संचार का अर्थ
संचार का अर्थ शाब्दिक दृष्टि से विचार करें तो एक तकनीकी शब्द है जो अंग्रेजी के कम्युनिकेशन (Communication) शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। संचार का सामान्य अर्थ किसी बात को आगे बढ़ाना, चलाना या फैलाना है। जब हम ‘संचार’ शब्द का प्रयोग कम्युनिकेशन के विशिष्ट अर्थ में करते हैं, तब यह एक पारिभाषिक शब्द बन जाता हे। सरल शब्दों में समझने के लिए कुछ उदाहरण लें। दो व्यक्तियों में आमने-सामने बैठकर होने वाली गपशप, टेलीफोन पर होने वाला वार्तालाप, पत्राचार, सेटेलाइट के माध्यम से दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम संचार है।संचार की परिभाषा
संचार की परिभाषा को कुछ विशेषज्ञों ने संचार को किस प्रकार परिभाषित किया है।Larry L. Barker & D. A. Barker के अनुसार : किसी एक निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक व्यवस्था के दो घटकों द्वारा की जाने वाली अन्योन्यक्रिया को संचार कहा जाता है। (इनके अनुसार संचार गतिशील, परिवर्तनशील व अंतहीन प्रक्रिया है।)
J. P. Legan के अनुसार : संचार वह प्रक्रिया है, जिसमें दो या अधिक व्यक्ति आपस में किसी एक संदेश पर समान समझ पैदा करने के लिए विचारों, भावों, तथ्यों, प्रभावों इत्यादि का आदान-प्रदान करते हैं।
Brooker के अनुसार : संदेश के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कोई अर्थ प्रेषित करने की प्रक्रिया संचार है।
L. Brown के अनुसार : विचार, भाव और कर्तव्य इत्यादि के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को संचार कहते हैं।
Wilbur Schramm के अनुसार : उद्दीपकों का प्रसारण ही संचार है। John Harris के अनुसार : समानता स्थापित करने की प्रक्रिया ही संचार है।
Dennis McQuil के अनुसार : संचार लोगों के बीच में समानता की भावना को बढ़ता है, लेकिन संचार होने के लिए समानता होना एक आवश्यक शर्त है। संचार लगभग वही है जो कि हम अपने दैनिक क्रिया कलापों में करते हैं।लोगों के आपसी संबंधों से इसका काफी कुछ लेना देना है। यह काफी साधारण से काफी जटिल हो सकता है। हम संचार कैसे करें, यह काफी हद तक संदेश, प्रेषक व प्रापक की प्रकृति पर निर्भर करता है। यहां संचार की कुछ और परिभाषाएं दी गई हैं।
सूचनाओं के आदान-प्रदान व संचार की आवश्यकता को काफी समय तक समय और स्थान की सीमाएं बांध नहीं पाई। ई मेल, वायस मेल, फैक्स इत्यादि ने संचार और ज्ञान की सहभागिता को बढ़ावा दिया है। कम्प्यूटर के माध्यम से लिखित संदेश के प्रसार की प्रक्रिया ई मेल है। वहीं डिजीटल प्रणाली में रिकार्ड आवाज का प्रसारण इत्यादि वायस मेल है। अब तो हमारे पास काफी संख्या में जनमाध्यम भी उपलब्ध हैं।
मौखिक संचार में अनौपचारिक बैठक, सुनियोजित सभा और जनसभा को शामिल किया जाता है। इस संचार में वक्ता की आवाज और प्रस्तुतिकरण की शैली काफी अन्तर पैदा करती है। दैनंदिन कार्य, निर्देशन, सूचनाओं का आदान-प्रदान और अन्तव्यर्ैक्तिक संबंधों में गर्माहट रखने के लिए अनौपचारिक बातें होना काफी आवश्यक है। आजकल सूचना प्रौद्योगिकी ने हम सबके संचार करने के तौर तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए हैं। इंटरनेट व अन्य इलैक्ट्रानिक माध्यमों ने हमें किसी भी वक्त किसी भी स्थान से सूचना प्राप्त करने लायक बना दिया है।
यहां इससे संबंधित कुछ शब्दों का विवरण दिया गया है। प्रापक वह व्यक्ति या समूह है, जिसे संदेश पहुंचाने के लिए संचार की सारी कवायद की गई। संचारित संदेश में कुछ खलल पैदा करने वाली सभी चीजों को शोर की श्रेणी में रखा जाएगा। प्रतिपुुष्टि यह सुनिश्चित करती है कि संचार की प्रक्रिया में आपसी सहमति का निर्माण हुआ है। प्रापक से प्रेषक की तरफ कुछ सूचनाएं जाने की प्रक्रिया प्रतिपुष्टि कहलाती है।
Weaver के अनुसार : संचार नामक प्रक्रिया की सहायता से हम दूसरों को आसानी से प्रभावित कर सकते हैैं।
Thayer के अनुसार : पारस्परिक समझ, विश्वास व अच्छे मानवीय संबंध बनाने के लिए विचारों व सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया संचार है।
Thayer के अनुसार : पारस्परिक समझ, विश्वास व अच्छे मानवीय संबंध बनाने के लिए विचारों व सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया संचार है।
L. Brown के अनुसार : विचार, भाव और कर्तव्य इत्यादि के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को संचार कहते हैं।
Wilbur Schramm के अनुसार : उद्दीपकों का प्रसारण ही संचार है। John Harris के अनुसार : समानता स्थापित करने की प्रक्रिया ही संचार है।
न्यूमैन एवं समर - संचार एक शक्ति है जिसमें एक एकाकी सम्प्रेषण दूसरे व्यक्तियों को व्यवहार बदलने हेतु प्रेषित करता है।
संचार के उद्देश्य
संचार के उद्देश्य हें-
- भाव, विचार, संदेश ,ज्ञान, सूचना, आदि को दूसरे लोगों तक पहुंचाना।
- अपने अनुभवों का परस्पर आदान-प्रदान करना।
- समाज के सदस्यों को समझना, उनका विश्वास अज्रित करना।
- ज्ञान, सूचना और अनुभवों को परस्पर बांटना। उन्हें दूर-दूर तक पहुंचाना या फैलाना।
संचार के प्रकार
1. अन्त:व्यैक्तिक संचार -
मनुष्य द्वारा अपने आप से बात करने यानी कि दिमाग में कुछ सोचने विचारने की प्रक्रिया को अन्त:व्यैक्तिक संचार कहा जाता है। सोच, विचार प्रक्रिया, भावनात्मक प्रतिक्रिया, दृष्टिकोण, मूल्य और विश्वास, स्व अवधारणा, अर्थों की रचना व उनकी व्याख्या इसी संचार के अन्तर्गत आते हैं।2. अन्त:व्यैक्तिक संचार -
दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले संचारीय आदान-प्रदान की प्रक्रिया अन्त:व्यैक्तिक संचार कहलाती है। इस प्रकार के संचार में संदेश प्रसारित करने के लिए एक से अधिक स्रोतों का भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे हम शाब्दिक संचार करते वक्त शारीरिक भाव भंगिमाओं से भी कुछ संदेश प्रेषित कर रहे होते हैं।3. समूह संचार -
सांचे दृष्टिकोण, उद्देश्य या हितों वाले कुछ लोगों का समूह आपस में जो संचार करता है वह समूह संचार की श्रेणी में आता है। इस संचार के प्रतिभागी सांझे मूल्य या व्यवहार के मानक प्रदर्शित करते हैं।4. जन संचार
आमतौर पर जनमाध्यमों को परिभाषित करते हुए कहा जाता है कि “किसी संदेश का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन व प्रसार करने वाले संगठन जनमाध्यम हैं।” 1939 में हैरबर्ट ब्लूमर ने मानव एक़ित्रकरण की चार श्रेणियां निर्धारित की थीं। उनके अनुसार एक जगह एकत्रित होने वाले लोगों को समूह, जन समूह, भीडò और मास कहा जाता है। किसी भाषण, लेख, संकेत या व्यवहार के माध्यम से विचार, सूचना, संदेश इत्यादि का आदान-प्रदान ही संचार है। यह सूचना या विचारों को प्रभावशाली तरीके से दूसरों तक पहुंचाने के लिए सही शब्दों व संकेतों के चयन की तकनीक व कला है।संचार की प्रक्रिया
पत्र पढ़ना, टेलीफोन पर बातचीत करना, रेडियो सुनना, भाषण देना और सुनना, संवाद करना सभी संचार है। इस प्रकार हम देखते हैं कि संदेश पहुँचाना और सूचना प्राप्त करना ही संचार है।
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संचार प्रक्रिया |
सूचनाओं के आदान-प्रदान व संचार की आवश्यकता को काफी समय तक समय और स्थान की सीमाएं बांध नहीं पाई। ई मेल, वायस मेल, फैक्स इत्यादि ने संचार और ज्ञान की सहभागिता को बढ़ावा दिया है। कम्प्यूटर के माध्यम से लिखित संदेश के प्रसार की प्रक्रिया ई मेल है। वहीं डिजीटल प्रणाली में रिकार्ड आवाज का प्रसारण इत्यादि वायस मेल है। अब तो हमारे पास काफी संख्या में जनमाध्यम भी उपलब्ध हैं।
मौखिक संचार में अनौपचारिक बैठक, सुनियोजित सभा और जनसभा को शामिल किया जाता है। इस संचार में वक्ता की आवाज और प्रस्तुतिकरण की शैली काफी अन्तर पैदा करती है। दैनंदिन कार्य, निर्देशन, सूचनाओं का आदान-प्रदान और अन्तव्यर्ैक्तिक संबंधों में गर्माहट रखने के लिए अनौपचारिक बातें होना काफी आवश्यक है। आजकल सूचना प्रौद्योगिकी ने हम सबके संचार करने के तौर तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए हैं। इंटरनेट व अन्य इलैक्ट्रानिक माध्यमों ने हमें किसी भी वक्त किसी भी स्थान से सूचना प्राप्त करने लायक बना दिया है।
यहां इससे संबंधित कुछ शब्दों का विवरण दिया गया है। प्रापक वह व्यक्ति या समूह है, जिसे संदेश पहुंचाने के लिए संचार की सारी कवायद की गई। संचारित संदेश में कुछ खलल पैदा करने वाली सभी चीजों को शोर की श्रेणी में रखा जाएगा। प्रतिपुुष्टि यह सुनिश्चित करती है कि संचार की प्रक्रिया में आपसी सहमति का निर्माण हुआ है। प्रापक से प्रेषक की तरफ कुछ सूचनाएं जाने की प्रक्रिया प्रतिपुष्टि कहलाती है।
संचार की विशेषताएँ
संचार की जटिल प्रक्रिया को इन विशेषताओं के आधार पर समझा जा सकता है:
- संचार सूचना हस्तांतरण की एक प्रक्रिया है, संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जो विभिन्न तरीकों से मनुष्यों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को संभव बनाती है।
- संचार एक सृजनात्मक एवं गतिशील सतत प्रक्रिया है।
- संचार की भाषा सुगम, सरल एवं आसानी से समझ में आने वाली होनी चाहिए।
- संचार का उद्देश्य स्पष्ट तथा सभी महत्वपूर्ण बातों से परिपूर्ण होना चाहिए और संचार प्राप्तकत्र्ता की मंषा के अनुरूप होने चाहिए।
- संचार सही समय पर होना चाहिए।
- संचार को प्राप्तकर्ता तक भेजने से पहले उस विषय की पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है।
- संदेश ऐसा होना चाहिए जिससे कि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे।
- संचार लचीला होना चाहिए ताकि आवश्यकतानुसार उसमें परिवर्तन किया जा सके।
- संचार में प्रयोग किये जाने वाले कार्य खर्चीले नहीं होने चाहिए तथा उसमें ऐसा गुण होना चाहिए जिससे कि पूरे समाज वर्ग के लोग उससे लाभ अर्जित कर सके।
- संचार की द्विमार्गीय प्रक्रिया जहाँ पर विचारों का आदान-प्रदान सुनियोजित ढंग से होता है वह श्रेष्ठ है।
- संचार एक प्रकार की साझेदारी है जिसमें ज्ञान अभिव्यक्ति सूचनाओं का अर्थ सामने वाले को समझाकर ही हम सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
- संचार हमें एक सूत्र में बाँधता है। संचार समाज के विकास में महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में जाना जा सकता है।
संचार के कार्य
संचार के कार्य - मोटे तौर पर देखें तो संचार कार्य करता है:- सूचना देना
- शिक्षा देना
- मनोरंजन
- किसी काम के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना ।
इसके अलावा भी संचार के कुछेक अतिरिक्त कार्य हैं। यह कार्य इस प्रकार हैं:
- मूल्यांकन
- दिशा निर्देशन
- प्रभावित करना
- अभिविन्यास करना।
बुनियादी संचार मॉडल
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बुनियादी संचार मॉडल |
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