पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) की संरचना एवं कार्य

पीयूष ग्रंथि क्या है?

मानव शरीर रचना में पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland या Hypophysis एक मटर के आकार की अंत:स्रावी ग्रंथि है। मनुष्यों में इसका वजन 0.5 ग्राम (0.02 ओस) होता है। यह  Sella Turnica या  Hypophysial Fosa में Hypothalamus के नीचे स्थित होती है।
  1. पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland एक अति महत्वपूर्ण अंत:स्रावी ग्रंथि है जिसे Master Gland भी कहा जाता है क्योंकि इससे उत्पन्न Hormones अन्य अंत:स्रावी ग्रन्थियों की सक्रियता को उद्दीप्त करते हैं।
  2. पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland शरीर के विकास में तथा शरीर में पानी के संतुलन को बनाये रखने में सहायता करती है।
  3. पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland दो खण्डों में विभाजित होती है। पहले खण्ड को अग्रखण्ड (anterior lobe or adenohypophysis) कहा जाता है और दूसरे खण्ड को पश्च खण्ड (posterior lobe or neurohypophysis) कहा जाता है। 
  4. अग्रखण्ड Epithelial cell का समूह है जो रक्त चैनलों से विभाजित होता है। इसके विपरीत पश्च खण्ड मस्तिष्क से सम्बन्धित होता है और तन्त्रिका तंत्र से निर्मित होता है एवं प्रत्यक्ष रूप से  Hypothalarnus से जुड़ा रहता है।
  5. अग्रखण्ड व पश्च खण्ड से अलग-अलग Hormones का स्राव होता है जो विभिन्न कार्यों के लिए उपयोगी होते हैं।

अग्र खण्ड की संरचना एवं कार्य

1. वृद्धि हॉर्मोंन (Growth Hornone GH) या सोमेटोट्रॉपिक हॉर्मोंन (Somatotropic Hormone) -

  1. यह Hormones शरीर के किसी विशिष्ट लक्ष्य अंग को प्रभावित करता है जो भाग वृद्धि से सम्बद्ध होते हैं। 
  2. यह वृद्धि दर को बढ़ाता है और परिपक्वता की स्थिति निर्माण के बाद वृद्धि को बनाए रखता है।
  3. इससे शरीर की वृद्धि और विशेषकर लम्बी अस्थियों की वृद्धि का नियमन होता है।
  4. यह एक Protein पर आधारित Peptide hormone है। यह मनुष्यों और अन्य जानवरों में वृद्धि, कोशिका प्रजनन और पुनर्निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland

 बच्चों और किशोरों में ऊॅचाई बढ़ाने के अलावा वृद्धि Hormone के शरीर पर कई अन्य प्रभाव भी होते हैं-
  1. Calcium के धारण में वृद्धि करता है और हड्डी के खनिजीकरण को बढ़ाता व उसको मजबूत करता है।
  2. वसा अपघटन को बढ़ावा देता है। 
  3. Protein संश्लेषण बढ़ाता है। 
  4. मस्तिष्क को छोड़कर सभी आंतरिक अवयवों के विकास को प्रोत्साहित करता है। 
  5. Liver में ग्लुकोज के जमाव को कम करता है।
  6. Liver में Glycogen उत्पादन को बढ़ावा देता है। 
  7. अग्नाशय की द्वीपीकाओं के रख रखाव और कार्यकलाप में मदद करता है। 
  8. Immune system को प्रोत्साहित करता है।
वृद्धि हॉर्मोंन की कमी के प्रभाव - बच्चों में वृद्धि लोप और छोटा कद (short structure) वृद्धि हॉर्मोंन की कमी के मुख्य लक्षण है।

वृद्धि हॉर्मोन की अधिकता के प्रभाव - 1. वृद्धि हॉर्मोन के बाहुल्य के कारण जबड़े, हाथ व पैरों की हड्डियॉं मोटी हो जाती हैं। इसे एक्रोमिगेली (Acromegaly) कहते हैं।  2. साथ में होने वाली समस्याओं में पसीना आना, नाड़ियों पर दबाव, पेशियों की शिथिलता, यौन क्रिया में कमी आदि है।

2. थाइरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन (Thyroid Stimulating Hormone TSH) -

  1. पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland द्वारा स्राति यह एक महत्वपूर्ण Hormone है। थाइरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन थाइरॉइड ग्रंथि तक यात्रा करता है और थाइरॉइड ग्रंथि को दो Thyroid hormone उत्पन्न करने के लिए उद्दीप्त करता है। यह दो Thyroid hormone L-thyroxine T4 और Triodothyronine T3 हैं। 
  2. पीयूष ग्रंथि Pituitary Gland यह अनुभव कर सकती है कि कितना Hormone blood में हैं और उसके अनुसार कितना उत्पन्न करना है। अगर किसी कारण से इनका स्राव कम या अधिक हो जाए, तो यह विभिन्न रोंगों के जन्म का कारण बनती है।
थाइरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन की कमी के प्रभाव (Effect of Hypothyroidism) - उत्तकों में कमी, गलगांड (Goitre), वजन बढ़ना, मॉसपेशियों में अकड़न आदि थाइरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन की कमी के लक्षण हैं।

थाइरॉइड उद्दीपक हॉर्मोन की अधिकता के प्रभाव (Effect of Hyperthyroidism) थाइरॉइड ग्रंथि की अति सक्रियता से अथवा थाइरॉइड ग्रंथि से अत्यधिक मात्रा में Hormone का स्रावण होने से हाइपर थाइरॉडिस्म (Hyperthyroidism) नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में नेत्रोत्सेधी गलगण्ड (Exophthalmic goitre) हो जाता है। इस रोग के लक्षणों में ऑखें बाहर को उभर जाती हैं तथा रोगी को गर्मी का अनुभव अधिक होता है। अधिक भूख के बावजूद वजन कम होने लगता है। अंगुलियों में कंपन और हृदय गति तीव्र हो जाती है। वास्तव में थाइरॉइड ग्रंथि की अति सक्रियता ‘आयोडीन’ की कमी के कारण होती है। इसकी अधिकता से कुषिंग रोग (cushing syndrome) हो जाता है।

3. ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (Luteinizing Hormone LH) -

  1. यह बड़े Protein है जो सामान्य परिसंचरण द्वारा Gonadotropic cells में उत्पन्न होते हैं। LH वृषण की Leyding cells को पुरूषों में testosterone बनाने के लिए उत्तेजित करता है तथा स्त्रियों में नब्ज में वृद्धि के साथ-साथ योनि की Theca cells को testosterone और उससे कुछ कम मात्रा में Progesterone उत्पन्न करने के लिए उत्तेजित करता है। 
  2. Ovulation में सहायता करता है।

4. प्रोलैक्टिन (Prolactin) -

  1. इसका लक्ष्य अंग mammary glands होते हैं तथा यह स्तनों को दूध उत्पादन के लिए उत्तेजित करता है। प्रोलैक्टिन प्रजनन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  2. Prolactin metabolism के लिए भी महत्वपूर्ण है। 
  3. प्रोलैक्टिन गर्भावस्था के दौरान संश्लेषण (surfactant synthesis) प्रदान करता है तथा भ्रूण की प्रतिरक्षा सहनशीलता में भी योगदान देता है।

5. फॉलिकल उद्दीपक हॉर्मोन (Follicle stimulating Hormone FSH) -

  1. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही बनता है। 
  2. महिलाओं में इस Hormone से अंडों का उत्पादन व पुरुषों में शुक्राणुओं का उत्पादन उत्तेजित होता है।

6. मेलेनोसाइट उद्दीपक हॉर्मोन (Melanocyte Stimulating Hormone MSH) -

  1. यह Hormone त्वचा एवं बालों में melanocyte द्वारा melanin के उत्पादन को उत्तेजित करता है। 
  2. यह भूख एवं कामोत्तेजना पर भी प्रभाव डालता है। 
  3.  MSH में वृद्धि से रंग बदलाव होता है। 
  4. गर्भावस्था के दौरान यह Hormone बढ़ जाता है तथा गर्भवती महिलाओं में pigmentation का कारण बनता है।

पश्च खण्ड की संरचना एवं कार्य 

पश्च खण्ड दो Hormone का निर्माण करता है -

1. ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) -

  1. यह Hormone महिला प्रजनन में भूमिका के लिए जाना जाता है। यह प्रसव के दौरान योनि और गर्भाशय के फैलाव के समय बड़ी मात्रा में उत्पन्न होता है और स्रावित होता है। 
  2. गर्भाशय संकुचन में सहायता करता है।

2. वैसोप्रेसिन (Vassopressin or Antidiurctic Hormone) -

  1. Vassopressin एक Peptide hormone है जो गुर्दों के जनइनसमे में अणुओं के reapsorption को नियंत्रित करता है और ऊतक पारगम्यता को बनाए रखता है। 
  2. यह परिधीय संवहनी प्रतिरोध को बढ़ाता है, जिससे धमनियों में रक्तचाप बढ़ जाता है (Vasoconstruction)   
  3. यह Homeostasis में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और पानी, Glucose व रक्त लवण के विनियमन में भी सहायता करता है।

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