राजनीतिक दल की परिभाषा
राजनीतिक दल को अनेक विद्वानों ने निम्न प्रकार से परिभाषित किया है :-
मसलदान के अनुसार-”राजनीतिक दल उस स्वैच्छिक समूह को कहते हैं जो कुछ सामान्य राजनीतिक व सामाजिक सिद्धान्तों के आधार पर तथा कुछ समान्य लक्ष्यों और आदर्शों की पूर्ति के लिए शासन चलाने का प्रयत्न करता है तथा अपने सदस्यों को सत्तारूढ़ करने की चेष्टा करता है ओर उसके लिए चुनाव तथा अन्य साधनों का भी प्रयोग करता है।”
फ्रेडरिक के अनुसार-”एक राजनीतिक दल उन व्यक्तियों का समूह है जो अपने नेताओं के लिए शासकीय नियन्त्रण प्राप्त करने अथवा उसे बनाए रखने के उद्देश्य से स्थायी रूप से संगठित होते हैं और आगे अनुशासित रहकर लाभ प्राप्त करने के प्रयास करते हैं।”
बर्क के अनुसार-”राजनीतिक दल मनुष्यों का एक समूह है जो कुछ निश्चित सिद्धान्तों के आधार पर जिनमें वे सहमत हैं, अपने सामूहिक प्रयत्नों से राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने के लिए एकता में बंधे होते हैं।”
मैकाइवर के अनुसार-”राजनीतिक दल वह समुदाय है जिसका संगठन किसी विशेष सिद्धान्त या नीति के समर्थन के लिए हुआ हो और वह संविधानिक साधनों द्वारा सरकार बनाने के लिए इस सिद्धान्त या नीति का सहारा लेता हो।”
गिलक्राइस्ट के अनुसार-”राजनीतिक दल व्यक्तियों के उस समुदाय को कहते हैं जिसके सदस्यों के राजनीतिक विचार एक से होते हैं और जो एक राजनीतिक इकाई की तरह कार्य करके सरकार पर नियन्त्रण करने की चेष्टा करते हैं।”
मैक्स वेबर के अनुसार-”राजनीतिक दल स्वेच्छा से बनाया हुआ वह संगठन है जो शासन शक्ति को अपने हाथ में लेना चाहता है और इसको हस्तगत करने के लिए प्रचार तथा आन्दोलन का सहारा लेता है। इस शासन शक्ति को हाथ में लेने के पीछे एक ही उद्देश्य हो सकता है जो या तो वस्तुनिष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति है या व्यक्तिगत स्वार्थ या दोनों है।”
गैटल के अनुसार-”राजनीतिक दल नागरिकों का वह समुदाय है जो एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करता है और अपने मतदान की शक्ति का प्रयोग करके सरकार को नियन्त्रित करना तथा अपनी सामान्य नीति की पूर्ति करना चाहता है।”
लीकाक के अनुसार-”राजनीतिक दल संगठित नागरिकों के उस समुदाय को कहते हैं जो एक जगह मिलकर एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते हैं। उनके विचार सार्वजनिक प्रश्नों पर एक जैसे होते हैं और वे सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए मतदान की शक्ति का प्रयोग करके सरकार पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहते हैं।”
रेने तथा केन्डल के अनुसार-”राजनीतिक दल संगठित स्वायत्त समूह है जो सरकार की नीतियों एवं कर्मचारियों पर अन्नत: नियन्त्रण प्राप्त करने की आशा में चुनाव में उम्मीदवारों का नामांकन करता है और चुनाव लड़ता है।”
राबर्ट सी0 बोन के अनुसार-”राजनीतिक दल व्यक्तियों का ऐसा संगठन है जो अपने उद्देश्यों को सरकार पर औपचारिक नियन्त्रण प्राप्त करके, समाज में मूल्यों के अधिकारिक वितरण में प्राथमिकता के प्रकरण बनाकर, प्राप्त करता है।”
पालोम्बरा के अनुसार-”राजनीतिक दल एक औपचारिक संगठन है जिसका स्व-चेतन व प्रमुख उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों पर पहुंचाना तथा उन पर नियन्त्रण बनाए रखना है जो अकेले या किसी से मिलकर शासन तन्त्र पर अपना नियन्त्रण करेंगे।”
कोलमेन के अनुसार-”राजनीतिक दल वे समुदाय हैं जो औपचारिक रूप से इस उद्देश्य से संगठित होते हैं कि उन्हें वास्तविक अथवा सम्भावित सम्प्रभु राज्य सरकार की नीति और उसके सेवीवर्ग के ऊपर वैधानिक नियन्त्रण प्राप्त करना और बनाए रखना है, चाहे अकेले या मिलकर या वैसे ही अन्य समुदायों के साथ चुनाव प्रतियोगिता करके।”
राजनीतिक दल की विशेषताएं
- राजनीतिक दल विशिष्ट सिद्धान्तों के आधार पर संगठित व्यक्तियों का समूह है।
- राजनीेतिक दल बहुत सारे व्यक्तियों का स्थायी संगठन है।
- राजनीतिक दल अपने सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए समाज के व्यापक हित को बढ़ावा देना चाहता है।
- राजनीतिक दल के सदस्यों में सामान्य लक्ष्यों व सिद्धान्तों पर आम सहमति पाई जाती है।
- राजनीतिक दल का कार्यक्रम स्पष्ट होता है।
- राजनीतिक दल अपने सिद्धान्तों, नीतियों व कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना चाहता है।
- राजनीतिक दल राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के लिए चुनावों में भाग लेता है।
- राजनीतिक दल अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए शान्तिपूर्ण तथा संविधान व कई बार असंविधानिक साधन भी अपनाता है।
- राजनीतिक दल राजनीतिक सत्ता की प्राप्ति के बाद अपने सिद्धान्तों को व्यवहारिक रूप देना शुरु कर देता है।
राजनीतिक दल की उत्पत्ति व विकास
राजनीतिक दल की उत्पत्ति के बारे में अनेक मत प्रचलित हैं। पीटर मकर्ल ने इसे संस्थागत ढांचे से जोड़ा है। उसका कहना है कि राजनीतिक दल की उत्पत्ति संस्थागत परिवेश में ही हुई है। राजनीतिक व्यवस्था में विशेष प्रकार की संस्थागत संरचनाओं का निर्माण ही दल व्यवस्था का विकास कर देता है। ला पालोम्बारा एवं वीनर के अनुसार ऐतिहासिक संकटों से निपटने के लिए ही दलों का जन्म हुआ है। आधुनिक युग में अनेक विद्वानों ने राजनीतिक दलों का सम्बन्ध औद्योगिक क्रान्ति से जोड़ा है। कार्ल माक्र्स तथा लेनिन की ऐसी ही धारणा है कि दल औद्योगिक क्रान्ति की उत्पत्ति है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि राजनीतिक दलों की उत्पत्ति के अनेक कारण भी हो सकते हैं और एक कारण भी। लोकतन्त्रीय तथा तानाशाही देशों में दलों की उत्पत्ति के कारण कभी समान नहीं हो सकते। इन देशों में इनकी उत्पत्ति का आधार एक दूसरे से सर्वथा भिन्न है।इस दृष्टि से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि राजनीतिक दलों की बीज प्राचीन काल मेंं भी विद्यमान थे। प्राचीन यूनान में प्लेबियन्स तथा पैट्रीशियन्स दो दलों का अस्तित्व था। लेकिन दलीय व्यवस्था को व्यवस्थित करने का श्रेय ब्रिटेन को ही जाता है। इंग्लैण्ड में गृहयुद्ध का प्रारम्भ ही दलों द्वारा हुआ था। उस समय दलों का स्वरूप गुटीय था। उनके कार्य करने के तरीके असभ्य थे। कैवेलियर्स राजवंश के तथा राउण्डहैड्स संसद के अधिकारों के समर्थक दल थे। बाद में इन दलों को ही क्रमश: उदार (Liberal) तथा अनुदार (Conservative) बन गए। इंग्लैण्ड में श्रमिक दल का उदय तो औद्योगिक क्रान्ति का परिणाम है
। अमेरिका में भी
राजनीतिक दलों की उत्पत्ति संविधान निर्माताओं की इच्छा के विपरीत हुई है। फिलाडेल्फिया सम्मेलन के दौरान ही प्रतिनिधिगण
संघवादी और संघ विरोधी दो भागों में बंटने लगे थे। धीरे-धीरे अमेरिका में भी दल प्रणाली विकसित होती गई और रिपब्लिकन
तथा डैमोक्रेटिक दलों का जन्म हो गया, जो आज भी कार्य कर रहे हैं। लेनिन के समय से पूर्व ही सोवियत संघ में भी साम्यवादी
दल का उद्भव हो चुका था जो आज विश्व के कई देशों में कार्य कर रहा है। चीन में साम्यवादी दल आज सफलतापूर्वक कार्य
कर रहा है।
फ्रांस, भारत, स्विस, कनाडा, जापान आदि सभी देशों में आज रजानीतिक दल कार्यरत् हैं। कहीं पर एकदलीय प्रणाली
है, कहीं पर द्विदलीय तो कहीं पर बहुदलीय प्रणाली है। भारत तथा स्विट्जरलैण्ड में बहुदलीय प्रणाली है, अमेरिका तथा ब्रिटेन में
द्विदलीय है तथा चीन में एकदलीय प्रणाली है।
Thanks a lot
ReplyDeleteThanks
DeleteIt's very useful
ReplyDeleteBahut bahut thanksx
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