अनुक्रम
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाने वाली सेवाएँ :-
आगँनबाड़ी कार्यकर्त्ता मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दिन स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (ANM) और आशा सहयोगिनी के साथ मिलकर 0-3 वर्ष तक के बालकों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के अलावा किशोरी बालिकाओं को आयरन की गोलियाँ वितरित करना, 2-5 वर्ष के बालकों की पेट के कीड़ों से रक्षा से लिए 6 माह के अन्तराल में मैमन्डाजोल की गोली देना, 0-5 वर्ष तक के सभी बच्चों का वजन लेना, अति कुपोषित बालकों की जाँच करने का कार्य करती है।
- पूरक पोषाहार
- टीकाकरण
- स्वास्थ्य जाँच
- पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा
- संदर्भ सेवाएँ
- प्रारम्भिक बाल्यावस्था शिक्षा (ई.सी.ई.)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के कार्य
1. पूरक पोषाहार से सम्बंधित कार्य -
पूरक पोषाहार आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा दी जाने वाली महत्वपूर्ण सेवा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और उसकी सहायिका मिलकर इस सेवा को प्रदान करने का कार्य करती है। पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने का मुख्य उद्देश्य कम वजन के पैदा होने वाले नवजात शिशुओं की संख्या में कमी लाना और छोटे बच्चों में कुपोषण से बचाव तथा कुपोषित बालकों का पोषण द्वारा उचित उपचार करना है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रविवार को छोड़कर एक माह में औसतन 25 दिन या वर्ष में 300 दिन पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। 6 वर्ष तक के बालक बालिकाओं के अतिरिक्त गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को भी पूरक पोषाहार का वितरण किया जाता है। पूरक पोषाहार के वितरण के साथ-साथ उचित रख रखाव की जिम्मेदारी भी आगँनबाड़ी कार्यकर्त्ता की होती है।2. टीकाकरण से सम्बंधित कार्य -
आगँनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाने वाली टीकाकरण सेवा का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में जानलेवा बीमारियों (टी.बी., गलघोटू, काली खांसी, टिटनेंस, पोलियो तथा खसरा) से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करना है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर टीकाकरण की समस्त सेंवाएँ माह में एक दिन (सोमवार/गुरूवार) आगँनबाड़ी केन्द्र पर मिले इस हेतु प्रत्येक केन्द्र के लिए माइक्रोप्लान बनाकर मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन करने का प्रयास करते हैं। भारत में विश्वव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी बच्चों को आगँनबाड़ी केन्द्रों पर टीका सेवाएं मुफ्त दी जाती है ताकि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके।आगँनबाड़ी कार्यकर्त्ता मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दिन स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (ANM) और आशा सहयोगिनी के साथ मिलकर 0-3 वर्ष तक के बालकों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के अलावा किशोरी बालिकाओं को आयरन की गोलियाँ वितरित करना, 2-5 वर्ष के बालकों की पेट के कीड़ों से रक्षा से लिए 6 माह के अन्तराल में मैमन्डाजोल की गोली देना, 0-5 वर्ष तक के सभी बच्चों का वजन लेना, अति कुपोषित बालकों की जाँच करने का कार्य करती है।
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