वेब होस्टिंग क्या है और इसके प्रकार?

अपने डोमेन को किसी सर्वर में स्थापित करने के कार्य को वेब होस्टिंग (Web Hosting) कहते हैं। यह शुल्क मुक्त या शुल्क सहित हो सकती है। ऐसी अनेकों कंपनियां हैं जो उचित कीमत लेकर सर्वर में आपके वेबसाइट को स्थान तथा उसके प्रबंधन के लिए कन्ट्रोल पेनल या सी पेनल की सुविधा प्रदान करती है। 

इसके अलावा ये कंपनियां वेब बनाने की सुविधा, ईमेल पते देने के साथ अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान करती है। यह कार्य शुल्क मुक्त भी हो सकता है परंतु शुल्क मुक्त वेब होस्टिंग (Web Hosting) की गुणवत्ता एवं सुविधाएं सीमित होती है। इसके अतिरिक्त सेवा प्रदाता कम्पनी आपकी वेबसाइट पर अपना विज्ञापन भी देगी। 

वेबसाइट को होस्टिंग कम्पनी के सर्वर में स्थापित कर दिया जाता है। जो कंपनी के सर्वर के माध्यम से इण्टरनेट पर उपलब्ध हो जाती है। जब वेबसाइट एक बार होस्टिंग कंपनी के सर्वर में स्थापित हो जाती है एवं इन्टरनेट पर उपलब्ध हो जाती है। तब इसे आवश्यकतानुसार संशोधित करने की आवश्यकता पड़ती है।

वेब होस्टिंग के प्रकार

वेब होस्टिंग  (Web Hosting) दो प्रकार की होती है -

  1. डेडिकेटेड सर्वर होस्टिंग (Dediactaed)
  2. शेयर्ड सर्वर होस्टिंग (Shared)
सीमित बजट में वेब होस्टिंग के लिए शेयर्ड  सर्वर होस्टिंग ठीक होता है। इसमें वेब होस्टिंग कीमत कम आती है।

वेब होस्टिंग  (Web Hosting) का यह पहला चरण है जिसमें यूआरएल (Uniform Resource Locater) को क्रय किया जाता है। इसके लिए आपको डोमेन नाम को खोजना होता है एवं अपना डोमेन नाम पंजीकृत कराना होता है। डोमेन नाम ही आपके वेबसाइट का पता होता है। यह शब्दों की एक श्रृंखला होती है जो बिन्दुओं (dots) के द्वारा एक-दूसरे से अलग किये गये होते है और इसके द्वारा ही आईपी एड्रेस (IP Address) की पहचान होती है। 

डोमेन नाम के अंत में Com, net, org. into आदि लगा होता है। डोमेन नाम अधिकतम 63 अक्षरों तक का हो सकता है। इसमें हाइफन का प्रयोग हो सकता है। डोमेन नाम का निश्चय सोच समझकर करना चाहिए क्योंकि एक बार डोमेन नाम के पंजीकृत हो जाने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता है।

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