राजनीति का अर्थ एवं परिभाषा - Meaning & definition of politics

राजनीति का अर्थ एवं परिभाषा

राजनीति वर्तमान जीवन के महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक हैं। 'राजनीति' से अभिप्राय उस नीति से है, जिसके माध्यम से किसी राज्य की शासन व्यवस्था को चलाया जाता है । राजनीति किसी भी देश के वर्तमान और भविष्य के नियामक और निर्णायक तत्त्वों में से एक है। राजनीति के माध्यम से ही प्रत्येक राष्ट्र सम्पूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करता है । प्रत्येक राष्ट्र का विकास वहाँ के राजनीतिक वातावरण पर ही निर्भर करता है। मनुष्य अन्य प्राणियों से भिन्न है क्योंकि अन्य प्राणी अपने सम्पूर्ण जीवन के अधिकांश भागों में उन परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं जिनका निर्माण वह नहीं करते और इसीलिए वह उन दशाओं में परिवर्तन करने का कोई प्रयत्न नहीं करते परन्तु मनुष्य के साथ ऐसा नहीं है। मनुष्य में अपने भाग्य निर्माण की क्षमता व योग्यता है । वह इतिहास में जन्म लेता है लेकिन वह इतिहास का निर्माता भी है।

राजनीति को नैतिक सन्दर्भ से देखें तो यह एक अच्छे न्यायपूर्ण जीवनयापन का मार्ग है। राजनीति मनुष्य को ‘मनुष्य के नगर' से 'ईश्वर के नगर' की ओर ले जाने वाले एक पुल का काम करती है। अधिकांश परम्परावादी विद्वान इसे शासन और सरकार का अध्ययन मानते हैं । इसका सम्बन्ध राजनीतिक प्रणाली से जो कि समाज में मूल्यों का अधिकृत आवंटन करती है और सम्पूर्ण राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन करती है अतः वर्तमान समय में व्यक्ति के जीवन में राजनीति का बहुत महत्त्व बढ़ गया है

राजनीति का अर्थ 

राजनीति का अर्थ ‘राजनीति’ शब्द ‘राज’ और ‘नीति’ दो शब्द के योग से बना है । प्राय: ‘राज’ से राज्य व शासन तथा ‘नीति’ से नियम का अर्थ लगाया जाता है अर्थात् किसी भी राज्य को चलाने के लिए जो नीतियाँ बनाई जाती  है वे सब राजनीति के अन्तर्गत आती है । 

अंग्रेजी में राजनीति ‘पॉलिटिक्स’ का पर्याय है जो यूनानी शब्द पोलिस से बना है जिसका अर्थ नगर या राज्य होता है । सही रूप मनीतिपूर्वक ढंग से राज्य चलाने के तरीका को राजनीति कहा जाता है।

राजनीति (Politics) शब्द ग्रीक शब्द पोलिस (Polis) से निकला है । 'पोलिस' शब्द का अर्थ ‘नगर-राज्य’ (City-state) से है । इस अर्थ में राजनीति राज्य से जुड़ी है। राजनीतिक विचारों के इतिहास में राजनीति को राज्य का अध्ययन माना गया है।

राजनीति शब्द का कोशगत अर्थ इस प्रकार किया गया है। 'मानक अंग्रेजी - हिन्दी कोश' के अनुसार, राजनीति का अर्थ है, “राजनीति राजनीति शास्त्र, राजकाज, राजनीतिक जीवन और विषय, राजनीतिक सिद्धान्त है ।" इस प्रकार राजनीति का अर्थ राज्य की व्यवस्था के संचालन से होता है। राजनीति सामाजिक व्यवस्था के एक अंग के रूप में राजनीति व्यवस्था का अध्ययन करती है। यहाँ मानवीय समाज की सांझी समस्याओं का अध्ययन होता है । 'संक्षिप्त हिन्दी शब्द सागर' के अनुसार, “वह नीति जिससे राज्य और शासन का संचालन होता है ।" " अतः कहा जा सकता है कि राजनीति का सम्बन्ध उस व्यवस्था से होता है, जिसके माध्यम से एक राष्ट्र के समस्त कार्यों का संचालन किया जाता है । यह सामाजिक संस्थाओं और संचालकों की सामाजिक और भौतिक वातावरण को संजोने और बदलने की क्षमता से जुड़ी है।

‘मानक हिन्दी कोश' में कहा गया है ( 1 ) राजनीति व पद्धति व नीति है, जिसके अनुसार किसी राज्य का प्रशासन किया जाता है या होता है । ( 2 ) गुटों, वर्गों आदि की पारस्परिक स्पर्धा वाली व स्वार्थपूर्ण नीति राजनीति है।”  अतः कहा जा सकता है कि राजनीति का अर्थ उस व्यवस्था या प्रणाली से होता है जिसके माध्यम से एक राष्ट्र की समस्त प्रशासनिक गतिविधियों को क्रियान्वित किया जाता है और उसी के आधार पर शासन चलाया जाता है ।

राजनीति की परिभाषा

राजनीति की परिभाषा, राजनीति कई विद्वानों ने समय-समय पर अपनी परिभाषा दी हैं। 

ईस्टन के अनुसार, “वे समस्त प्रकार की गतिविधियाँ राजनीति हैं जो सामाजिक नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अन्तरग्रस्त होती है ।" इस प्रकार कहा जा सकता है कि राजनीति उन नीतियों को कहा जाता है जो एक राज्य के लिए बनाई जाती है और जिसके आधार पर वहाँ कार्य किया जाता है ।

वीरेकेश्वर प्रसाद सिंह के शब्दों में, “राजनीति शास्त्र वह विज्ञान है जो मनुष्यों को राजनीतिक प्राणी के रूप में मनुष्य के राजनीतिक जीवन से सम्बन्धित होने के कारण मुख्यतः राज्य तथा सरकार का अध्ययन करता है ।" अतः वह प्रणाली जिसके माध्यम से व्यक्ति को उसकी सरकारी गतिविधियों का पता चलता है, राजनीति कहलाती है । वास्तव में राजनीति समाज का वह हिस्सा होती है, जिसमें राज्य की व्यवस्था के आधार पर शासन चलाया जाता है ।
ए० सी० कपूर, “अब साधारणतः राजनीति के अर्थों में वे वर्तमान राजनीतिक समस्याएँ ली जाती है, जो किसी देश और उसकी सरकार के सम्मुख उपस्थित हो ।"" अतः किसी भी देश में प्रशासन चलाते समय सरकार के सामने जो समस्याएँ आती हैं, वह राजनीति से सम्बन्धित होती हैं।

श्याम लाल वर्मा के अनुसार, “राजनीति शक्ति और प्रभाव सम्बन्धी वह गत्यात्मक गतिविधि है, जिसके द्वारा व्यक्ति या व्यक्ति समूह सहयोग एवं द्वन्द के माध्यम से अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राजनीतिक संरचनाओं, प्रतिक्रियाओं एवं क्रियाविधियों की ओचित्यपूर्ण सत्ता के प्रयोग का प्रयास करते हैं।"1 अतः राजनीति ऐसी शक्ति है जिसमें मनुष्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकारी तन्त्र का प्रयोग करता है

अतः राजनीति किसी भी देश के वर्तमान और भविष्य के निर्णायक तत्त्व में से एक यह मनुष्यों के राजनीतिक जीवन से सम्बन्धित होती है। राष्ट्र का सम्पूर्ण विकास राजनीतिक वातावरण पर निर्भर करता है। इसी के द्वारा राज्य और सरकार का अध्ययन किया जाता है। राजनीति में मनुष्यों द्वारा सार्वजनिक जीवन में किए गए कार्य शामिल हैं। यह बृहत्तर सामाजिक व्यवस्था के परिवेश में ही फलती-फूलती है । मूलतः राजनीति राज्य के बाह्य व आन्तरिक मामलों को ठीक करने में सहायक होती है। प्रत्येक राष्ट्र की उन्नति व अवनति वहाँ की राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है। आज समाज और व्यक्ति के उत्थान में राजनीति की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

“राजनीति समाज शास्त्र का वह भाग है, जिसमें राज्यों के आधारों पर शासन के सिद्धान्तों का वर्णन होता है । "  वास्तव में प्रत्येक राष्ट्र का विकास वहाँ के राजनीतिक व्यवस्था पर आश्रित है। राजनीति समाज का वह भाग होती है जिसमें राज्य की व्यवस्था के आधार पर शासन चलाया जाता है। वर्तमान राजनीति एक ऐसी संस्था का रूप ले चुकी है जिसके कारण व्यक्ति के जीवन और समाज में नित्य नई व्यवस्था बन और बिगड़ रही है। व्यक्ति के जीवन में राजनीति का इतना महत्त्व बढ़ गया है कि उसके जीवन के समस्त क्रिया-कलापों तथा उद्देश्यों की पूर्ति में इसका विशेष योगदान रहता है। प्रत्येक देश की उन्नति व अवनति वहां की राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है।

रामचन्द्र वर्मा उन नियमों तथा विधान आदि को राजनीति मानते हैं जिनके अनुसार किसी राज्य का कोई राजा शासन कार्य चलाता है।’ प्रत्येक शासन के अपने कुछ सिद्धान्त होते हैं जिसके अनुसार वह शासन कार्य करता है। 

शासन के अपने सिद्धान्तों के अतिरिक्त राज्यों को भी कुछ शासन प्रणालियाँ होती हैं जिनके अनुसार शासक को चलना पड़ता है, जैसे- प्रत्येक देश का एक लिखित संविधान होता है। कुछ राष्ट्रों का संविधान कभी न बदलने वाला होता है। लेकिन भारतीय संविधान अंषत: लचीला है। इस में आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है। 
 
‘राजनीति’ शब्द का सब से पहले प्रयोग अरस्तू ने अपनी राज्य संबंधी पुस्तक के शीर्षक के रूप में किया। ‘पालिटिक्स’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘पोलिस’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है- नगर। यूनानियों के लिए नगर ही राज्य था। नगर-राज्य से सम्बन्धित विषय को उन्होंने ‘पालिटिक्स’ नाम प्रदान किया। राजा राज्य को चलाने हेतु जो रूख अपनाता है, जो नीतियाँ निर्धारित करता है, जिस व्यवस्था विषेश को राज्य में लागू करता है, वही राजनीति कहलाती है। मानक हिन्दी कोष में राजनीति के ये अर्थ दिये गये हैं। 
  1. वह नीति या पद्धति जिसके अनुसार किसी राज्य का प्रशासन किया जाता या होता है।
  2. गुटों, वर्गों आदि की पारस्परिक स्पर्धा वाली स्वार्थपूर्ण नीति।
  3. राजनीति वह नीति ही तो है जिसके अनुसार किसी राज्य का प्रशासन किया जाता है या होता है।
‘राजनीति’ शब्द का अंग्रेजी पर्याय शब्द ‘पालिटिक्स’ है। शब्द राजधर्म तथा समाजशास्त्र का ही पर्यायवाची है। ‘पॉलिटिक्स’ यूनानी भाषा के ‘पॉलिस’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ नगर राज्य से है। इसका विशेषण है- नागरिक शास्त्र।’ रूढ़ होते-होते यही शब्द आम बोलचाल की भाषा में पॉलिटिक्स या राजनीति के अर्थ में प्रयुक्त होने लगा है। 

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