic Cells) - यह विभाजन में सक्षम अस्थि कोशिका है यह आस्टिओब्लास्ट का निर्माण करते हैं। यह अस्थि आवरक कला के अन्दरूनी भाग में पाए जाते हैं।
- आस्टिओब्लास्ट (Osteoblasts) - यह कोशिकाऐं अपने चारों तरफ कोलैजन (Collagen) नामक प्रोटीन एवं कैल्शियम आदि का स्राव कर अस्थि निर्माण करते हैं।
- आस्टिओसाइट (Osteocytes) - यह अस्थि निर्माण कर चुकी कोशिकाऐं हैं जो अस्थियों के बीच में बारीक रिक्त स्थान में होती है। इनमें कोई विभाजन नहीं होता है।
- आस्टियोक्लास्ट (Osteoclast) - यह बड़ी - बड़ी कोशिका होती है और इसका कार्य अस्थि को घोलकर सोखना है। जिससे उनका आकार नियंत्रित हो सके।
कोलेजन से अस्थियों में लचक और खजिन लवणों से मजबूती आती है। इनके कारण ही हड्डियों में स्टील जितनी मजबूती होती है।
अस्थि पंजर में अस्थियों की संख्या
मनुष्य शरीर में कुल 206 हड्डियाँ पायी जाती है। अंगों के आधार पर इनकी गणना निम्न प्रकार की जा सकती है।- कपाल (Cranium) में - 8
- चेहरा (Face) में - 14
- कान (Ear) में - 6
- गले में हाइऑइड (Hyoid ) में - 1
- रीढ़ (Spinal Column) में - 26
- पसली (Ribs) में - 24
- छाती (Sternum) में - 1
- उध्र्व शाखा (प्रत्येक हाथ मे 30) - 60
- अधो शाखा (प्रत्येक पैर मे 30) - 60
- नितम्बास्थि - 2
- अक्षकास्थि (Clavicle) - 2
- स्कन्धास्थि (Scapula) - 2
इन अस्थियों का विशेष विवरण निम्न प्रकार है -
कपाल की अस्थियाँ-
कपाल में कुल 22 अस्थियाँ है। इनको दो हिस्सों में बाँटा जा सकता है। कपाल (Cranial) अस्थि, चेहरे (Facial) अस्थियाँ। कपाल की अस्थियाँ, मस्तिष्क को सुरक्षा प्रदान करती है। चेहरे की अस्थियाँ निम्न है।- नासास्थि (Nasal Bones) - 2
- उध्र्वहन्वास्थि (Maxilla Bones) - 2
- कपोलास्थि (Zygomatic Bones) - 2
- अधोहन्वास्थि (Mandible Bones) - 2
- अश्रुअस्थि (Lactic Bones) - 2
- तालु अस्थि (Palatine Bones) - 2
- अध: शुक्तिकास्थि (Inferior nasal Bones) - 2
- नासाफलकास्थि (Bomber) - 1
इनमें से केवल अधोहन्वास्थि ही चल संधि युक्त है। कपाल अस्थियाँ 8 है।
- ललाटास्थि (Frontal Bone)
- पािश्र्वकास्थि (Parietal Bone)
- शंखास्थि (Temporal Bone)
- पश्च कपालास्थिअ (Occipital Bone)
- कीलकास्थि (Sphenoid Bone)
- झर्झरास्थि (Ethmoidal Bone)
गर्दन (Neck) की अस्थियाँ - गर्दन में कुल आठ अस्थियाँ होती है। जिसमें एक आगे की तरफ श्वास नलिका के आगे की तरफ होती है। जिसे हाइआइड (Hyoid) अस्थि कहते हैं। बाकी सात ग्रीवा कशेरूका है जिनके बीच में कशेरूका रन्ध्रक होता है (Vertebral Foramen)। इसमें से सुशुम्ना नाड़ी (Spinal Cord) रहती है।
Chapti asthi ka example
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