मैक्स वेबर का जीवन परिचय एवं प्रमुख रचनाएं

मैक्स वेबर का जीवन परिचय

Max Weber ka jeevan parichay मैक्स वेबर  का जन्म जर्मनी के थुरिंगा (Thuringa) शहर में 21 अप्रैल 1864 को एक प्रोटेस्टेंट परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता के सात पुत्रों में से सबसे बड़ा था। मैक्स वेबर के पिता पश्चिमी जर्मनी के व्यापारियों तथा वस्त्र निर्माताओं के परिवार में उत्पन्न हुए थे। दृढ़ प्रोटेस्टेंट विश्वासों के कारण यह परिवार कैथोलिक धर्म-प्रधान क्षेत्र साल्ज़बर्ग से भगा दिया गया। 

मैक्स वेबर के जन्म के समय उनके पिता एरफ़र्ट में मैजिस्ट्रेट थे तथा मैक्स के पिता एक राजनीतिज्ञ थे। बर्लिन के नगर पार्षद के रूप में उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। बाद में वे प्रशा के हाउस ऑफ़ डेपुटीज़ के सदस्य बन गए। वे दक्षिणपंथी उदारवादी थे तथा राष्ट्रीय उदार दल के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। इस दल ने बिस्मार्क से लड़ाई बंद की तथा उसकी राजनीति का समर्थन किया। 

मैक्स वेबर के पिता व्यवस्था पक्ष के एक बुर्जुआ राजनीतिज्ञ थे तथा आमोद-प्रमोद का जीवन व्यतीत करते थे। परंतु मैक्स वेबर की माता बड़े धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। उन्होंने कैल्विनवादी कर्त्त्व्य भावना पर बहुत अधिक विश्वास था।

1882 में 18 वर्ष की आयु में मैक्स वेबर हैडेलबर्ग विश्वविद्यालय में आया। यहाँ आकर संकोची तथा अलग-थलग रहने वाला मैक्स वेबर अचानक सक्रिय हो गया तथा समाज में लोगों से मिलने-जुलने लगा। विश्वविद्यालय में वह छात्रों के बीच लोकप्रिय हो गया। परंतु उसने तीन सत्रों के बाद अपनी शिक्षा पूरी किए बगैर स्ट्रासबर्ग में सेना की नौकरी शुरू कर दी।

दो वर्ष की सैनिक नौकरी के पश्चात 1884 में मैक्स वेबर अपने माता-पिता के पास वापस लौट गया। अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उसने बर्लिन विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। गॉटिंगन विश्वविद्यालय में भी शिक्षा प्राप्त की। इन दिनों जब वह घर में ही रह रहा था, मैक्स वेबर को अपनी माँ के व्यक्तित्व तथा धार्मिक मूल्यों से परिचित होने का अधिकाधिक मौका मिला।

विद्यार्थी  के रूप में, मैक्स वेबर ने बर्लिन विश्वविद्यालय के अध्यापकों के साथ बहुत घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। उसने 1889 में हिस्टरी ऑफ कमर्शियल सोसायटीज़ इन द मिडिल एजेज़ पर अपनी पी.एच.डी. का शोध प्रबंध लिखा तथा रोमन अग्रेरियन हिस्टरी पर अपना उत्तर-डॉक्टरीय (post-doctoral) शोध प्रबंध भी लिखा जो विश्वविद्यालय में अध्यापक का पद प्राप्त करने के लिए आवश्यक था। उत्तर-डॉक्टरीय शोध प्रबंध समाप्त करने पर मैक्स वेबर ने बर्लिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक का पद ग्रहण किया तथा इसी समय वह विश्वविद्यालय के विधि संकाय (law faculty) में शैक्षिक पद पर भी बना रहा। इन दिनों मैक्स वेबर के रहन-सहन के तरीके में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। धीरे-धीरे वह आत्मसंयमी की भाँति अनुशासित हो गया तथा रोज़मर्रा के जीवन में साधुवत कठोरता का पालन करने लगा।

1893 में मैक्स वेबर का मारिऐन श्नित्गर से विवाह हो गया। विवाह से पहले उसकी नियुक्ति फ्राइबर्ग विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में हो गई थी। यहाँ मैक्स वेबर की अनेकों वार्ताओं तथा भाषणों से उसकी महान विद्वता के दर्शन हुए। 1895 में द नैशनल स्टेट एण्ड इकॉनॉमिक पॉलिसी पर दिए गए उसके भाषण पर अनेकों विद्वानों का ध्यान आकर्षित हुआ। 1896 में मैक्स वेबर को हैडेलबर्ग में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। धीरे-धीरे उसे वहाँ के बुद्धिजीवियों में एक प्रमुख स्थान प्राप्त हो गया।

इस दौरान ईसाई सामाजिक राजनीतिक केंद्रों में सक्रिय होकर मैक्स वेबर ने राजनीति में रुचि लेना प्रारंभ कर दिया। मैक्स वेबर ने उस समय जर्मनी की सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों पर अनेकों लेख प्रकाशित किए। वस्तुत: वह अपने बौद्धिक तथा राजनीतिक कार्यकलापों दोनों में एक साथ ही सक्रिय हो गया। परंतु 1898 में अचानक इस होनहार जीवन में बाधा पड़ गई। अपने पिता की निरंकुश प्रतारणा के विरुद्ध माँ का बचाव करते समय एक तनावपूर्ण बहस के थोड़ी देर बाद मैक्स वेबर के पिता का देहांत हो गया। बाद में मैक्स वेबर ने अनुभव किया कि पिता के प्रति उसका वह व्यवहार सही नहीं था तथा जिसकी परिपूर्ति नहीं हो सकती थी। धीरे-धीरे मैक्स वेबर मानसिक रोग से ग्रसित हो गया। 1898 में उसका स्नायुतंत्र बिगड़ गया तथा पाँच वर्ष से अधिक समय तक वह बीमार रहा।

इस दौरान मैक्स वेबर कोई काम नहीं कर सका। यद्यपि उसने बार-बार अध्यापन का कार्य फिर से शुरू करने का प्रयास किया परंतु वह असफल रहा। उसकी बाँहें तथा पीठ की तरफ का भाग लकवाग्रस्त हो गया। वह पढ़ भी नहीं पाता था। विश्वविद्यालय ने उसे सवेतन अवकाश की मंजूरी दे दी। बिना पर्याप्त काम किए विश्वविद्यालय से धन पाने के कारण वह मानसिक बोझ से भी दुखी था। मानसिक अस्वस्थता के कारण डॉक्टरों ने उसे यात्रा तथा व्यायाम करने का सुझाव दिया। अगले कुछ वर्षों में मैक्स वेबर ने इटली तथा स्विटज़रलैंड का खूब भ्रमण किया। इन यात्राओं से मैक्स वेबर की हालत में धीरे-धीरे सुधार हुआ। 1902 में वह हैडेलवर्ग वापस आ गया तथा पुस्तकें व व्यावसायिक पत्रिकाएँ पढ़ने जैसे हल्के फुल्के काम करने लगा।

1903 में आर्कीव फ्यूअर सोसियालविसेनशाफ्ट (Archiv Fuer Sozialwissenschaft) जर्मनी में सामाजिक विज्ञान की प्रमुख पत्रिका के रूप में विख्यात हुई। पत्रिका के सह-संपादक के रूप में उसने अपने विद्वत कार्यकलाप फिर से शुरू किए। एक बार फिर मैक्स वेबर की शैक्षणिक योग्यता में अत्यधिक निखार आया। 1904 में उसने सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर, सामाज़िक विज्ञानों में वस्तुपरकता के प्रश्न पर तथा प्रोटस्टेंट एथिक एण्ड व स्पिरिट ऑफ कैपीटलिज्म के पहले भाग क रूप में महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित किए। उसी वर्ष एक शैक्षिक निमंत्रण पर वह अमरीका भी गया। मैक्स वेबर अमरीका के आर्थिक विकास तथा वहाँ की संस्कृति से प्रभावित हुआ। अपने इस दौरे के दौरान उसने पूँजीवादी विचारधारा के सभी पहलुओं श्रम समस्या, आप्रवासी तथा राजनीतिक प्रबंधन के प्रश्नों में अपनी रूचि दिखाई। कोलम्बिया विश्वविद्यालय में उसने प्रोटेस्टेंट विचारधारा में प्रयोग की जाने वाली अध्यन सामग्री की भी खोज की (गिडेन्स, 2006 : 183)। 

वस्तुत: मैक्स वेबर के बहुत से सैद्धांतिक निरूपणों का संबंध उसकी अमरीका यात्रा से जुड़ा हुआ है। उदाहरणत: प्रोटेस्टेंट नैतिकता तथा पूँजीवाद के प्रादुर्भाव के बीच संबंध तथा राजनीतिक संगठन के प्रकार्य आदि।

मैक्स वेबर के जीवन काल के आगामी वर्ष उसके जीवन के बहुत उत्पादक वर्ष थे। सामाजिक विज्ञानों की शोध पद्धति पर मैक्स वेबर द्वारा लिखे गए प्रसिद्ध लेख का अंग्रेजी अनुवाद, मैक्स मैक्स वेबर ऑन द मैथडॉलाजी ऑफ़ सोशल साइंसिज़, नाम से हुआ तथा द प्रोटस्टेंट एथिक एण्ड द स्पिरिट ऑफ कैपिटलिज्म पर लिखा गया उसका प्रसिद्ध शोध प्रबंध भी इन्हीं दिनों पूरा हुआ। आगामी वर्षों में मैक्स वेबर ने रूस के राजनीतिक परिवर्तनों पर अनेकों महत्वपूर्ण अध्ययन किए। इसके अलावा उसने अपने दादा/नाना की फैक्टरी के औद्योगिक श्रमिकों के सामाजिक मनोविज्ञान पर एक आनुभाविक अध्ययन भी किया। 1910 में वह टोनीज़ तथा ज़िमेल के साथ जर्मनी की समाजशास्त्रीय समिति का सह-संस्थापक बन गया । 

1915 और 1920 के बीच राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ मैक्स वेबर ने शैक्षिक क्षेत्र में भी बहुत अधिक योगदान किया। प्रथम महायुद्ध के दौरान उसने धर्म के समाजशास्त्र पर अपना अध्ययन पूरा किया। द रिलीज़न ऑफ़ चाइना : कन्फूशियनिज़्म एण्ड ताओइज़्म, 1915 में पहली बार प्रकाशित हुई। द रिलीज़न ऑफ इंडिया : द सोशियोलॉजी ऑफ हिन्दुइज़्म एण्ड बुद्धिज़्म, 1916-17 में प्रकाशित हुई। ऐन्शियंट जूडाइज़्म, 1917 में प्रकाशित हुई। 1919 में मैक्स वेबर ने म्यूनिख विश्वविद्यालय में साइंस ऐज़ ए वोकेशन तथा पॉलिटिक्स ऐज़ ए वोकेशन अपना प्रसिद्ध भाषण दिया। वस्तुत: इस भाषण में जर्मनी में क्रांतिकारी उथल-पुथल के समय मैक्स वेबर के राजनीतिक और बौद्धिक अभिविन्यास की स्पष्ट रूप से व्याख्या करने के उसके महत्वपूर्ण प्रयास की झलक मिलती है। 

मैक्स वेबर ने इस काल में विर्टशाफ्ट तथा गेसेलश़ाफ्ट (अर्थव्यवस्था और समाज) पर भी गहन कार्य किया। परंतु वह इन रचनाओं को पूरा नहीं कर सका। बाद में, उसकी मृत्यु के बाद 1920 में फ्रैंक एच नाइट ने जनरल इकोनॉमिक हिस्टरी में इनका अनुवाद प्रकाशित किया । 1920 में जून के प्रारंभ में मैक्स वेबर को तेज़ बुखार हो गया। शुरू में इसका निदान फ़्लू किया गया। बाद में डॉक्टरों ने इसे न्यूमोनिया बताया। 14 जून 1920 को इस प्रसिद्ध समाजशास्त्री को देहांत हो गया।

मैक्स वेबर की सामाजिक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 

मैक्स वेबर एक लोक बुद्धिजीवी भी थे, जो राजनीति के क्षेत्र में भाव-प्रवणता के साथ व्यस्त रहकर उनमें भागीदारी निभाते थे। एक राष्ट्रवादी के रूप में, वे प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान सैन्य सेवा हेतु स्वेच्छया सेना में भर्ती हुए, बेशक वह उस समय वे पचास वर्ष के थे। वे, तथापि, जर्मन नेतृत्व एवं युद्ध-नीतियों के गहन आलोचक थे और राजनीतिक व्यवस्था के कायापलट के पक्षघर थे, जिसने उन्हें शासन अवसर्जन के विरुद्ध बहुत अलोकप्रिय थे। 

वर्ष 1918 में, प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी की करारी हार के पश्चात, वेबर ने राजनीति में मिताचार की बात कही और एक नए संविधान का प्रारूप तैयार करने व जर्मन डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना करने में मदद की। उन्हें सामाजिक एवं राजनीतिक कारणों का पक्षधर बताया जाता है, जो कि लोकप्रिय अथवा मुख्यधारा में नहीं थे। अतः उन्हें तात्कालिक राजनीतिक अभिजात वर्ग द्वारा शंका की दृष्टि से ही देखा गया।

वेबर ने अपने समय के लगभग सभी समसामयिक विशयों एवं वाद-विवाद में भाग लिया और उनके काम ने उस काल के समाज और इतिहास में हो रहे भारी बदलाव को आत्मसात् किया। जैसा कि हमने ऊपर चर्चा की, वेबर का काम कार्ल माक्र्स के काम से बड़े ही रोचक रूप से भिन्न था, जहाँ परवर्ती की इतिहास संबंधी भौतिकवादी संकल्पना आर्थिक संकल्पवाद से पहचानी जाती थी। 

इसके विपरीत, वेबर ने भौतिक अस्तित्व की सीमाओं को रूपादित करने में मूल्यों एवं मान्यता व्यवस्थाओं की मौलिक भूमिका का सिद्धांत प्रस्तुत किया और माक्र्सवादी प्रतिमान का एक दोषनिवारक समाधान प्रदान किया। 

मैक्स वेबर की प्रमुख रचनाएं

मैक्स वेबर की प्रमुख प्रकाशित रचनाओं की सूची नीचे दी गई है। इस सूची में अनुवादित तथा सम्पादित पुस्तकें भी शामिल हैं।
  1. द सोशल कॉज़िज ऑफ डिके ऑफ एशिएंट सिविलाइजेशनजरनल ऑफ जनरल एजुकेशन
  2. द प्रोटेस्टेंट एथिक एण्ड द स्पिरिट ऑफ कैपीटलिज्म
  3. द रिलीजन ऑफ चाइना
  4. मैक्स वेबर ऑन दमैथाडोलॉजी ऑफ सोशल साइंसिस
  5. द रिलीज़न ऑफ इंडिया
  6. ऐशिएंट जुडाइज़्म. फ्री प्रेस
  7. जनरल इकोनॉमिक हिस्ट्री
  8. द सिटी. फ्री प्रेस : गलैन्को 
  9. द थ्यूरी ऑफ सोशल एण्ड इकोनॉमिक आरगनाइजेशन
  10. फ्रॉम मैक्स वेबर : एसेज़ इन सोशियोलॉजी.

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