खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 के उद्देश्य

खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 के उद्देश्य है खाद्य सामग्री में मिलावट को रोकने के लिए प्रावधान बनाना। खाद्य सामग्री का अर्थ है कोई वस्तु जो मानव के खाने या पीने के रूप में उपयोग में लाई जाती है, सिवाय दवाइयों और पानी के और इसमें वह वस्तु भी शामिल है जो सामान्यत: मानव खाद्य सामग्री बनाने और तैयार करने में प्रयोग में लाई जाती है, जैसे कि सुगंध पैदा करने वाले पदार्थ, मसाले और केन्द्र सरकार द्वारा घोशित अन्य चीजें। खाद्य सामग्री की वस्तु को निम्नलिखित में मिलावट किया गया माना जाएगा:
  1. यदि विक्रेता द्वारा बेची गई वस्तु खरीदार की मांग के मुताबिक या जैसा उसे होना चाहिए, उस प्रकृति, वस्तु तत्व या गुणवत्ता की नहीं है; 
  2. यदि वस्तु में कोई ऐसा तत्व हो जो उसकी गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव डालता हो, या उसको तैयार करने का तरीका उसकी प्रकृति, वस्तु तत्व या गुणवत्ता पर घातक प्रभाव डालता हो; 
  3. यदि वस्तु को पूर्णतया या आंशिक रूप से किसी घटिया या सस्ती चीज से बदल दिया गया हो, या वस्तु के किसी के घटक तत्व को पूर्णतया या आंशिक रूप से निकाल लिया गया हों, जिसके कारण उस वस्तु की प्रकृति, वस्तु तत्व या गुणवत्ता पर घातक प्रभाव पडता हो; 
  4. यदि वस्तु को अस्वच्छ परिस्थितियों में तैयार या पैक किया गया हो या रखा गया हो जिससे वह दूशित या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन गई हो; 
  5. यदि वस्तु पूर्ण या आंशिक रूप से किसी गंदे, सड़े हुए, घृणित, बदबूदार, गले हुए या रोगी पशु या सब्जी के तत्व से बनी हो या उस पर मच्छर भिनभिनाते हों या वह अन्यथा मानव उपयोग के लिए अनुपयुक्त हो; 
  6. यदि वस्तु किसी रोगी पशु से प्राप्त की गई हो; 
  7. यदि वस्तु में कोई जहरीला या अन्य ऐसा तत्व हो जो स्वास्थ्य के लिए घातक हो; यदि वस्तु का कन्टेनर किसी जहरीले या घातक विशैले तत्व से बना हो, जिससे उसमें रखी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए घातक हों; 
    1. यदि वस्तु में प्रतिबंधित रंग तत्व या परिरक्षण तत्व हो, या कोई स्वीकृत रंग तत्व या परिरक्षण तत्व निर्धारित सीमा से अधिक हो; 
    2. यदि वस्तु क गुणवत्ता या शुद्धता निर्धारित मानक (स्टैंडर्ड) से नीचे के स्तर की हो, या उसके घटक निर्धारित औसत में न हों, भले ही उनका सेहत पर घातक प्रभाव पड़े या न पड़े। 
विभिन्न खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के मानक खाद्य अपमिश्रण रोकथाम नियम, 1955 के अपेंडिक्स B में विनिर्दिश्ट किये गए हैं। जो खाद्य पदार्थ इन मानकों पर पूरे नहीं उतरते, उन्हें मिलावटी कहा जाएगा, भले ही उनमें मामूली व्यतिवम हो, क्योंकि उस पदार्थ की गुणवत्ता या शुद्धता निर्धारित मानक से गिर जाती है।

इस अधिनियम में निषेध है:- (1) कोई मिलावटी खाद्य पदार्थ, या कोई गलत ब्रांड का खाद्य पदार्थ आयात करना या आयात लाइसेंस के तहत लाइसेंस की शर्तो के अनुसार पूरी न उतरने वाली खाद्य वस्तुओं का आयात करना या अधिनियम या उसके तहत बने नियमों के विरूद्ध कोई खाद्य तैयार करना,  (2) निम्नलिखित का उत्पादन, भंडारण, बिक्री या वितरण-
  1. कोई मिलावटी खाद्य पदार्थ, 
  2. कोई गलत ब्रांड (misbranded) का खाद्य पदार्थ,
  3. लाइसेंस के तहत बेची जाने वाली खाद्य सामग्री जो उस लाइसेंस की शर्तो को पूरा न करती हो, 
  4. कोई ऐसा खाद्य पदार्थ जो अधिनियम या उसके तहत बने नियमों की अवहेलना करता हो। 
  5. कोई ऐसा खाद्य पदार्थ जो अधिनियम या उसके तहत बने नियमों की अवहेलना करता हो। इनके अतिरिक्त, नियमों में कुछ ऐसे निषेध और प्रतिबन्ध भी हैं जिनका पालन किया जाना जरूरी है। किसी खाद्य पदार्थ का खरीदार या एक मान्यता प्राप्त उपभोक्ता संघ, किसी खाद्य पदार्थ का निर्धारित शुल्क का भुगतान करके पब्लिक अनेलिस्ट से उसका परीक्षण करा सकता है, लेकिन खरीदते समय विक्रेता को इस कार्रवाई के सम्बंध में सूचित कर देना होगा। यदि खाद्य वस्तु मिलावटी पाई जाती है तो खरीदार या संघ द्वारा भुगतान किया गया शुल्क वापस कर दिया जाएगा। 
इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले को कारावास का दण्ड और जुर्माना लगाया जा सकता है इसके अतिरिक्त, जिस खाद्य पदार्थ के सम्बंध में नियमों का उल्लंघन हुआ है, सरकार उसको जब्त कर सकती है। 

औशध और जादुई दवाएं (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954: इस अधिनियम का उद्देश्य है कुछ मामलों में औशधों के विज्ञापनों पर नियंत्रण रखना, और कुछ उद्देश्यों के लिए तथाकथित जादुई असर करने वाली दवाइयों के विज्ञापनों का निषेध करना, और उनसे सम्बन्धित मामलों के लिए प्रावधान करना। अधिनियम में  विज्ञापन छापने या प्रकाशित करने पर रोक लगाई गई है:- 
  1. मिसकैरिज, गर्भ रोकने, योन शक्ति बढाने, मासिक धर्म की अनियमितता को ठीक करने, और विशिष्ट बीमारियों की पहचान, उपचार, शमन, इलाज या रोकथाम करने के निमित किसी औरशध के प्रयोग के लिए परामर्श देने या फुसलाने वाले विज्ञापन; 
  2. किसी औशध के बारे में भ्रांत धारण पेश करने या झूठे दावे करने या अन्यथा मिथ्या कहने या गुमराह करने वाले विज्ञापन 
  3. किसी जादुई दवाई जिसके बारे में दावा किया जाए कि वह उपर्युक्त क्लाज (a)में विनिर्दिश्ट किसी उद्देश्य के लिए प्रभावकारी है को संदभिर्त करने वाले विज्ञापन। 
उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कारावास का दण्ड, जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।कालाबाजारी रोकथाम और अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति अनुरक्षण अधिनियम:इस अधिनियम में समुदाय के लिए अनिवार्य वस्तुओं अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति को बरकरार रखने और कालाबाजारी रोकने के उद्देश्य से, विशिष्ट मामलों के कारावास और उनसे सम्बद्ध अन्य मामलों के लिए प्रावधान है।यह अधिनियम सरकार को यह अधिकार देता है िकवह अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति को बरकरार रखने से रोकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले सकती है। कोई व्यक्ति अनिवार्य वसतुओं की आपूर्ति को रोकने का काम करने वाला तब कहा जाएगा, जब लाभ कमाने के उद्देश्य से लागू किया गया हो- 
  1. वह व्यक्ति स्वयं अनिवार्य वसतुऐं अधिनियम, 1955 या इसी प्रकार के किसी अन्य कानून के तहत दण्डनीय अपराध करता है, या अपराध करने के लिए किसी व्यक्ति को भड़काता है; या 
  2. वह किसी अनिवार्य वस्तु में व्यापार करता है; जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपरोक्त अधिनियम या कानून के प्रावधान को विफल करते हों। 
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994: यह कानुन चिकित्सीय उद्देश्य से मानव अंगों को शरीर से निकालने, स्टोरेज करने और उन्हें प्रतिरोपित करने की क्रिया और उससे सम्बंधित मामलों को नियमित (regulate) करने के लिए बनाया गया है। अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अतिरिक्त, कोई भी मानव अंग डोनर के शरीर से उसकी मृत्यु के पहले निकाला नहीं जा सकता और प्राप्तकत्र्ता के शरीर में प्रतिरोपित नहीं किया जा सकता। जब कोई डोनर अपनी मृत्यु के पश्चात् अपने शरीर के किसी मानव अंग को निकालने के लिए प्राधिकृत करता है या किसी मृतक के शरीर से मानव अंग को निकालने का अधिकार देने के लिए सक्षम या सशक्त व्यक्ति किसी अंग के निकालने के लिए अधिकार देता है, तो वह मानव अंग शरीर से निकाल कर दूसरे जरूरतमन्द प्राप्तकर्ता के शरीर में प्रतिरोपित किया जा सकता हैं।

 यह अधिनियम मानव अंगों के व्यापार का निषेध करता है, जैसे कि- 
  1.  किसी मानव अंग की सप्लाई के लिए कोई भुगतान करना या प्राप्त करना; 
  2. पैसों के लिए मानव अंग सप्लाई करने के लिए राजी किसी व्यक्ति की तलाश करना; 
  3. पैसों के लिए कोई मानव अंग सप्लाई करने की पेशकश करना; 
  4. मानव अंग की सप्लाई करने के लिए रकम की अदायगी के प्रबंध के लिए पहल करना या बातचीत करना; 
  5. किसी ऐसे व्यक्तियों के समूह, भले ही वह कोई सोसाइटी, फर्म या कम्पनी हो, जिसकी गतिविधियां में उपरोक्त क्लाज में बताए गए प्रबंध के लिए पहल करना या बातचीत करना शामिल हों, के प्रबंधन या नियंत्रण में भाग लेना और (अप) ऐसे विज्ञापन का प्रकाशन या वितरण करना जो 
    1.  लोगों को पैसों के लिए मानव अंग सप्लाई करने का आºवान करें, 
    2. पैसों के बदले मानव अंग सप्लाई करने की पेशकश करें; 
    3.  यह संकेत दे कि विज्ञापनदाता, उपरोक्त में बताए गए प्रबंध के लिए पहल करने या बातचीत करने के लिए तैयार है। 

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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