बुद्धि परीक्षण कितने प्रकार के होते हैं विस्तार से वर्णन

बुद्धि परीक्षणों का निर्माण विभिन्न स्थितियों, विषय वस्तु आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है। जैसे बुद्धि परीक्षण का प्रशासन या उपयोग व्यक्तिगत तौर पर या सामूहिक तौर पर करना है अथवा इसका उपयोग पढ़े लिखे या अनपढ़ लोगों पर करना है तो ऐसी स्थितियों में अलग-अलग प्रकार के परीक्षणों का उपयोग होता है।

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बुद्धि परीक्षण के प्रकार

बुद्धि परीक्षण को कई मानदंडों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है जैसे कि कितने प्रतिभागी परीक्षण में भाग ले सकते हैं, परीक्षण में प्रयुक्त एकांशों के आधार पर और परीक्षण का उपयोग विभिन्न संस्कृतियों में किया जा सकता है या नहीं। 

बुद्धि परीक्षणों के वर्गीकरण का आलेख है: बुद्धि परीक्षण के प्रकार या बुद्धि परीक्षण कितने प्रकार के होते हैं इस पर चर्चा करेंगे- 
बुद्धि परीक्षण के प्रकार

1. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण

एक व्यक्तिगत परीक्षण वह है जो एक बार में एक व्यक्ति को दिया जाता है। कई मानकीकृत व्यक्तिगत परीक्षण हैं जैसे कि द कॉफमैन मापनी, स्टैनफोर्ड बिने मापनी और वेष्लर बुद्धि मापनी।

1. स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि मापनी - जैसा कि आप जानते हैं कि यह पहला बुद्धि परीक्षण था, जिसे बिने और साइमन (1905) द्वारा विकसित किया गया था, यह मनोवैज्ञानिकों के बीच लोकप्रिय बुद्धि परीक्षणों में से एक है। बाद में इस परीक्षण को एक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक– लुईस एम टरमन द्वारा संशोधित और अनुकूलित किया गया, जो स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में कार्यरत थे। 

अमेरिकी आबादी पर इसे मान्य करने के बाद उन्होंने मूल मापनी का नाम बदलकर “स्टैनफोर्ड बिने मापनी” कर दिया। 2003 में, स्टैनफोर्ड बिने मापनी (SB5) के पांचवें संस्करण को 10 उप-परीक्षणों के साथ, जो पांच कारकों का मापन करते हैं, के साथ प्रस्तुत किया गया :
  1. तरल तर्कणा
  2. ज्ञान
  3. मात्रात्मक तर्कणा
  4. –श्य.स्थानिक प्रसंस्करण
  5. कार्यकारी स्मृति
इन पांच कारकों के प्राप्तांकों के साथ ही साथे SB 5 तीन बुद्धि.लब्धि प्राप्तांक (पूर्ण बुद्धि. लब्धि प्राप्तांक, शाब्दिक बुद्धि लब्धि और अशब्दिक बुद्धि लब्धि) देते हैं। SB5 का उपयोग 2 साल से 85 साल के व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है। 4800 अमेरिकी व्यक्तियों के नमनूे पर तीनों बुद्धि लब्धि प्राप्तांकों की विश्वसनीयता .90 के पाई गई थी और उप परीक्षणों की सीमा .70 से .85 तक थी ।

2. वेष्लर मापनियाँ - वेष्लर मापनी का विकास डॉ डेविड वेष्लर द्वारा किया गया था। उन्हांने तीन मापनियाँ विकसित की वयस्कों के लिए, स्कूली बच्चों के लिए और शिशु विद्यालय बच्चों के लिए। उनके तीनों परीक्षणों में शाब्दिक के साथ अशाब्दिक उप.परिक्षण भी शामिल हैं और जो बुद्धि और संज्ञानात्मक क्षमताओं को माप सकते हैं। उन्हांने 1939 में अपना पहला परीक्षण (वेष्लर.बेल्लव्यू मापनी) विकसित किया जब वह बेल्लव्यू अस्पताल में काम कर रहे थे। 

उन्होंने अपने परीक्षणों से बुद्धि लब्धि की गणना के लिए एक नया सत्रू तैयार किया। जसै ा कि हम जानते हैं कि बुद्धि.लब्धि का सामान्य सूत्र है,
बुद्धि लब्धि (IQ) = मानसिक आयु (MA) / कालानुक्रमिक आयु (CA) x 100

2. समूह बुद्धि परीक्षण

एक समूह परीक्षण वह है जिसे एक ही समय में एक से अधिक लोगों पर प्रशासित किया जा सकता है। अत: इन परीक्षणों का प्रशासन में जल्दी हाते ा है। कई बुद्धि परीक्षण हैं जिन्हें समूह परीक्षण के रूप में माना जा सकता है जैसे कि बहु आयामी अभिक्षमता बैटरी (एमएबी; जैक्सन, 1984), संज्ञानात्मक क्षमता परीक्षण (लाहे मान और हेगन, 2001), संस्कृति मुक्त बुद्धि परीक्षण (1940) और, रेवेन का प्रोग्रेसिव मेट्रिसीस (1938) , 1992)। 

3. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण

शाब्दिक बुद्धि भाषा आधारित तर्क का प्रयोग करके समस्याओं का उपयोग और हल करने की क्षमता है। शाब्दिक परीक्षण वे हैं जिसमें सफल प्रदर्शन करने के लिए भाषा के प्रयोग की आवश्यकता होती है। शाब्दिक बुद्धि भाषा आधारित समस्याओं को समझने और हल करने की क्षमता है। प्रारंभ में लगभग सभी बुद्धि परीक्षण केवल भाषा पर आधारित थे लेकिन बाद में यह महसूस किया गया कि ऐसे परीक्षणों का उन लोगों के लिए कोई उपयोग नहÈ है जो अनपढ़ थे, छोटे बच्चे जिन्होंने भाषा की क्षमताओं को परू ी तरह से हासिल नहÈ किया था और वाक् कठिनाइयों वाले लोग। 

शाब्दिक परीक्षणों की इस सीमा से निपटने के लिए कई मनोवैज्ञानिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणों के साथ आए। इसके अलावा अब कई मानकीकृत शाब्दिक बुद्धि परीक्षणों जैसे कि वेष्लर मापनियों और कॉफमैन मापनियों में कुछ अशाब्दिक परीक्षण घटक भी हैं।

4. अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण

बुद्धि का एक अशाब्दिक परीक्षण दृश्य जानकारी का विश्लेषण करने और शब्दों का उपयोग किए बिना समस्याओं को हल करने की क्षमता को मापता है। अशाब्दिक परीक्षणों को प्रदर्शन परीक्षणों के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उन्हें आमतौर पर कुछ पैटर्न के निर्माण की आवश्यकता होती है। 

कुछ प्रसिद्ध अशाब्दिक परीक्षण कोह के ब्लॉक डिज़ाइनपरीक्षण, घन संरचना परीक्षण (क्यूब कंस्ट्रक्शन टेस्ट) और पासअलोंग परीक्षण हैं। रेवने प्रोग्रेसिव मैट्रिसेस (1938, 1986, 1992, 1995) भी एक प्रसिद्ध अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण है जिसकी चर्चा पिछले भाग में की जा चुकी है।

5. संस्कृति मुक्त परीक्षण

प्रत्येक सस्ंकृति उनके मूल्यों, भाषा, उपेक्षाओं, मांगों और पर्यावरणीय अनुभवों के संदर्भ में अद्वितीय है। भारतीय उप शहरी क्षेत्र में पले बढे बच्चे से अमेरिका में पाला गया बच्चा कई मामलों में बहुत अलग होगा। इसलिए मनावेज्ञैनिक अलग.अलग संस्कृतियों से संबंधित व्यक्ति के मूल्यकंन के लिए ऐसे परीक्षणों की बात करते हैं जो किसी भी सांस्कृतिक पूर्वाग्रह से मुक्त हो। 

कुछ प्रसिद्ध संस्कृति मुक्त परीक्षण हैं–द कल्चर फेयर टेस्ट (कैटेलस, 1940), रेवेन के प्रोग्रेसिव मैटिस्रेस (रेवने , 1938, 1986, 1995), द लेटर इंटरनेशनल परफॉरमेंस स्केल.रिवाइज्ड (रॉड और मिलर, 1997) और ड्रा.ए. मैन टेस्ट (गुडएनफ, 1926)। ये सभी और अन्य सांस्कृतिक रूप से निष्पक्ष परीक्षण प्रकृति में अशाब्दिक हैं। 

6. संस्कृति अभिनत परीक्षण

कई मनोवैज्ञानिकों ने संस्कृति निष्पक्ष बुद्धि परीक्षणों का विकास उन्हें अशाब्दिक बनाकर किया है। हालांकि यह महसूस किया गया कि पूरी तरह से अशाब्दिक बनाने के बाद भी इन परीक्षणों से संस्कृति के प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त नहÈ किया जा सकता है। इस कारण से इन परीक्षणों के लिए “संस्कृति मुक्त” के स्थान पर “संस्कृति निष्पक्ष” शब्द का प्रयोग किया जाता है।

बुद्धि की विशेषताएँ

बुद्धि एक सामान्य योग्यता है इस योग्यता से व्यक्ति अपने को व दूसरों को समझता है। बुद्धि की विशेषताएँ इस प्रकार है -
  1. बुद्धि जन्मजात योग्यता है।
  2. बुद्धि व्यक्ति को विभिन्न बातों को सीखने में मदद करती है।
  3. यह व्यक्ति को अमूर्त चिन्तन की योग्यता प्रदान करती है।
  4. बुद्धि व्यक्ति की कठिन समस्याओं को सरल बनाती है।
  5. यह व्यक्ति को अपने अनुभवों से सीखने व उससे लाभ उठाने की क्षमता देती है।
  6. यह व्यक्ति को नवीन परिस्थितियों में सामंजस्य करने का गुण प्रदान करती है।
  7. बुद्धि पर वंशानुक्रम व वातावरण दोनों का प्रभाव पड़ता है।
  8. बुद्धि व्यक्ति को भले-बुरे, सत्य-असत्य, नैतिक-अनैतिक कार्यों में अन्तर करने की योग्यता देती है।

बुद्धि के प्रकार

  1. मूर्त बुद्धि - इस बुद्धि को यांत्रिक या गायक बुद्धि भी कहते है। इसका संबंध यंत्रों और मशीनों से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है वह यंत्रों व मशीन के कार्य में विशेष रुचि लेता है।
  2. अमूर्त बुद्धि - इस बुद्धि का संबंध पुस्तकीय ज्ञान से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है वह ज्ञानार्जन में विशेष रुचि लेता है।
  3. सामाजिक बुद्धि - इस बुद्धि का संबंध व्यक्तिगत व सामाजिक कार्यों से होता है। जिस व्यक्ति में यह बुद्धि होती है वह मिलन-सार, सामाजिक कार्यों में रुचि लेने वाला, समाज में लोगों के आपसी संबंधों को जानने वाला होता है।

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