पति शब्द का अर्थ एवं परिभाषा

पति शब्द का अर्थ 

पति शब्द की उत्पत्ति ‘पा’ धातु से हुई है जिसका अर्थ है-रक्षा करना। चूंकि यह अपनी स्त्री का संरक्षक होता है इसलिए इसे पति कहा जाता है। भारतीय सभ्यता के क्रमश: विकास के साथ-साथ इसकी स्थिति में परिवर्तन होता गया। पहले अवस्था प्राप्त अर्थात् प्रौढ़ विवाह की परम्परा थी। परन्तु पीछे यह अवस्था घटती गई। इसका परिणाम यह हुआ कि पति का जो स्थान पहले आंका गया था। वह क्रमश: ऊँचा होता गया। 

ऋग्वेद में पति-पत्नी को दम्पति (घर में समान स्वत्व रखने वाला) तथा पत्नी को अर्धागिंनी (पुरूष का आधा अंग) कहा गया है। स्त्रियों का अल्पवय-विवाह प्रारम्भ हो गया था, जिसके कारण परिवार में उनकी श्रेष्ठता कम हो गई। पति अत्यन्त प्रभावशाली और प्रभुता-सम्पन्न हो गया था। परिवार में उसका नियन्त्रण और निर्देश महत्वशाली था। 

पत्नी का स्तर पति की तुलना में क्रमश: नीचे होने लगा था। मातृत्व के दायित्व को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने में पत्नी को पति के संरक्षण की अपेक्षा होती थी। तथा वह पति को अपना पूर्ण समर्पण कर देती थी। इससे पति का स्वामित्व और शक्तिशाली हुआ तथा पत्नी की स्थिति और दयनीय। आर्थिक और सुरक्षा की दृष्टि से पति पर निर्भर होने के कारण वह पति की मुखापेक्षी हो गई। फलत: पति ने अपनी प्रमुखता और प्रबल करने के लिए इसका भी लाभ उठाया।

स्त्री की आजीविका और उसकी आर्थिक स्थिति पति पर ही निर्भर करती थी, इसलिए पति ‘भर्ता’ कहा जाता था। अत: धीरे-धीरे परिवार पर पति की एकछत्र प्रभुता स्थापित हो गई। उसने अनेक प्रकार का नियन्त्रण और बन्धन पत्नी पर लागू किया

पति की परिभाषा

Bandey

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