आधुनिकता का अर्थ और परिभाषा

आधुनिकता का अभिप्राय उस व्यवस्था से हैं जिसमें ओद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कुछ ऐसे तत्व सम्मिलित हो गये हैं जो प्राचीन परम्पराओं में परिवर्तन ला रहैं हैं। आधुनिकता एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था का नाम हैं, जिसमें प्राचीन परम्पराओं के स्थान पर नवीन मान्यताओं को स्थान दिया गया है।

आधुनिकता का अर्थ और परिभाषा

आधुनिक शब्द अंग्रेजी के शब्द (Modern) का हिन्दी रूपान्तर हैं जिसका अभिप्राय हैं प्रचलन या फैशन जो भी समकालीन हैं अर्थात वर्तमान समय में चलन में हैं वही आधुनिक हैं, चाहें वह अच्छा हैं अथवा बुरा, हम उसे पसन्द करते हैं अथवा नहीं।

मार्डन शब्द का प्रयोग छटी शताब्दीं में समकालीन तथा प्राचीन लेखों अथवा विषयों में अन्तर करने के लिए किया जाता था। सत्रहवीं शताब्दीं में आधुनिकता शब्द का प्रयोग सीमित तथा तकनीकी संदर्भ में किया जाने लगा।

समाज के अंतिम से अंतिम मूल्यों के अनुसार रहने वाली वस्तु को आधुनिक कहते हैं। उस वस्तु के इस प्रकार के रहने के गुण अथवा स्थिति को हम आधुनिकता कहते हैं।

डेनियल लर्नर के अनुसारः-आधुनिकता प्रगति, उन्नति की ओर सम्पन्नता तथा अनुकूलन की तात्पर्यता से संबंधित मन की आकांक्षाओं की एक अवस्था ही हैं।

आधुनिकता में बाधाएं

यद्यपि भारतीय समाज में आधुनिकता का प्रसार में बाधक हैं। 

1. ग्रामीण जनसंख्या-भारत में आज भी 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गांवों में रहती हैं। कई गांव आज भी संचार सेवाओं से वंचित हैं। अतः आधुनिकता का प्रचार उतनी तेजी से नहीं हो रहा हैं।

2. अशिक्षा-भारत में अशिक्षा का साम्राज्य हैं। अशिक्षित लोग परम्पराओं को अधिक मान्यता प्रदान करते हैं। परम्पराओं के चलते आधुनिक तत्वों का प्रसार नहीं हो पाता। 

3. धर्म की प्रधानता-भारत एक धर्म प्रदान देश हैं। यहाँ के जनजीवन में ‘धर्म‘ हर क्षेत्र में व्याप्त हैं। जन्म से लेकर मृत्यु पश्चात तब अनेक धार्मिक संस्कार व्यक्ति पर किये जाते हैं। अतः आधुनिकता का प्रसार तेजी से नहीं हो पाता।

4. संयुक्त परिवार-भारतीय समाज की एक महत्वपूर्ण विशेषता संयुक्त परिवार हैं। संयुक्त परिवार में रूढ़ियों ओर परम्पराओं का महत्व अधिक होता हैं। ऐसी स्थिति में आधुनिकता के तत्वों का प्रसार नहीं हो पाता।

5. जातिवाद-भारत में जातिवाद के चलते नई बातों का प्रचलन सीमित हो जाता हैं व्यक्ति अपनी जाति का हित पहले सोचता हैं, सम्पूर्ण समाज का बाद में। जातिवाद के कारण व्यवहारों का क्षेत्र सीमित हो जाता हैं।

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