मालती जोशी की रचनाएँ

मालती जोशी की रचनाएँ

मालती जोशी ने विपुल मात्रा में साहित्य रचना की है। उनके अब तक 3 उपन्यास व 30 से अधिक कहानी संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। 

मालती जोशी की रचनाएँ

मालती जोशी की रचनाएँ, मालती जोशी की कहानियों की मुख्य विशेषताएं मालती जोशी की रचनाएँ इस प्रकार है -

मालती जोशी के उपन्यास / कहानियां

मालती जोशी के उपन्यासों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- 
  1. पटाक्षेप- ‘पटाक्षेप’ नामक उपन्यास में मालती जोशी ने एक नये नैतिक बोध की ओर संकेत करते हुए औरतों को कस्बाई मनोवृत्ति को त्यागने पर बल दिया है।
  2. राग-विराग- ‘राग-विराग’ में नारी की नियति को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
  3. पाषाण-युग- ‘पाषाण-युग’ में मालती जोशी ने विधुर और बेमल विवाह के प्रश्नों को उठाया है।
  4. निष्कासन- ‘निष्कासन’ उपन्यास में मां के प्रति बेटी के मन में कुछ ऐसी ग्रंथियां पड़ गयी हैं कि उसे देखते ही वह पागल जैसी हरकतें करती हैं।
  5. ज्वालामुखी के गर्भ में- ‘ज्वालामुखी के गर्भ में’ उपन्यास में दो बहनों ने स्वयं की और अपने परिवार की जिन्दगी कब्रिस्तान जैसी वीरान बनाकर रखी है।
  6. गोपनीय- ‘गोपनीय’ उपन्यास में मालती जोशी के द्वारा यथार्थ का पलड़ा पकड़ने से सारी घटनाएं ‘गोपनीय’ नहीं रहीं।
  7. ऋणानुबंध- ‘ऋणानुबंध’ उपन्यास में एक मध्यमवर्गीय परिवार में टूटते और बिखरते सम्बन्धों का चित्र है।
  8. चांद अमावस का- ‘चांद अमावस का’ उपन्यास में एकतरफा प्यार की कहानी है। 
  9. समर्पण का सुख- ‘समर्पण का सुख’ दाम्पत्य जीवन पर आधारित उपन्यास है। यह एक ऐसी युवती की कथा है जो बाल्यवस्था में पारिवारिक दायित्व धारण करने से प्रौढ़ा हो गयी है। 
  10. विश्वास गाथा- ‘विकास गाथा’ उपन्यास, अंधविश्वास को मानों बल देने के लिए लिखा गया है।
  11. परिणय- ‘परिणय’ उपन्यास, सीमा, जितेन्द्र में चेतन और अनु ने एक-दूसरे को चाहा और समाज से विद्रोह करते हुए प्रेम विवाह किया।
  12. सहचारिणी- ‘सहचारिणी’ उपन्यास की नायिका है नीलम जिसने ज्यादा पूछताछ न करके योगेश से शादी कर ली। बाद में उसे पता चलता है योगेश शादीशुदा है और एक लड़की का बाप भी।

मालती जोशी की कथा साहित्येतर रचनाएं

मालती जोशी ने एक कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में ख्याति पायी है, परंतु उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत कविता से ही की थी। उनका कहना है कि “मालती जी की ‘गोपनीय’, ‘परिणय’, ‘स्वयंवर’, ‘प्रॉब्लम चाइल्ड’, ‘कवच’, ‘जीने के राह’, ‘संवेदना’ और ‘टूटने से जुड़ने तक’ आदि कहानियां रेडियो तथा नाट्य रूपान्तरित हुई है। उनकी ‘भावना’ तथा ‘सात फ़ेरे’ कहानियों की दूरदर्शन धारावाहिक भी प्रसारित की गई है। ‘पाषण युग’, ‘मध्यान्तर’ पर रंगमंचीय नाटक भी प्रस्तुत किये गए हैं। 

मालती जोशी की स्फुट रचनाएं

मालती जोशी कथा, कहानियों और उपन्यास के अलावा बच्चों के लिए भी साहित्य लिखा है। “श्रीमती मालती
जोशी के अब तक छ: बालकथा संग्रह प्रकाशित हुए हैं। उनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है:- दादी की घड़ी- इस संग्रह का प्रथम प्रकाशन 1977 में हुआ। इसमें ‘दादी की घड़ी’, ‘रिश्वत एक प्यारी सी’, रंग बदलते खरबूजे’, ‘बेचैन’, ‘एक कर्ज की अदायगी’ आदि पांच कहानियां है।

मालती जोशी की अप्रकाशित रचनाएँ

मालती जोशी की सभी रचनाएं प्रकाशित हैं, उनका कहना है कि मेरी सभी रचनाएं प्रकाशित हुईं हैं। उपन्यास तो मैंने दो ही लिखे- ‘सहचारिणी’ और ‘राग-विराग’। पर मेरी कई कहानियों को सम्पादकों ने उपन्यासिका संज्ञा के साथ छापा है। ‘मन न भये दस बीस’, ‘चांद अमावस का’, ‘शोभा यात्रा’, ‘ऋणानुबन्ध’, ‘पुनरागमनायच’ आदि इसी श्रेणी की रचनायें हैं।

मालती जोशी का विपुल रचना संसार उन्हें एक प्रभावशाली और सतत लेखन का ऐसा समर्थ रचनाकार साबित कर रहा है, जिन्होंने अपनी रचनाधर्मिता से हिंदी के गद्य संसार को संपन्न किया है। कहानी तो उनकी मुख्य विधा है ही, जो उन्होंने अपनी प्रतिभा से आलोकित किया है, लेकिन उपन्यास, बाल कविताएं जैसी विधाओं को भी उन्होंने समृद्ध किया है।

संदर्भ –
  1. चौहान, राजेन्द्र सिंह. मालती जोशी का कथात्मक साहित्य. पृष्ठ 26. 
  2. जैन, ज्योति. समावर्तन. 10 सितंबर 2012. पृष्ठ 26. 35. चौहान, राजेन्द्र सिंह. मालती जोशी का कथात्मक साहित्य. पृष्ठ 20.

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