एकल अध्ययन का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, अवस्थाएं, प्रकार एवं विशेषताएँ

एकल अध्ययन का अर्थ

एकल (Case) का अर्थ किसी व्यक्ति विशेष से ही नहीं बल्कि ‘एकल’ का अर्थ एक संस्था, राष्टं, धर्म, एक व्यक्ति या समूह भी हो सकता है। इस प्रकार की स्थिति (एकल) को संकेत करती है एकल का अर्थ किसी भी इकाई से होता है-
  1. एकल एक निकट अध्ययन (Close study of a Case),
  2. एकल गहन अध्ययन (Deep Study)
  3. संचयी अध्ययन (Cummulative Study) तथा
  4. उपचारात्मक अध्ययन (Clinical Study)।
एकल-अध्ययन (Case Study) अधिकतर पुलिस में घटना की पूछताछ में जांच के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य उन तथ्यों की जानकारी प्राप्त करने में होता है जो अपराधी को दण्ड दिलाये। परन्तु निर्देशन में एकल अध्ययन पूर्णतया इससे भिन्न हैं। एकल अध्ययन का मुख्य उद्देश्य उन स्थितियों की उन्नति से है, पूर्व सूचनाओं के आधार पर निदान में सहायता मिलती है और उपचार करते हैं।

एकल अध्ययन की परिभाषा

एकल-अध्ययन या ऐतिहासिक विधि कोई नई बात नहीं है वरन् यह सामाजिक रीतियों की परम्पराओं के अध्ययन का वर्णन या सामान्यीकरण है। उदाहरण के लिए कहानी या ‘उपन्यास’ या रूपक और कहावत आदि। एकल-अध्ययन कुछ व्यक्तियों के तुलनात्मक अध्ययन के गहन अध्ययन पर आधारित है। कभी-कभी यह कुछ व्यक्तिगत अध्ययन तक भी सीमित होता है।

पी. सी. यंग के अनुसार-किसी व्यक्ति अथवा समूह का गहन अध्ययन ही जीवन का ऐतिहासिक अध्ययन कहलाता है।,

इस प्रकार एकल-अध्ययन प्रकृति से अधिक प्रभाव डालने वाली होती है। इसका अध्ययन क्षेत्र तुलनात्मक रूप से ही सीमित है। परन्तु इसमें गहनता अधिक होती है। यहा पर अध्ययन की इकाई असीमित होती है। पी. वी. यंग के अनुसार-एकल-अध्ययन एक ऐसी प्रकिया है जो सामाजिक जीवन की इकाई का विभाजन व खोज करती है। चाहे वह व्यक्तिगत परिवार, संस्था, सांस्कृतिक समूह हो अथवा सार्वभौमिक समुदाय।,

गुड व स्केट्स के अनुसार-एकल अध्ययन की एक तुलनात्मक रूप में परिभाषा की है- स्थिति अवलोकन इकाई-अध्ययन प्रकिया की आवश्यक विधि उस प्रकार की भावनाओं से सम्बन्धा रखती है जिसमें व्यक्तिगत जीवन का अध्ययन या समुदाय या किसी समूह आदि को माना गया हो। इकाई का सम्बन्धा उन प्रदनों से है जो जीवन काल के ऐतिहासिक पक्ष के उस इकाई से संबन्धित जो पूर्ण जीवन दर्शन प्रदर्शित हो चाहे वह व्यक्तिगत इकाई हो अथवा पारिवारिक या सामाजिक समूह। व्यवहार से संबन्धित मिश्रित परिस्थितिया अथवा सामूहिक तथ्यों का परीक्षण किया जाता है, उन तथ्यों का संकलन जोकि संबन्धित बातों से जुड़ा है, यह जानने के लिए उन वर्तमान स्थितियों व तथ्यों को प्रकट करते हैं।,

उपरोक्त स्थिति अवलोकन की परिभाषा वास्तविक अर्थो में उपयोगी है। चुने हुए कार्यो के शीर्षक को जाने के लिए जोकि एक सम्प्रेषण का कार्य करती है उसके उपयोग की अर्थापन अध्ययन के सन्दर्भ में व्यक्ति, सामाजिक संस्था या सांस्कृतिक समुदाय के लिए करता है।

कुछ विद्वानों ने एकल-अध्ययन, एकल कार्य, एकल विधि तीनों में अन्तर का उल्लेख किया है परन्तु जैसा कि पहले कहा जा चुका है कि एकल अध्ययन का अर्थ किसी विशिष्ट इकाई के प्रभावशाली अध्ययन से है। इकाई कार्य विशिष्ट रूप से उन विकासात्मक, समायोजनात्मक, उपचारात्मक या सुधारात्मक कियाओं को इंगित करता है जो सम्भावित रूप से असमायोजित होने के कारणों या अनुवूफल विकास की दिशा में किए गए अध्ययन से संबन्धित है।

एकल अध्ययन के उद्देश्य

एकल अध्ययन के प्रमुख चार उद्देश्य हैं-
  1. उपचारात्मक उद्धेश्य (बीमारी से संबन्धित वार्ता), 
  2. निदानात्मक उद्धेश्य (कमजोर विद्यार्थियों को शिक्षण से संबन्धित परिस्थितियों में उपचारात्मक निर्देशन देना), 
  3. शैक्षिक व मनोवैज्ञानिक समस्याओं से संबन्धित तथ्यों का अध्ययन करना, तथा 
  4. अन्य सूचनाओं को एकत्रित करना, यह एक अनुकरणीय कार्य भी हो सकता है।

एकल अध्ययन की अवस्थाएं

किसी एकल अध्ययन का तीन अवस्थाओं में अध्ययन किया जा सकता है-

  1. पिछली बातों का वह अवलोकन, जो अतीत के जीवन से संबन्धित है और उन लिखित तथ्यों के आधार पर स्थिति को जानने में उपयोगी होते हैं। 
  2. एकल के वर्तमान स्तर से संबन्धित दूरदशिता रखना जोकि स्थिति की जानकारी हेतु सहायक होती है। सुझाव व सुधार इकाई के सम्बन्धा में किए जा सकते हैं। 
  3. समान अवस्थायें जो भावी प्रगति व सुधार के लिए परीक्षण के रूप में लाई जाती हैं तथा इकाई उपचार के लिए प्रस्तुत की जाती है। एकल का वर्गीकरण, प्रारम्भिक अध्ययन संस्थान कार्यालय में प्रेषित जाति, आयु, लिग, समस्याओं, बुद्धि स्तर, विद्यालय, आर्थिक स्तर एवं अन्य संबन्धित प्रदत्तो  पर आधारित है।

एकल अध्ययन के प्रकार एवं विशेषताएँ

एकल अध्ययन छ: प्रकार से किया जाता है-
  1. सामाजिक या सामूहिक एकल अध्ययन (Community Study) 
  2. कारण का तुलनात्मक अध्ययन (Causal Comparative Study), 
  3. क्रियात्मक विश्लेषण (Activity Analysis), 
  4. विषय वस्तु का विश्लेषण (Content Analysis), 
  5. अनुगामी कार्यक्रम (Follow-up Programme), तथा 
  6. अध्ययनों की प्रकृति (Trends of Studies)

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