संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) क्या है?

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एक अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी है जो ‘‘सतत मानव विकास’’ की अवधारणा को बढ़ावा देती है। इसकी स्थापना 1965 में हुई थी तथा इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों का समन्वय करता है और इसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से प्रदान किए जाने वाले स्वैच्छिक योगदान के माध्यम से धन की प्राप्ति होती है। संगठन द्वारा गरीबी उन्मूलन और गरीबों के लिए स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने जैसे अनेक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए 177 से अधिक देशों एवं क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) देशों को उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली द्वारा प्रदान की जाने वाली अधिकांश तकनीकी सहायता को संचालित एवं प्रशासित करता है। साथ ही, यह पर्यावरण के क्षरण से संबंधित मुद्दों के प्रति भी गंभीर है। विकास योजनाओं के नियोजन तथा कार्यान्वयन के लिए पर्यावरण पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की निगरानी में किया जाता है। 

वर्तमान में, किसी भी परियोजना के पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभावों को जानने के लिए प्रत्येक परियोजना प्रस्ताव की समीक्षा की जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एजेंडा 21 में निर्धारित मापदंडों के अनुसार सतत विकास के लिए राष्ट्र के स्तर पर क्षमता निर्माण में सहायता करता है। एजेंडा 21 के अंतर्गत सभी संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) में सूचना के एकत्रीकरण, पर्यावरणीय चिंताओं तथा विकास कार्यक्रमों पर अधिकतम संभव सीमा तक ध्यान देने की बात की गई है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) कार्यक्रमों की योजना विशिष्ट देशों के लिए पंचवर्षीय इकाइयों के आधार पर निर्मित की जाती है। प्रत्येक पांच साल की अवधि के अंत में, प्रत्येक विशिष्ट देश के लिए कार्यक्रमों की एक नई श्रृंखला का निर्माण किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय सहकारी फ्रेमवर्क के रूप में जाना जाता है। इसके अंतर्गत किसी नए देश में कार्यक्रम को संचालित करने के लिए उस देश के बुनियादी भौगोलिक तथा पर्यावरणीय स्थितियों को शामिल करने की सिफारिश की गई है। इसी प्रकार, एक देश के लिए पर्यावरण अवलोकन कार्यक्रम का उद्देश्य महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परिस्थितियों को उजागर करना है जिससे कोई भी विकास परियोजना या कार्यक्रम उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं का उपयोग कर सके, और साथ ही मृदा कटाव जैसी प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में वृद्धि होने से रोका जा सके। 

पर्यावरण अवलोकन कार्यक्रम (EOP) के अंतर्गत निम्नलिखित को शामिल किया जाता है: 
  1. देश के प्राकृतिक वातावरण का संक्षिप्त विवरण;
  2. प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों की पहचान; आर्थिक विकास और पर्यावरण के मध्य संबंधों का आकलन; 
  3. उपयुक्त पर्यावरणीय प्रबंधन और स्थायी विकास प्राप्त करने के लिए देश की क्षमता का मूल्यांकन; 
  4. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) राष्ट्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन से संबंधित संभावित पर्यावरणीय प्रभावों की पहचान; तथा 
  5. देश के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम की अन्य विकल्पों से तुलना। 
सितंबर 2015 में, वैश्विक नेताओं द्वारा सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 को अपनाया गया। इसका लक्ष्य गरीबी को समाप्त करना तथा पृथ्वी की रक्षा करना है साथ ही यह सुनिश्चित करना कि सभी लोग शांति और समृद्धि का जीवन जी सकें। यह विकास के ढांचे को मजबूत करने, आपदा-जोखिम में कमी करने तथा जलवायु परिवर्तन में कमी करने के लिए कार्य कर रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के एजेंडा के अनुसार, निम्नलिखित प्रमुख समाधानों की पहचान की गई है: 
  1. लोगों को गरीबी से बाहर रखना
  2. शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण तथा समावेशी समाज के लिए शासन 
  3. संकट की रोकथाम तथा क्षमता में वृद्धि 
  4. पर्यावरण विकास के लिए प्रकृति आधारित समाधान 
  5. स्वच्छ, सस्ती ऊर्जा 
  6. महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता। 
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने मानव अधिकारों के संरक्षण, महिलाओं के सशक्तिकरण तथा अल्पसंख्यकों एवं सर्वाधिक गरीब और कमजोर लोगों को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

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