सम्बन्धित साहित्य का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं स्रोत

सम्बन्धित साहित्य से तात्पर्य अनुसंधान की समस्या से सम्बन्धित उन सभी प्रकार की पुस्तकों, ज्ञान, कोषों, पत्र-पत्रिकाओं, प्रकाशित शोध एवं अभिलेखों से है, जिनके अध्ययन से अनुसंधानकर्त्ता को अपनी समस्या का चयन, परिकल्पना, निर्माण व अध्ययन की रूपरेखा तैयार करने में सहायता मिलती है।

सम्बन्धित साहित्य की परिभाषा

टे्रवर्स के अनुसार :- ‘‘किसी भी क्षेत्र की समस्याओं एवं तथ्यों से परिचित होने के लिए उस विषय से सम्बन्धित साहित्य को पढ़ना आवश्यक होता है, सम्बन्धित साहित्य की समस्याओं एवं तथ्यों के ज्ञान से शोधकर्त्ता विषय हेतु संगत तथा असंगत बातों की जानकारी प्राप्त करवाता है।

जॉन डब्ल्यू बेस्ट के अनुसार :- ‘‘सम्बन्धित साहित्य समस्त मानवीय पुस्तकों और पुस्तकालयों में उपलब्ध हो सकता है तथा जो जीवधारियों से भिन्न प्रत्येक नई पीढ़ी के साथ पुन: नए सिरे से कार्य प्रारम्भ करते हैं, मनुष्य अतीत से संचित व अद्योलिखित ज्ञान के आधार पर नवीन ज्ञान का सर्जन करते हैं।’’

अत: उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर सम्बन्धित साहित्य से तात्पर्य उस साहित्य से होता है, जो उस शोध के लिए आधारशिला प्रदान कर दिशा प्रदान करता है।

सम्बन्धित साहित्य के उद्देश्य

साहित्य सर्वेक्षण के अनुसंधान के विषय में वर्णन करते हुए गुड, वार तथा स्केट्स ने प्रमुख उद्देश्य बताएँ हैं, इनका विवरण है :-
  1. यह अनुसंधान के लिए सिद्धान्त, विचार, व्याख्याएँ तथा परिकल्पनाएँ प्रदान करता है जो नयी समस्या के चयन में उपयोगी हो सकते हैं। 
  2. यह अनुसंधान के लिए किए गए क्षेत्र में कार्य कितना और किस प्रकार हो चुका है, इसकी जानकारी देता है। 
  3. यह परिकल्पना के लिए साधन प्रदान करता है। शोधकर्त्ता प्राप्त अध्ययनों के आधार पर शोध परिकल्पना बता सकता है। 
  4. चयनित समस्या के लिए किस विधि तथा प्रक्रिया का प्रयोग उपयुक्त होगा? कौन से उपकरण लाना उचित होगा तथा कौन सी सांख्यिकी का प्रयोग करना होगा? इन सबकी जानकारी देता है।
  5. यह परिणामों के विश्लेषण में सहायता करता है तथा उपयोग, निष्कर्षों तथा तुलनात्मक तथ्यों को निर्धारित करता है अर्थात् सम्बन्धित अध्ययनों से निकाले गए निष्कर्षों की तुलना की जा सकती है। 
  6. समस्या के परिभाषीकरण, अवधारणाएँ, सीमांकन तथा परिकल्पना के निर्माण में सहायता करता है।

सम्बन्धित साहित्य की आवश्यकता

  1. प्रत्येक अनुसंधानकर्त्ता के लिए यह आवश्यक है कि वह दूसरों द्वारा किए गए शोध के आधार पर अपनी समस्या से सम्बन्धित साहित्य की सूचनाओं से भली-भाँति अवगत हो।
  2. शोधकर्त्ता सम्बन्धित साहित्य से अपनी रूचि के अनुरूप शोधकार्य का क्षेत्र चुनता है तथा इस शोध का गुणात्मक तथा मात्रात्मक विश्लेषण शोधकर्त्ता को एक दिशा प्रदान करता है। 
  3. अध्ययनकर्त्ता साहित्य से शोध की समस्या का चयन करता है तथा साहित्य के पुर्ननिरीक्षण के आधार पर अपनी परिकल्पनाएँ बनाता है तथा अनुसंधान के परिणामों और निष्कर्षों पर वाद-विवाद किया जा सकता है। 
  4. यह समस्या समाधान हेतु अनुसंधान की समुचित विधि का सुझाव देता है। 
  5. तुलनात्मक आँकड़ों को प्राप्त करने एवं विश्लेषण करने में सहायक होता है। 
  6. सम्बन्धित साहित्य समस्या के सीमांकन में सहायक होता है। 
  7. सम्बन्धित साहित्य का गम्भीर अध्ययन अनुसंधानकर्त्ता के ज्ञानकोष की वृद्धि करता है।

सम्बन्धित साहित्य के स्रोत

सम्बन्धित साहित्य की सूचनाओं के स्रोत से तात्पर्य अनुसंधान विषय में किए गए पूर्व अध्ययनों से होता है तथा इसके लिए शोधकर्त्ता को अध्ययन सामग्री की आवश्यकता होती है। यह अध्ययन सामग्री शोधकर्त्ता की विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होती है। स्रोत लिखित एवं संकलित हो सकते हैं, इसके शोधकर्त्ता को उस क्षेत्र में हुए कार्यों के बारे में जानकारी मिलती है, उसकी सूझ एवं अन्र्तदृष्टि का विकास होता है। सम्बन्धित साहित्य की सूचनाओं के स्रोत दो प्रकार के होते हैं:- 1. प्रत्यक्ष स्रोत। 2. अप्रत्यक्ष स्रोत।

1. प्रत्यक्ष स्रोत - शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा साहित्य के रूप में सूचना के प्रत्यक्ष स्रोत इस प्रकार के प्राप्त होते हैं -
  1. पत्रिकाओं में उपलब्ध सामयिक साहित्य - शोध से सम्बन्धित जो कार्य हुए हैं उनको साहित्य पत्रिकाएँ, आदि हो सकते हैं, इसका साहित्य नवीन घटनाओं से सम्बन्धित होता है। 
  2. शोध प्रबन्ध - विषय से सम्बन्धित शोध मिल सकते हैं। शोध वे ही नहीं होते लेकिन उनकी रूपरेखा मिल जाती है। 
  3. एक ही विषय पर निबंध पुस्तिकाएँ, वार्षिक पुस्तकें तथा बुलेटिन - शोध चाहे दार्शनिक हो या सर्वे का लेकिन दोनों में ही सम्बन्धित पुस्तकों को पढ़े बिना शोध कार्य सम्पन्न नहीं किया जा सकता।
2. अप्रत्यक्ष स्रोत - सूचना के अप्रत्यक्ष स्रोत अथवा शिक्षा साहित्य के लिए निर्देशिका निम्न रूपों में प्राप्त होती है :-
  1. शिक्षा के विश्व ज्ञान कोष।
  2. शिक्षा सूची पत्र। 
  3. शिक्षा सार। 
  4. पत्रिकाएँ एवं सहायक पुस्तकें। 
  5. मोनोग्राफ, बुलेटिन एवं वार्षिक पुस्तकें।

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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