विराम चिन्ह किसे कहते है विराम चिन्ह कितने प्रकार के होते है?

विराम चिन्ह किसे कहते हैं

किसी भी बात को लिखते वक्त विराम चिन्ह का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। विराम चिन्हों के माध्यम से वाक्य के प्रकार व ठहराव की जानकारी मिलती है। किसी के द्वारा कही गयी बात को सिर्फ लिख देने से यह पता नहीं चलता कि वह बात किस अंदाज में बोली गयी। विराम चिन्हों के माध्यम से यह पता चल जाता है कि वह वाक्य कुछ पूछा गया या कुछ बताया गया।

विराम चिन्ह किसे कहते हैं

भाषा के लिखित रूप में उक्त ठहरने के स्थान पर जो निश्चित संकेत चिह्न लगाए जाते हैं उन्हें विराम चिन्ह कहते हैं। विराम चिह्न के प्रयोग से भाषा में स्पष्टता आती है और भाव समझने में सुविधा होती है। यदि विराम चिह्नों का भी उचित प्रयोग न किया जाये तो अर्थ का अनर्थ भी हो सकता है। उदाहरणार्थ 
  1. रोको, मत जाने दो। 
  2. रोको मत, जाने दो। 
उक्त उदाहरण से स्पष्ट है कि विराम चिह्न के प्रयोग की भिन्नता से अर्थ परिवर्तन हो जाता है।

विराम शब्द का शाब्दिक अर्थ 

विराम शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ठहराव। एक व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए उसे समझाने के लिए, किसी कथन पर बल देने के लिए आश्चर्य आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए, कहीं कम समय के लिए तो कहीं अधिक समय के लिए ठहरता है।

विराम चिन्ह के प्रकार

हिन्दी में प्रचलित विराम चिह्न हैं: 
  1. पूर्ण विराम (।)
  2. अल्प विराम (,)
  3. अर्द्ध विराम (;)
  4. प्रश्न सूचक चिह्न (?) 
  5. विस्मयादि सूचक या बोधक चिह्न (!)
  6. अवतरण या उद्धरण चिह्न (“)
  7. योजक या विभाजक चिह्न (.)
  8. निर्देशक (डैश) (-)
  9. कोष्ठक ( )
  10. हंसपद ( ्र)
1. पूर्ण विराम Full Stop  (।) - फुल स्टाॅप का प्रयोग किसी भी ऐसे वाक्य के अन्त में किया जाता है जो न ही प्रश्नवाचक हो और न ही विस्मयादि बोधक वाक्य, बल्कि जिस वाक्य में बात पूर्णत: समाप्त हो। फुलस्टाॅप लगाने का सीधा सा मतलब है कि वाक्य खत्म हो गया है। 

प्रत्येक वाक्य की समाप्ति पर पूर्ण विराम ( । ) लगाया जाता है-  यथा ‘राम दिल्ली जाता है।’
I am coming.Ram
is a good boy.
मैं आ रहा हूँ।
राम अच्छा लड़का है।
फुल स्टाॅप का प्रयोग Abbreviations के साथ भी होता है। 

आप ये जानना चाहेंगे कि Abbreviations क्या होते हैं ? Abbreviations किसी भी शब्दों के समूह का संक्षिप्त रुप होते हैं। 
M.P. - Member of Parliament                          सांसद
M.L.A.- Member of Legislative Assembly     विधायक
P.M. - Prime Minister                                      प्रधानमंत्री
B.A. - Bachelor of Arts                                    आटर््स में स्नातक
2. Comma अल्पविराम (,) - जब आपको किसी वाक्य को बोलते हुए बीच में ज़रा सा विराम देना हो तो Comma अल्पविराम (,) का प्रयोग किया जाता है। यह चिह्न वाक्य के बीच में लगता है।
i) Ram, come here. 
ii) I have many friends such as Aman, Amit, Sandeep etc.
iii) He will come on Monday, 20th September.
iv) If he comes, I will not come.
v) Ram, my best friend, is his brother.
i) राम, यहाँ आओ।
ii) मेरे कई दोस्त हैं जैसे अमन, अमित, संदीप आदि।
iii) वो/वह सोमवार, 20 सितम्बर को आयेगा।
iv) अगर वो आया तो मैं नहीं आऊँगा।
v) राम, मेरा सबसे अच्छा दोस्त, उसका भाई है।
3.  अर्द्ध विराम Semicolon (;) जहाँ अल्पविराम से अधिक और पूर्ण विराम से कम रूकना पड़े वहाँ अर्द्ध विराम ( ; ) का प्रयोग होता है। इसका प्रयोग उदाहरण सूचक ‘जैसे’ शब्द से पूर्व प्राय: किया जाता है- “कोई शब्द व्यक्ति, वस्तु या स्थान आदि का बोध कराए उसे संज्ञा कहते हैं; जैसे - राम, मोहन, पुस्तक, दिल्ली आदि।” 

सामान्यत: इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थलों पर होता है:
  1. समानाधिकरण वाक्यों के मध्य में, जैसे - भारत में स्वतंत्रता संग्राम का शंख महात्मा गाँधी ने फूँका; अहिंसा और सत्याग्रह का आरंभ उन्होंने ही किया; अंग्रेजों के विरूद्ध बड़े-बड़े आन्दोलनों का नेतृत्व उन्होंने ही किया और अंतत: उन्हें सफलता भी मिली।
  2. मिश्र और संयुक्त वाक्य में विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले उपवाक्यों के बीच में, जैसे- लोग उसे गालियाँ देते; वह उन्हें अपना प्यार देता, लोग उस पर पत्थर फेंकते; वह उनके कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता।
Meeting was held on 25th October, 2008, 15th January, 2010 and 23rd March, 2012. (Incorrect)
Meeting was held on 25th October, 2008; 15th January, 2010; and 23rd March, 2012. (Correct)
4. प्रश्न सूचक चिह्न Question Mark (?) यह विराम चिह्न प्रश्न सूचक वाक्य के अंत में प्रयुक्त होता है, जैसे - तुम कहाँ जा रहे हो? यदि एक ही वाक्य में छोटे-छोटे कई प्रश्न वाचक वाक्य हों तो पूरे वाक्य की समाप्ति पर हिन्दी के भाषिक तत्व ही प्रश्न सूचक चिह्न लगाया जाता है, जैसे - तुम कहाँ गए थे, कैसे आए और क्या चाहते हो?
What is he doing? 
Who are you?
तुम कौन हो ? 
वो क्या कर रहा है ?
5. विस्मयादि सूचक या बोधक चिह्न  Exclamation Mark (!) हर्ष, विषाद, घृणा, आश्चर्य, भय, चिन्ता प्रकट करने वाले वाक्यों या वाक्यांशों के अन्त में वाह! बहुत सुन्दर लड़की है। विस्मय: ऐ! वह फेल हो गया। किसी व्यक्ति विशेष को सम्बोधित किया जाता है, उसमें विस्मयादि बोधक! लगता है- सुनीता! इधर आओ! यह विराम चिह्न हर्ष, विशाद, घृणा, आश्चर्य, भय आदि सूचक शब्दों, पदबंधों तथा वाक्यों के अंत में लगता है, जैसे - आह! उसे बड़ी पीड़ा हो रही है (शब्द)। इतना ऊँचा महल! (पदबंध)! कितना रमणीक दृश्य है! (वाक्य)।  

संबोधन के लिए भी इसी चिह्न का प्रयोग किया जाता है, जैसे - साथियों! आज बलिदान का समय आ गया है। 
God bless you! Wow! , Wonderful!
By God‟s grace !
How sad! , How tragic!
How dare he!
Oh honey! , Oh dear!
Incredible!, Amazing!, Awesome!
Nonsense ! Aweful!
Thank God!
That‟s it!
Sure!
Why not!,
of course!
Well done!
What a news!
Thanks a lot!
Congratulations!
What an idea!
वाह! , गज़ब! , बहुत बढि़या!
भगवान की दया से!, प्रभु की कृपा से!
कितने दुख की बात है!, कितना दुखद! 
उसकी इतनी हिम्मत! 
ओह प्यारे! 
बहुत बड़ी गलती! 
अवि‛वसनीय!, बहुत ही जबरदस्त! 
बकवास! 
ये हुई न बात! 
नज़र न लगे! 
जरूर!, क्यों नहीं! पक्का!
क्या खबर है! 
सच में! 
बहुत-2 धन्यवाद! 
बधाई हो! 
क्या आइडिया है!
6. अपूर्ण विराम Colon (:) - Colon अपूर्ण विराम (:) का मतलब है जैसे कि। Colon अपूर्ण विराम (:)  का प्रयोग अधिकतर तब किया जाता है जब आप व्यक्तियों, चीजों या जगहों आदि की सूची के बारे में बताते हैं। 

उदारणार्थ ‘किसी ने ठीक कहा है: ‘पराधीन सपनेहु सुख नाहीं।’
a) I met many people: Binita, Anjali, Kuldeep, Dimpal, and Seema.
b) I have many things: book, pen, vegetables, sugar, rice etc.
a) मैं कई लोगों से मिला जैसे कि बिनीता, अंजलि, कुल्दीप, डिम्पल और सीमा।
b) मेरे पास कई चीजें हैं जैसे कि किताब, पैन, सब्जि़याँ, चीनी, चावल इत्यादि।
7. द्वि-बिन्दु रेखिका double point  (:-)  किसी बात को समझाने के लिए क्या कोई उदाहरण देना हो तो द्वि-बिन्दु (:-) रेखिका का प्रयोग करते हैं। उदाहरणार्थ:- ‘जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराए, उसे विशेषण कहते हैं। जैसे:- कोयल काली है आम पीला है फूल लाल है

8. योजक या विभाजक चिह्न joiner or separator (.) - युग्म रूप में जिन शब्दों का प्रयोग हो यथा धीरे-धीरे, जल्दी-जल्दी जहाँ शब्दों को जोड़ा जाए यथा माता-पिता, भाई-बहन, राजा-प्रजा।

9.  संक्षेपक abbreviation (0) -  किसी व्यक्ति, वस्तु या संगठन के नाम को संक्षेप में लिखने के लिए संक्षेपक ( 0 ) का प्रयोग होता है- यथा उत्तर प्रदेश-उ0 प्र0 आचार्य रामचन्द्र शुक्ल-आ0 रा0 शु0 अटल बिहारी वाजपेयी-अ0वि0वा0

10. त्रुटिपूरक या हंस पद slang term (^) -  लिखते समय जब कोई पद छूट जाता है, तब उसके उचित स्थान यह चिन्ह (^) लगाकर छुटा हुआ अंश ऊपर लिख दिया जाता है यथा ‘रमा ने अपने भाई को पत्र लिखा।’

11. अवतरण या उद्धरण चिह्न quotation marks (“) - लेखक या कवि का कथन उसी के शब्दों में उद्घृत करने में अवतरण चिन्ह (“ “) का प्रयोग होता है इसके दो रूप है -
  1. इकहरा उद्धरण चिह्न (’ ‘) और 
  2. दुहरा उद्धरण चिह्न (“ “)। 
1. इकहरे उद्धरण - इकहरे उद्धरण चिह्न का प्रयोग कवि या लेखक का उपनाम, पुस्तक या समाचारपत्रों के नाम लिखने में किया जाता है, जैसे - सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने ‘परिमल’ ग्रंथ की रचना की। ‘नंदन’ बच्चों की पत्रिका है। सूक्ति या कहावत को स्पष्ट करने के लिए, काव्य पंक्तियों और उपवाक्यों में, जैसे - उस बालक पर यह कहावत चरितार्थ होती है, ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’। 

तुलसीदास ने ठीक ही लिखा है ‘भय बिनु होई न प्रीति’। 

2. दुहरे अवतरण - दुहरे अवतरण चिह्न का प्रयोग लेखक या वक्ता के कथन को यथावत् उद्धृत करने में, जैसे - “सत्याग्रही के लिए आवश्यक है - सत्य और अहिंसा के प्रति दृढ़ निष्ठा” - महात्मा गाँधी। पंडित मदन मोहन मालवीय ने कहा था, “शिक्षार्थियों को अनुशासन में रहकर अध्ययन करना चाहिए।’’

12. निर्देशक (डैश) dash (-) यह चिह्न योजक या हाइफन से कुछ बड़ा होता है। इसका प्रयोग किसी उद्धरण या कथन के पहले अल्प विराम के स्थान पर, जैसे - शुक्ल जी का कथन है - “वैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है।” किसी वस्तुओं या कार्यों का विवरण देने में, जैसे - उनकी किसी से नहीं बनती - न मित्रों से और न घर के लोगों से। यह खाने-पीने की बहुत-सी चीजें ले आया - मिठाई, नमकीन, सेब आदि।

13. कोष्ठक brackets ( ) - इस में वह सामग्री जो वाक्य का अंग नहीं होती एवं नाम इत्यादि को स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक चिन्ह ( ) का प्रयोग किया जाता है। तथागत (भगवान बुद्ध) के उपदेश मानने योग्य है। बापू (महात्मा गांधी) ने सदैव सत्य व अहिंसा का पालन किया। 

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