स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना क्या है? स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना की उपयोजनाएं

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना क्या है

स्वर्ण जयंती शहरी विकास योजना भारत सरकार द्वारा संचालित योजना है जिसे नेहरू रोजगार योजना, यू बी.एस.पी तथा पी.एम.आई.यू.पी. आदि योजनाओं को एकीकृत कर उसमें कुछ नये कार्यकलापों को शामिल करते हुए तैयार की गई है। यह योजना एक बहुआयामी योजना है जिसका उद्देश्य नगरीय क्षेत्र के निर्धन बेरोजगार अथवा आंशिक बेरोजगार व्यक्तियों को स्वरोजगार उद्यम अथवा मजदूरी रोजगार के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना है। 

रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस योजना के माध्यम से सामुदायिक सम्पत्तियों का सृजन भी किया जाता है। स्वर्ण जयंती शहरी विकास योजना जन सहभागिता के सिद्धान्त पर आधारित है जिसके अन्र्तगत समुदाय का सशक्तिकरण कर उन्हें नियोजन और अनुश्रवण की प्रक्रिया से जोड़ना प्राथमिकता से रखा गया है। 

इस योजना में सामुदायिक विकास समिति (सी.डी.एस) को केन्द्र बिन्दु मानकर इसके माध्यम से लाभार्थियों का चयन, परियोजना का चयन, प्रार्थना-पत्रों को तैयार करना तथा वसूली का अनुसरण किया जा रहा है।

स्वर्ण जयंती शहरी विकास योजना के अन्तर्गत पूर्ण एवं आंशिक रूप से बेरोजगार व्यक्ति पात्र है। विशेष रूप से निर्धन महिलाओं के समग्र एवं सर्वागींण विकास एवं उनके सुदृढ़ीकरण करने हेतु समाजिक सशक्तीकरण एवं महिला समूहों की सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए महिलाओं को लाभान्वित किया जाता है, साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा विकलांगों के विकास के संबंध में भी विशेष बल दिया जाता है। 

स्वर्ण-जयंती शहरी विकास योजना केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकार द्वारा वित्त पोशित योजना है जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा 75 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।

स्वर्ण जयंती  शहरी रोजगार योजना की उपयोजनाएं

स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना में मुख्य रूप में 6 उपयोजनाएं सम्मिलित की गई हैं।
  1. नगरी स्वरोजगार कार्यक्रम (यू.एस.ई.पी.) 
  2. स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम 
  3. नगरीय मजदूरी रोजगार कार्यक्रम (यू.डब्लू.ई.पी) 
  4. नगरीय क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास (डवाकुआ) 
  5. ऋण बचत समूह (थ्रिफट एण्ड क्रेडिट सोसायटी) 
  6. सोशल सेक्टर (साामाजिक क्षेत्र) 

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