विनिमय साध्य का अर्थ है, सुपुर्दगी द्वारा हस्तांतरणीय: तथा ‘‘लेखपत्र‘‘ (विलेख) वह लिखित दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति
के पक्ष में कोई अधिकार निर्मित करता है। अत: विनिमय साध्य लेखपत्र से आशय ऐसे लिखित लेखपत्रों से है जो किसी
व्यक्ति के हित में अधिकार उत्पन्न करता है और जो सुपुर्दगी द्वारा हस्तांतरणीय होता है।
विनिमय साध्य लेखपत्र की परिभाषा
‘‘विनिमय साध्य लेखपत्र से तात्पर्य किसी प्रतिज्ञापत्रए विनिमय-बिल या चैक से है जो किसी
आदेशित व्यक्ति अथवा वाहक को देय हो’’
न्यायाधीश विलिस के अनुसार, ‘‘विनिमय साध्य लेखपत्र उसे कहते हैं जिसका स्वामित्व ऐसे प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया जाता है जो कि लेखपत्र को सद्भावना के साथ तथा मूल्य के बदले में प्राप्त करता है, चाहे भले ही जिस व्यक्ति से वह प्राप्त करता है उसके स्वत्व में कोई दोष हो।’’
न्यायाधीश विलिस के अनुसार, ‘‘विनिमय साध्य लेखपत्र उसे कहते हैं जिसका स्वामित्व ऐसे प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया जाता है जो कि लेखपत्र को सद्भावना के साथ तथा मूल्य के बदले में प्राप्त करता है, चाहे भले ही जिस व्यक्ति से वह प्राप्त करता है उसके स्वत्व में कोई दोष हो।’’
विनिमय साध्य लेखपत्र के आवश्यक लक्षण
एक विनिमय साध्य लेखपत्र के आवश्यक लक्षण हैं :-- यह लिखित होता है।
- एक वाहक (Bearer) विनिमय-साध्य लेखपत्र केवल सुपुर्दगी और आदेशित (Order) लेखपत्र बेचान तथा सुपुर्दगी द्वारा हस्तान्तरित किया जा सकता है।
- इसका धारक अपने नाम से वाद प्रस्तुत कर सकता है।
- इसमें प्रतिफल को उल्लेख नहीं होता है। केवल इसमें मूल्यवान प्रतिफल होना मान लिया जाता है।
- यह मुद्रा के रूप में कार्य करता है एवं उसके समान एक हाथ से दूसरे हाथ हस्तांतरित होता है।
- हस्तांरिती को हस्तांतरण करते समय किसी को भी सूचना देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- यह ऋण के अभिहस्तांकन (Assignment) का सबसे आसान व सुविधाजनक साधन है।
- यह सद्भाव हस्तांतरिक (Bonafide Transfere) का ऐसा अधिकार प्रदान करता है जिस पर हस्तांतरण करने वाले व्यक्ति के अधिकार के दोषों का कोर्इ प्रभाव नहीं पड़ता।
विनिमय साध्य लेखपत्र के प्रकार
विनिमय साध्य लेखपत्र दो प्रकार के होते हैं :- (i) कानून द्वारा विनिमय साध्य, और (ii) प्रचलित रीति-रिवाजों के अनुसार विनिमयसाध्य।- कानून द्वारा विनिमयसाध्य - धारा 13 के अनुसार विनिमय-पत्र, प्रतिज्ञा-पत्र और चैक ही विनिमयसाध्य होते हैं। अत: इन्हें कानून द्वारा विनिमय-साध्य कहा जा सकता है।
- प्रचलित रीति-रिवाजों के अनुसार विनिमयसाध्य - विनिमय-पत्रए प्रतिज्ञा-पत्र और चैक के अतिरिक्त कुछ दूसरे प्रपत्र जैसे - डिविडेण्ड वारण्ट (Divident Warrant), शेयर वारण्ट (Share Warrant), डिबेन्चर (Debenture), रेलवे रसीद (Railway Receipt), जहाजी बिल्टी (Bill of Lading) को भी अन्य अधिनियमों (जैसे कम्पनी अधिनियम) अथवा व्यापारिक रीति-रिवाजों के कारण विनिमयसाध्य लेख-पत्र माना जाता है।
Thanks
ReplyDeleteLaxan full details chahte
ReplyDeleteFull detail
ReplyDeleteGgjm
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