परिवार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, तत्व एवं कार्य

परिवार का अर्थ है कुछ संबंधित लोगों को समूह जो एक ही घर में रहते हैं। परिवार के सदस्य, परिवार से जन्म, विवाह व गोद लिये जाने से संबंधित होते हैं। इससे परिवार की तीन विशेषताएं पता चलती हैं।

ये हैं - दम्पति को विवाह करके पति पत्नी का नैतिक दर्जा प्राप्त होता है और वे शारीरिक संबंध भी स्थापित करते हैं। दूसरा, परिवार का अर्थ है इसके सभी सदस्यों के लिये एक ही आवासीय स्थान होना। निसन्देह, ऐसा भी देखा गया है कि कभी-कभी परिवार के एक या अधिक सदस्यों को अस्थाई रूप से काम के लिये घर से दूर भी रहना पड़ सकता है। उसी प्रकार वृद्ध माँ-बाप, चाचा-ताऊ, और उनके बच्चे भी परिवार को हिस्सा होते हैं।

तीसरा, परिवार में न केवल विवाहित दम्पति होते हैं बल्कि बच्चे भी होते हैं - स्वयं के या दत्तक (गोद लिये गये)। अपने बच्चों को दम्पति जन्म देते हैं और दत्तक बच्चे दम्पति द्वारा कानूनन गोद लिये जाते हैं। स्पष्टतया, परिवार समाज की पहली संगठित इकाई है।

परिवार की परिभाषा देना कठिन है। यह इसलिए कि दुनियाभर में परिवार का कोई एक ही अर्थ लिया जाता हो ऐसा नहीं है। ऐसे समाज है जहां एक पति-पत्नी परिवार ही पाये जाते है। कुछ समाजों में बहुपत्नी परिवार होते है और कुछ में बहु पति। संरचना की दृष्टि से केन्द्रीय परिवार होते है। 

भारत या जापान ऐसे एशिया के देशों में विस्तृत या संयुक्त परिवार होते है। परिवार की ऐसी कोई परिभाषा देना जो सभी समाजों पर समान रूप से लागू हो जायें, बहुत कठिन है।

परिवार का अर्थ

परिवार शब्द अंग्रेजी के ‘Family’ शब्द का रूपांतर है जो कि लैटिन भाषा के ‘Famulus’ शब्द से निकला है परिवार शब्द का सदैव एक-सा अर्थ नहीं लगाया गया है। वास्तविक लैटिन शब्द ‘Familias’ के अंतर्गत माता-पिता, बच्चे, नौकर और गुलाम भी सम्मिलित किए जाते थे। ग्रीक लोग परिवार के लिए ‘Oikonomia’ शब्द का प्रयोग किया करते थे जिसका अभिप्राय उपर्युक्त समूह से भी बड़े समूह से हुआ करता था। सामान्य रूप से परिवार में माता-पिता एवं उनके बच्चों को सम्मिलित किया जता है। 

परिवार की परिभाषा

आगबर्न तथा निमकाॅफ-‘‘परिवार पति-पत्नी का बच्चों-सहित अथवा थोड़ा-बहुत स्थाई संघ है अथवा एक स्त्राी या पुरुष का अकेले ही बच्चों के साथ वाला संघ है।’ 

सर्वश्री मेकाइवर और पेज‘‘परिवार उस समूह को कहते है जो यौन संबंधों पर आधारित है और जो इतना छोटा व स्थायी है कि उसमें बच्चों की उत्पत्ति एवं पालन-पोषण हो सके।’’ 

सर्वश्री बर्गेस और लाॅक‘‘परिवार व्यक्तियों के उस समूह का नाम है जिसमें वह विवाह, रुधिर या दत्तक संबंध से बँधे होकर भिन्न-भिन्न नहीं अपितु एक गृहस्थी का निर्माण करते हैं। इस गृहस्थी में वे एक-दूसरे पर पति-पत्नी, माता-पिता, पुत्र-पुत्री तथा भाई-बहन के रूप में प्रभाव डालते हैं और एक-दूसरे के साथ संबंध स्थापित करते हैं। वे सब एक गृहस्थी में एक सामान्य संस्कृति को जन्म देते हैं और उसको बनाए रखते हैं।’’ 

सर्वश्री वील्स तथा हाॅइजर‘‘परिवार को संक्षेप में एक सामाजिक समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसके सदस्य रक्त के आधार पर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।’’ 

परिवार के प्रकार

1. संयुक्त परिवार

हमारे देश में परिवार का बहुत महत्व माना जाता है। संयुक्त तथा एकल परिवारों की क्या-क्या विशेषताएं होती हैं। संयुक्त परिवार कुछ एकल परिवारों से मिलकर बनता है और यह काफी बड़ा होता है। यह पति-पत्नी, उनकी अविवाहित लड़कियों, विवाहित लड़कों, उनकी पत्नियों व बच्चों से मिलकर बनता है। 

यह एक या दो पीढ़ियों के लोगों का समूह है, जो साथ रहते हैं। संयुक्त परिवार की विशेषताएं हैं-
  1. सभी सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं। 
  2. सभी सदस्यों की सांझी रसोई होती है। 
  3. सभी सदस्य परिवार की संपत्ति के हिस्सेदार होते हैं। 
  4. सभी सदस्य पारिवारिक घटनाओं, त्यौहारों व धार्मिक उत्सवों में एक साथ शामिल होते हैं। 
  5. संयुक्त परिवार में निर्णय घर के सबसे बड़े पुरुष सदस्य द्वारा लिये जाते हैं।
परम्परागत रूप से संयुक्त परिवार ही हमारे समाज में पाये जाते थे। अब परिवर्तन आ रहा है विशेषकर शहरी क्षेत्रों में। कृषि प्रधान घरानों में अभी भी संयुक्त परिवार की प्रथा जारी है।

संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार का चित्र 
संयुक्त परिवार के लाभ हैं-
  1. यह परिवार के सदस्यों को मिलनसार बनाता है। काम, विशेषकर कृषि कार्य को बांट कर किया जा सकता है। 
  2. यह परिवार में बूढ़े, असहाय व बेरोजगारों की देखभाल करता है।
  3. छोटे बच्चों का लालन-पालन भली-भाँति होता है, विशेषकर जब दोनों माता-पिता काम काजी हों।
  4. माता या पिता की मृत्यु हो जाने पर बच्चे को संयुक्त परिवार में पूरा भावानात्मक व आर्थिक सहारा मिलता है।
  5. संयुक्त परिवार में आर्थिक सुरक्षा अधिक रहती है। 
संयुक्त परिवार की कुछ समस्यायें भी हैं- 
  1. कभी-कभी महिलाओं को कम सम्मान दिया जाता है। 
  2. अक्सर सदस्यों के बीच संपत्ति को लेकर या किसी व्यापार को लेकर विवाद उठ खड़ा होता है। 
  3. कुछ महिलाओं को घर का सारा कार्य करना पड़ता है। उनको अपना व्यक्तित्व निखारने के लिये बहुत कम समय व अवसर मिलता है।

2. एकल परिवार

जिसमें पति-पत्नी व उनके अविवाहित बच्चे रहते हैं। कभी-कभार पति का अविवाहित भाई या बहन भी उनके साथ रह सकते हैं। तब यह एक विस्तृत परिवार होगा। एकल परिवार में रहने के कुछ लाभ हैं-
  1. एकल परिवार के सदस्य साधारणतया अधिक आत्म निर्भर होते हैं और वे आत्मविश्वास से भरे हुये व किसी भी काम में पहल करने में सक्षम होते हैं। 
  2. एकल परिवारों में बच्चों को स्वयं निर्णय लेने के लिये उत्साहित किया जाता है जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
  3. सदस्यों के बीच गहरा भावनात्मक लगाव विकसित होता है। ऐसा अधिक एकान्त व आपसी मेल-मिलाप के अवसर मिलने के कारण संभव होता है जो एकल परिवारों में भली-भाँति उपलब्ध होते हैं। 
  4. ऐसा देखा गया है कि जहाँ कोई समाज अधिक औद्योगिक व शहरी बन जाता है, वहाँ एकल परिवार होने की संभावना बढ़ जाती है। बड़े शहरों में एकल परिवारों की अधिकता का एक प्रमुख कारण आवसीय समस्या है। बड़े परिवार को रहने के लिए जगह भी ज्यादा चाहिए। यदि परिवारों को सुविधापूर्ण ढंग से रहना हो तो उनके पास एकल परिवार में रहने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
एकल परिवारों की समस्यायें-
  1. एकल परिवारों में नवविवाहित दम्पति को किसी बुजुर्ग का सहारा नहीं होता। उन्हें सलाह देने के लिये कोई भी अनुभवी व्यक्ति उपलब्ध नहीं होता। जब माता-पिता दोनों ही काम काजी हों तो बच्चों की देखभाल के लिये कोई नहीं रहता।
  2. बुरे समय में परिवार को कोई आर्थिक व भावनात्मक सहारा नहीं रहता। एकल परिवारों में सामंजस्य, मिलजुल कर काम करना व सहयोग के मूल्य मुश्किल से ही सीखने को मिलते हैं।
एकल परिवार
एकल परिवार का चित्र

परिवार के मुख्य तत्व 

परिवार की संस्था सार्वभौमिक है लेकिन यह भी सही है कि सभी समाजों में परिवार एक जैसे नहीं है। कहीं बहुपत्नी परिवार है, तो कहीं बहुपति। कहीं पितृवंशीय परिवार हैं और कहीं मातृवंशीय। इस विभिन्नता के होते हुए भी बहुसंख्यक परिवार एक पति-पत्नी परिवार हैं। यहां परिवार में सामान्य रूप से पाये जाने वाले लक्षणों का उल्लेख करेंगे -
  1. यौन सम्बन्ध - सभी समाजों में परिवार में यौन संबंध अनिवार्य रूप से पाये जाते है। 
  2. प्रजनन - परिवार एक बहुत बड़ा लक्षण सन्तानोत्पत्ति है। दुनियाभर के लोगों की यह मान्यता रही है कि यदि प्रजनन न किया जाये तो समाज की निरन्तरता समाप्त हो जायेगी। 
  3. आर्थिक बंधन - परिवार केवल यौन संबंधों की स्वीकृति से ही नहीं बनते। परिवार के सदस्यों को एक सूत्र में बांधे रखने का काम आर्थिक बंधन करते हैं।
  4. लालन-पालन - पशुओं की तुलना में मनुष्यों के संतान की निर्भरता परिवार पर बहुत अधिक होती है। परिवार ही बच्चों का पालन पोषण करता है; उन्हें शिक्षा-दीक्षा देता है और हमारे देश में तो परिवार ही शादी-ब्याह करवाता है और आर्थिक् स्वावलम्बन प्रदान करता है।
  5. परिवार का आकार - शायद परिवार की बहुत बड़ी विशेषता उसका आकार है। सामान्यतया एक परिवार में पति-पत्नी के अतिरिक्त बच्चे होते है। कभी-कभी इन सदस्यों के अतिरिक्त परिवार में अन्य सदस्य भी होते हैं, ऐसे परिवारों को विस्तारित या संयुक्त परिवार कहते हैं। इन परिवारों में दो से अधिक पीढ़ियां रहती है।

परिवार के कार्य

  1. परिवार नवजात शिशुओं व बच्चों, किशोरों, बीमारों और बुजुर्गों की सबसे अच्छी देखभाल करता है। 
  2. यह अपने सदस्यों को शिक्षित करता है जो पारिवारिक परिवेश में जीवन जीना सीखते हैं। बच्चों को समाज के नियम सिखाये जाते हैं, और यह भी कि अन्य लोगों के साथ किस प्रकार मेल-जोल रखना है व बुजुर्गों के प्रति आदर व उनकी आज्ञा का पालन किस तरह से करना है आदि। 
  3. परिवार के प्रत्येक सदस्य की आधारभूत जरूरतें जैसे भोजन, आवास व कपड़ा उपलब्ध कराया जाता है। वे घर के कार्य व जिम्मेदारियों में हाथ बँटाते हैं।
  4. यह मनोरंजन का स्रोत भी है। परिवार प्रसन्नता का स्रोत हो सकता है जहाँ सभी सदस्य एक दूसरे से बात-चीत कर सकते हैं, खेल सकते हैं व भिन्न-भिन्न गतिविधियाँ कर सकते हैं। ये गतिविधियाँ घरेलू कार्य से लेकर त्यौहार या फिर जन्म, सगाई व विवाह आदि की हो सकती हैं। 
  5. परिवार बच्चों के समाजीकरण का कार्य भी करता है। माता-पिता बच्चों को लोगों के साथ मिल जुलकर रहने, प्रेम करने, हिस्सेदारी, जरूरत के समय मदद व जिम्मेदारी निर्वहन का पाठ भी पढ़ाते हैं। 
  6. परिवार यौन संबंधी कार्य भी करता है जो प्रत्येक प्राणी की जैविक आवश्यकता है।

15 Comments

  1. Bhot acha lihka H sir nice information .
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  2. Thanks for such a great information thanks pls visit
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    1. pahele aapne andar ki kabiliyat dekho tab kisi ko bolo
      .

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  6. paeivar ki upyogita spast kigiya

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  7. umm. intresting very very very helpful in completing my holiday homework

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  8. Sir ye question mujhe bhot difficult lag raha tha par ye information read karne ke baad meri to sari problem hi khatam hogai thank you so much 🙏

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