मिट्टी सबसे प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है। यह मिट्टी जैविक
तथा अजैविक तत्वों का मिश्रण है जिसमें पैतृक चट्टानों, वनस्पतियों, जीवाश्मों,
उर्वरक तत्वों, जल तथा उष्मा आदि अभिन्न रूप में मिले हुए होते हैं। मिट्टी
में सर्वाधिक खनिज पदार्थों की मात्रा होती है।
किसी भी क्षेत्र की मिट्टी को
निर्धारित करने वाले तत्वों में वहाँ की जलवायु, वनस्पति, उच्चावच, कीट पतंगे,
कीड़े-मकोड़े, मानवीय हस्तक्षेप आदि प्रमुख हैं।
मिट्टी में कुछ सक्रिय और
कुछ निष्क्रिय तत्व पाये जाते हैं जो मिट्टी के निर्माण में ऊर्जा प्रवाहित करते
हैं। समय के साथ-साथ मिट्टी में परिवर्तन आता रहता है।
भारत में पायी जाने वाली मिट्टी के प्रकार
मिट्टी के प्रकार, भारत में मिट्टी के कितने प्रकार हैं, मिट्टी को निम्नलिखित प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है।- बलुई मिट्टी
- बलुई दोमट मिट्टी
- दोमट मिट्टी
- चिकनी दोमट मिट्टी
- बलुई चिकनी मिट्टी
- दोमट मिट्टी
- चिकनी मिट्टी
- ऊसर मिट्टी
2. बलुई दोमट मिट्टी - बलुई दोमट मिट्टी में बारीक बालू के कण और चिकनी मिट्टी के कण
मिले होते हैं। नदी जल में तैरते हुए मिट्टी के कण नदी तलहटी से दूर जहाँ
तक पानी पहुँचता है वहाँ तक परत दर परत जमा हो जाते हैं। इसमें
कैल्सियम कार्बोनेट और ह्यूमस की मात्रा सामान्य रूप में पायी जाती है। इसमें
रेत और चीका मिट्टी मिली होती है।
इसमें बालू की मात्रा कम और रेत का
प्रतिशत अधिक होता है। यह मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है और जलधारण
करने की क्षमता भी अधिक पायी जाती है।
3. दोमट मिट्टी - यह महीन चिकनी एवं रेत वाली मिट्टियों के मिश्रण से निर्मित होती है।
इसका रंग भूरा तथा हल्का भूरा होता है। अतिसूक्ष्म कणों के कारण इसमें
जलधारण करने की क्षमता अधिक पायी जाती है। इसमें क्षारीयता अधिक पायी जाती है।
4. चिकनी दोमट मिट्टी - इस मिट्टी में क्षारीयता अधिक पायी जाती है इसमें जैविक तत्व अल्प मात्रा में पाये जाते हैं। पानी पाने पर यह मिट्टी
मुलायम और चिपचिपी हो जाती है। इसमें ह्यूमस की कमी पायी जाती है।
5. बलुई चिकनी दोमट मिट्टी - यह धूसर या हल्के भूरे रंग की होती है। इसमें क्षारीयता 8.5 के
आस-पास पायी जाती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटास तत्वों की
कमी पायी जाती है। काबर्निक तत्वों, कैल्शियम, फेल्सकार आदि अधिक मात्रा
में पाये जाते हैं।
6. चिकनी मिट्टी - यह बारीक कणों वाली धूसर रंग की मिट्टी होती है। इसमें अम्लीयता
पायी जाती है। इसमें 40 प्रतिशत से
अधिक चीका मिट्टी के कण पाये जाते हैं। यह मिट्टी तराई, निम्नभूमि,
तालाबों और जल लग्नता वाले क्षेत्रों अवरोध युक्त प्रवाहित जल के निम्न क्षेत्रों
में पायी जाती है।
7. ऊसर मिट्टी - ऊसर युक्त मिट्टी में लवणीय अथवा हाइड्राक्सिल आयन अधिक मात्रा
में पाये जाते हैं। ऊसर मिट्टी में सोडियम तत्वों की प्रधानता रहती है।
इसमें
कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्निशियम, सल्फेट, ह्यूमस बहुत कम मात्रा में उपलब्ध
होते है। ऊसर को ‘रेह’ भी कहा जाता है।