सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ, परिभाषा, सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम

सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ
सूचना प्रौद्योगिकी, जिसे इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Information technology) और संक्षेप में आई.टी. (IT) कहा जाता है, सूचना प्रौद्योगिकी (Information technology) ज्ञान और तकनीक का एक संगम है। सूचना प्रौद्योगिकी तीन प्रमुख तत्वों पर निर्भर है- हार्डवेयर, साफ्टवेयर और इंटरनेट। 

सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ 

सूचना प्रौद्योगिकी दो शब्दों से मिलकर बना है सूचना व प्रौद्योगिकी। सूचना का तात्पर्य है तथ्य, ज्ञान व जानकारी और प्रौद्योगिकी का आशय है, ‘वह तकनीक जो सूचना को व्यवस्थित कर सम्प्रेशण योग्य बनाती है।’ अत: सूचना प्रौद्योगिकी वह प्रौद्योगिकी है जिसके द्वारा हम सूचना की विभिन्न प्रक्रियाओं में वर्तमान तकनीकी का प्रयोग कर सूचना के उपयोग और आवश्यकता को बढ़ा सकते हैं। 

सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा कोई संदेश, तस्वीर या विचार एक स्थान से विश्व के किसी दूसरे स्थान पर कम से कम समय में भेजे जा सकते हैं। 

सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार में कम्प्यूटर और इंटरनेट के माध्यम का महत्वपूर्ण  योगदान है जिसके द्वारा लोगों को सूचनाओं के संग्रह, सम्प्रेशण, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रकाशन, सूक्ष्म प्रतिलिपिकरण की सुविधाएँ प्राप्त है। नेटवर्क के माध्यम से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करना और दूरदराज बैठे लोगों से सीधा संवाद व सम्बन्ध बनाए रखने का सरल उपाय है।

सूचना प्रौद्योगिकी की परिभाषा

1. रौले (1993:60) के अनुसार- ‘‘सूचना तकनीकी का अर्थ सूचना के एकत्रीकरण, संग्रहण, संचालन, प्रसारण तथा उपयोग से है इसका आशय हार्डवेयर अथवा सॉफ्टवेयर से नहीं है बल्कि इस तकनीक के द्वारा मानव की महत्वपूर्ण आवश्यकता एवं विभिन्न सूचनाओं की पूर्ति से है।’’

2. वेबस्टर न्यू इनसाइक्लोपीडिया के अनुसार- ‘‘सूचना तकनीकी विभिन्न तकनीकों का संयुक्त पद है जिसमें विभिन्न तकनीकों द्वारा सूचना के संचालन एवं स्थानान्तरण का कार्य किया जाता है। माध्यम के रूप में कम्प्यूटर, दूरसंचार तथा माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।’’

3. हेरॉल्डस लाइब्रेरियन्स ग्लौसरी के अनुसार- ‘‘सूचना तकनीकी सूचना स्रोतों का विकास है, जिसे कम्प्यूटर एवं संचार माध्यमों द्वारा नियन्त्रित किया जाता है।’’ 

4. वैब्सटर्स डिक्शनरी के अनुसार, “डाटा प्रस्तुतिकरण और वितरण हेतु कम्प्यूटर तंत्रों साफ्टवेयर और नेटवर्क के विकास, रखरखाव और उपयोग से सम्बन्धित प्रौद्योगिकी को सूचना प्रौद्योगिकी कहते हैं।“

5. आई.टी. एसोसिएशन आफ अमरीका के अनुसार, ‘‘कम्प्यूटर आधारित सूचना तंत्रों विशेष रूप से साॅफ्टवेयर अनुप्रयोग और कम्प्यूटर हार्डवेयर के अध्ययन, अभिकल्प, विकास, कार्यान्वयन, समर्थन अथवा प्रबन्धन को सूचना प्रौद्योगिकी कहते हैं।‘‘

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि वह प्रत्येक प्रौद्योगिकी जिसकी सहायता से सूचनाओं की प्राप्ति हो, सूचना प्रौद्योगिकी कहलाती है। 

सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम

1. रेडियो - भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत सन् 1923 में तत्कालीन बंबई में रेडियो क्लब की स्थापना के साथ हुई। ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना 1936 में हुई। यह अब विश्व का सबसे बड़ा रेडियो नेटवर्क बन चुका है और इसमें लोकप्रिय एआईआर एफएम भी शामिल है। भारत में संप्रेषण के माध्यम के रूप में रेडियो वास्तव में परिपक्व हो गया है और हर संभव तरीके से प्रगति कर रहा है। 

प्रौद्योगिकी में सुधार, प्रतिस्पर्धा और रेडियो के प्रसारण क्षेत्र में विस्तार- ये वे कारण हैं जिन्हें इस जीवंत उद्योग के विकास का श्रेय जाता है।

2. टेलीविजन - रेडियो मनोरंजन और शिक्षा हेतु उपयोगी माध्यम है, इसलिए रेडियो फैमिली मीडिया बन गया है। ज्ञान, मनोरंजन और शिक्षा।

टेलीविजन मनोरंजन एवं सूचना प्राप्ति का सबसे प्रभावी जनसंचार माध्यम है। भारत में दूरदर्शन का पहला प्रसारण 15 सितंबर, 1959 में दिल्ली से शुरू किया गया। दूरदर्शन संचार का ऐसा सशक्त साधन है जो लोकजीवन को प्रभावित किए बिना नहीं रह सकता। 

विदेशी टेलीविजन भारतीय संस्कृति एवं पारिवारिक मूल्यों पर आक्रमण कर रहा है। 

इस तरह हम देखते हैं कि सामाजिक बदलाव के मूल्यों की एक नयी परिभाषा दूरदर्शन ने अपने प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा विकसित की है ।

3. दूरसंचार (फोन एवं मोबाइल सेवा) - भारत के दूरसंचार क्षेत्र की विकास यात्रा के आंकड़े देखें तो आज भारत का दूरसंचार नेटवर्क लगभग 210 मिलियन टेलीफोनों के साथ विश्व के वृºद्तम नेटवर्कों में से एक है

4. कम्प्यूटर - कम्प्यूटर को आधुनिक दूरसंचार प्रणाली की आत्मा कहा जाता है। कंप्यूटर द्वारा दूरसंचार, उपग्रह संचार, रेडियो, टीवी, समाचार पत्र-पत्रिकाएं एवं शिक्षा के क्षेत्र में नयी क्रांति आइर् है। टेलीफोन, मोबाइल, फैक्स प्रणालियों में कंप्यूटर का उपयोग आज आम बात हो गई है। कंप्यूटर के कारण समाचार प्रेषण में क्रांति आई है। 

आज कंप्यूटर के सहयोग से मुश्किल से मुश्किल कार्य भी सरल हो गया है तथा इसकी वजह से घंटों के कार्य मिनटों में निबट जाते हैं। ज्ञान समाज के निर्माण में कंप्यूटर इंटरनेट मीडिया ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

कंप्यूटर, इंटरनेट, मल्टीमीडिया थिंक टैक के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। यह मशीन हमारे जीवन का अविभाज्य अंग बन गया है और ई-प्रशासन व्यवस्था में कंप्यूटर बहुआयामी साधन बन चुका है। आज मानव समाज के सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर इंटरनेट तकनीक ने अपना प्रभुत्व सिद्ध किया है। संप्रति सर्वत्र कंप्यूटर का वर्चस्व है। उद्योग, शिक्षा, यातायात नियंत्रण, चिकित्सा सुविधा, चुनाव संबंधी भविष्यवाणियां, मौसम संबंधी सूचनाएं और कानून व्यवस्था को अधिक कारगर बनाने में कम्प्यूटर सर्वाधिक सक्षम है। 

मास मीडिया में अभूतपूर्व क्रांति लाने में इसकी अहम भूमिका है। इसके माध्यम से मानव जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। सामाजिक परिवर्तन में तथा समाज के विकास के लिए यह उपयुक्त संचार माध्यम है।

5. इंटरनेट - वर्ष 1980 में इंटरनेट की शुरुआत हुई। भारत सरकार ने 15 अगस्त, 1995 को इस सुविधा को आमजन के लिए उपलब्ध कराया। इसके बाद तो संचार सुविधाओं का तेजी से विकास हुआ। आज भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति के रुप में सीना ताने खड़ा है। 

भारत सरकार ग्रामीण भारत को संचार सुविधाओं से लैस करने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। इंटरनेट का मुख्य अवयव वेबसाइट ही होता है सूचना के संसार का प्रमुख द्वार वेबसाइट को ही कहा जाता है 

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