मानव
द्वारा निर्मित स्वचालित मशीनों, मोटर गाड़ियों से निकला धुआँ, उसमें प्रयोग किया गया पेट्रोल-डीजल
बड़े पैमाने पर ऐसे तत्वों से युक्त होता है जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे- सल्फर,
नाइट्रोजन, कार्बन के कण आदि वायुमण्डल को प्रदूषित करते हैं।
नाभिकीय विकीरण से घातक विषैली
गैसें वायुमण्डल में मिलती रहती हैं इससे वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय
वायु प्रदूषण को रोकने के उपाय, वायु संरक्षण के
उपाय निम्न हैं-
- औद्योगिक कल-कारखाने रहवासी बस्तियों से दूर किये जायें।
- कल-कारखानों में ऊँचा चिमनियाँ लगाई जायें।
- चिमनियों में फिल्टर का प्रयोग किया जाये।
- शीशा रहित पेट्रोल का प्रयोग किया जाये।
- औद्योगिक इकाइयों और बस्तियों के पास सघन वृक्षारोपण किया जाये।
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाये।
- रसोईघर बड़े हवादार खिड़कियों वाले और रोशनदान सहित होने चाहिए जिससे धुआँ का अधिकांश भाग इनसे बाहर चला जाये।
- घरों में बायोगैस का उपयोग किया जाये।
- गाड़ियों के इंजनों की नियमित देखभाल की जाये।
- निजी वाहनों का प्रयोग कम कर अधिक से अधिक सार्वजनिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाये।
- बाइसाईकिल के उपयोग को बढ़ावा दिया जायें।
- उद्योगों में प्रदूषण नियन्त्रण किया जाये।
- आबादी वृद्धि पर नियन्त्रण किया जाये।
- सघन वृक्षारोपण किया जाये।
- जीवाश्म ईधन के उपयोग को कम किया जाये।