सती का अर्थ, सती प्रथा क्या है, सती प्रथा का अंत किसने किया

सती प्रथा जो अपने पति के मृत्यु के बाद उसके चिता के साथ अपने आप को जिंदा जला दे उसे सती कहते हैं। 

सती का अर्थ

सती का वास्तविक अर्थ है ’’पवित्र साध्वी स्त्री‘‘। वह स्त्री जो अपनी पति के साथ जन्म जन्मातर साथ रहने की इच्छा रखती है। और उसके प्रमाण हेतु पति की मृत्यु पर स्वयं उसकी चिता में जलकर प्राण देती थी। यह प्रथा समाज द्वारा स्त्रियों पर थोपी गई भयावह स्थिति थी। जिसमें विधवाओं को मादक पदार्थ देकर जलती चिता में झोक दिया जाता था। 

सती प्रथा का अंत कब और किसने किया?

19वीं सदी में सती प्रथा के विरोध राजा राममोहन राय जैसे विचारक सामने आये और उन्होंने धर्म द्वारा आश्रित इस क्रूर प्रथा की समाप्ति हेतु बह्म समाज द्वारा भरसक प्रयास किये जिसके परिणाम स्वरूप 1829 में 17वें नियम के अनुसार विधवाओं को जीवित जलाने पर रोक लगा दी गई। यह नियम बम्बई और मद्रास में भी लागू किया गया इससे पहले कुछ गर्वनर जनरलो ने सती प्रथा को रोकने का प्रयास किया था। जिसमें कार्नवालिस, मिन्टो और लार्ड हेस्टिंग्ज जैसे गर्वनर जनरलों के प्रयास सम्मिलित है। 

सती प्रथा निषेध अधिनियम 1987

सती प्रथा निषेध अधिनियम 1987 यह अधिनियम सती होने से रोकने और सती प्रथा का गुणगान करने और उससे सम्बंधित मामलों के संबंध में बनाया गया है। अधिनियम की धारा 2(c) में ‘सती’ की परिभाषा में निम्नलिखित व्यक्ति को जिन्दा अग्नि में जलाना या जमीन में गाड़ दिया जाना, आता है-

  1. विधवा को उसके मृतक पति, या उसके किसी रिश्तेदार, या उसके पति से या उस रिश्तेदार से जुड़ी किसी वस्तु, पदार्थ या मद के साथ; या 
  2. किसी स्त्री को उसके किसी रिश्तेदार के शव के साथ-चाहे यह जलना या जमीन में गाड़ना उस विधवा या उस स्त्री की अपनी मर्जी से किया जा रहा हो या अन्यथा हो। 
इस अधिनियम मामलों में दण्ड की व्यवस्था है:-  (a) कोई व्यक्ति जो सती होने की कोशिश करता है के लिए प्रेरित करता है या निम्नलिखित कार्रवाई के द्वारा सती होने की कोशिश करता है या सती होने के लिए कोई कार्रवाई करता है  (b) कोई व्यक्ति, जो सती होने के लिए प्रेरित करता है या निम्नलिखित कार्रवाई के द्वारा सती होने के कोशिश के लिए उकसाता है:- 
  1. किसी विधवा या किसी स्त्री को उसके मृतक पति के शव या उसके किसी रिश्तेदार के शव के साथ आग में जलने या जिन्दा जमीन में गाड़ने के लिए राजी करना
  2. किसी विधवा या स्त्री को यह विश्वास दिलाना कि सती होने का परिणाम यह होगा कि उसको, या उसके मृतक पति को, या रिश्तेदार को, आध्यात्मिक लाभ पहुँचेगा, या उसके परिवार का इससे कल्याण होगा, 
  3. किसी विधवा या स्त्री को सती होने के फैसले पर अडिग या हठी रहने के लिए प्रोत्साहित करना और इस प्रकार उसको सती होने के लिए उकसाना, 
  4. सती होने सम्बंधित किसी जुलूस में भाग लेना या किसी विधवा या किसी स्त्री को सती होने के अपने निर्णय लेने में सहायता देते हुए उसे उसके मृतक पति या रिश्तेदार के शव के साथ शमशान भूमि या कब्रिस्तान में ले जाना, 
  5. जिस स्थान पर सती कांड हो रहा हो, वहाँ उस कार्यवाई में सक्रिय भाग लेना या उससे सम्बंधित किसी संस्कार में भाग लेना,
  6. किसी विधवा या स्त्री को उसके अग्नि में जलने या जिन्दा जमीन मे गाड़ने से बचाने में बाधा डालना और रूकावट पैदा करना 
  7. अगर सती होने के लिए किसी महिला को बचाने के लिए पुलिस अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोई कदम उठाती है तो उसमें बाधा डालना और दखल देना, 
(c) कोई भी व्यक्ति अग सती होने की कार्रवाई को बढ़ावा देता है, उसमें सहयोग देता है, जैसे कि सती सम्बंधी किसी संस्कार में दर्शक बनता है, या सती के जुलूस में भाग लेता है, उसमें सहयोग देता है, सती प्रथा को सही ठहराता है या उसका प्रचार करता है, या जो व्यक्ति सती हो चुका है, या जो व्यक्ति सती हो चुका है, उसकी प्रशंसा के लिए समारोह आयोजित करता है। 

इस अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालतें, घटना के तथ्यों की शिकायत प्राप्त होने या उन तथ्यों पर पुलिस की रिपोर्ट प्राप्त होने पर अपराध का संज्ञान करेंगी। 

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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